मध्यप्रदेश - भाजपा का बेड़ा हुआ पार, कांग्रेस को मिली करारी हार
भोपाल 18 अगस्त 2015 (जावेद अख्तर). मध्यप्रदेश में हुए निकाय चुनाव से
यह तो स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश की जनता फिलहाल परिवर्तन के
मूड में नहीं है और उनका अभी भी भाजपा व शिवराज सिंह पर भरोसा बरकरार
है। शिवराज सिंह चौहान के लिए स्थिति काफी नाजुक थी क्योंकि इस चुनाव के
परिणामों पर ही उनके भविष्य का दारोमदार टिका हुआ था। मगर चुनाव के परिणामों ने सभी
अटकलों को विराम दे दिया। मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव में शिवराज ने फिर से भाजपा
के कमल को खिला दिया।
संभवतः अब काफी हद तक शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी
सुरक्षित मानी जा सकती है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक और शर्मनाक
स्थिति हो गयी है। व्यापम पर शिवराज सिंह का इस्तीफा मांगने वाली कांग्रेस
के हाथों से मध्य प्रदेश से सब कुछ छिनता जा रहा है। मध्य प्रदेश की जनता
ने यह भी साबित कर दिया है कि वह व्यापम पर कांग्रेस के बहकावे में आने
वाली नहीं है। वे किसी भी कीमत पर शिवराज सिंह चौहान का साथ छोड़ने के लिए
तैयार नहीं हैं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने व्यापम को इतना मुद्दा बना
दिया कि उसके लिए देश की संसद तक नहीं चलने दी। इस वक्त व्यापम की
जांच सीबीआई कर रही है।
सभी नगर निगम हुए कांग्रेस मुक्त
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी 16 नगर निगम में पूर्ण बहुमत से
चुनाव जीत लिया है और कांग्रेस को नगर निगम से भी उखाड़ फेंका है। बीजेपी ने
आज नगर निगम चुनावों में क्लीन स्वीप करते हुए सब की सब 16 नगर निगम अपने
कब्जे में कर लिए। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि व्यापम पर शिवराज सिंह
को इतना घेरने के बाद भी कांग्रेस के हाथों से 8 नगर निगम भी छिन गए। कांग्रेस का शिवराज सिंह का इस्तीफ़ा मांगने का जबाब मध्य प्रदेश की जनता ने
दे दिया है। अगर चुनाव नतीजों पर ध्यान दें तो ऐसा नहीं लगता कि मध्य
प्रदेश की जनता को शिवराज सिंह चौहान से कोई गिला शिकवा है।
क्या कहा शिवराज सिंह चौहान ने
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि 'इस चुनाव में भी नकारात्मक राजनीति
करनेवालों को जनता ने पूरी तरह नकार दिया है। विकास के लिए प्रतिबद्ध सरकार
को जनता ने पुनः अपना स्नेह दिया।' मुख्यमंत्री ने चुनाव जीतने पर
जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि 'नगरीय निकाय चुनाव में जनता से मिले
अपार स्नेह, विश्वास के लिए हम अत्यंत आभारी हैं। प्रदेश विकास का रथ हम
तेज़ी से आगे बढ़ाने में सफल होंगे।
पीएम मोदी ने जीत पर दी बधाई, ट्वीट में शिवराज का जिक्र तक नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय के चुनावों को
दिल खुश करने वाला बताया हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर नतीजों पर खुशी जाहिर
की। उन्होंने भाजपा पर भरोसा कायम रखने के लिए मध्य प्रदेश की जनता का आभार
जताया। हालांकि, मोदी ने अपने ट्वीट में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान का जिक्र नहीं किया है। मोदी के विदेश दौरे पर रवाना होने के
पहले किए गए इस ट्वीट के राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। संयुक्त अरब
अमीरात के दौरे पर रवाना होने पहले मोदी ने मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय
चुनाव के नतीजों पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टिवटर के जरिए प्रतिक्रिया दी।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे प्रसन्न कर
देने वाले हैं। मध्य प्रदेश के लोगों का भाजपा में भरोसा बनाए रखने के लिए
धन्यवाद. मैं कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं के प्रयास को सलाम करता हूं।
मोदी ने हाल ही में बिहार में एक रैली के दौरान सीएम शिवराज की तारीफ की
थी और कहा था कि उन्होंने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से बाहर निकाला।
इसके बाद काफी राजनीतिक बवाल मचा था। ऐसे में भाजपा के राजनीतिक गलियारों
में चर्चा ये भी है कि व्यापमं मुद्दे पर पीएम की चुप्पी और शिवराज के दामन
पर लगे दाग की वजह से ट्वीट में किसी भी व्यक्ति विशेष का जिक्र नहीं किया
गया। मध्य प्रदेश के 10 नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा अब तक 7 जगहों पर जीत
दर्ज कर चुकी है। मुरैना में मेयर पद के उम्मीदवार पर भाजपा ने जीत दर्ज
की तो वहीं, कांग्रेस केवल सारंगपुर में जीत हासिल कर सकी है। छतरपुर जिले
के घुवारा में निर्दलीय अरुणा राजे ने जीत हासिल की है।
मतगणना में
नगर पालिका निगम उज्जैन, मुरैना, नगरपालिका परिषद विदिशा, हरदा और नगर
परिषद कोटर, भैंसदेही, चाकघाट और सुवासरा में जहां भारतीय जनता पार्टी ने
परचम लहराया वहीं सारंगपुर में कांग्रेस और नगर परिषद धुवारा में निर्दलीय
प्रत्याशी ने विजय प्राप्त की। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी
पुरानी सीटों को कायम रखने के साथ ही कांग्रेस से 4 नगरीय निकाय छीनने में
भी सफलता प्राप्त की है। नगरीय निकाय मुरैना, हरदा, भैंसदेही और कोटर में
पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे।
चुनाव परिणाम एक नजर में
वर्तमान चुनाव के बाद प्रदेश के स्थानीय निकाय एक नजर में
नगर निगम : 16
भाजपा : 16
नगर पालिका 98 में से 69 में चुनाव हुए
भाजपा : 42
कांग्रेस : 18
अन्य : 9
नगर परिषद 264 में से 208 में चुनाव हुए
भाजपा : 123
कांग्रेस : 59
अन्य : 26
जिला पंचायत 51 में से 50 में चुनाव हुए
भाजपा :41
कांग्रेस : 7
अन्य : 2।
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नगर निगम : 16
भाजपा : 16
नगर पालिका 98 में से 69 में चुनाव हुए
भाजपा : 42
कांग्रेस : 18
अन्य : 9
नगर परिषद 264 में से 208 में चुनाव हुए
भाजपा : 123
कांग्रेस : 59
अन्य : 26
जिला पंचायत 51 में से 50 में चुनाव हुए
भाजपा :41
कांग्रेस : 7
अन्य : 2।
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नगर निगम
उज्जैन - भाजपा
मुरैना - भाजपा
नगर पालिका
विदिशा - भाजपा
हरदा - भाजपा
सारंगपुर - कांग्रेस
नगर परिषद
भैंसदेही - भाजपा
कोटर - भाजपा
चाकघाट - भाजपा
सुवासरा - भाजपा
घुवारा - निर्दलीय
विस्तृत चुनाव परिणाम
निकाय / जीते - हारे / जीत का अंतर / उलटफेर
नगर निगम
1. मुरैना / अशोक अर्गल(भाजपा) - राजेन्द्र सोलंकी (कांग्रेस) / 12026 / पहली बार चुनाव
2. उज्जैन / मीना जोनवाल(भाजपा) - कविता गोमे (कांग्रेस) / 23925 / भाजपा का कब्जा बरकरार
नगर पालिका
3. विदिशा / मुकेश टंडन(भाजपा) - महेन्द्र यादव (कांग्रेस) / 8499 / भाजपा का कब्जा बरकरार
4. हरदा / साधना जैन(भाजपा) - उषा गोयल (कांग्रेस) / 8545 / कांग्रेस से छीनी
5. सारंगपुर / रूपल साहनी (कांग्रेस) - कृष्णा देवी (भाजपा) / 1977 /कांग्रेस का कब्जा बरकरार
नगर परिषद
6. भैंसदेही / अनिल सिंह ठाकुर(भाजपा) - प्रतिला सतीश धाडसे(कांग्रेस) / 1218 / कांग्रेस से छीनी
7. कोटर / शांतिदेवी शर्मा(भाजपा) - अंजू राजेन्द्र कुमार(निर्दलीय) / 64 / कांग्रेस से छीनी
8. चाकघाट / मीनाक्षी केशरवानी(भाजपा) - वंदना केशरवानी(कांग्रेस) / 772 / कब्जा बरकरार
9. सुवासरा / मगनलाल(भाजपा) - संदीप वर्मा (कांग्रेस) / 126 / कांग्रेस से छीनी
10. घुवारा / अरुण राजे (निर्दलीय) - गुड्डी जाहर (भाजपा) / 3089 / भाजपा से छिनी
वर्तमान चुनाव के बाद प्रदेश के स्थानीय निकाय एक नजर में
नगर निगम - 16
बीजेपी - 16
नगर पालिका - (98 में से 69 में चुनाव हुए)
बीजेपी - 42
कांग्रेस - 18
अन्य - 09
नगर परिषद - (264 में से 208 में चुनाव हुए)
बीजेपी - 123
कांग्रेस - 59
अन्य - 26
जिला पंचायत - (51 में से 50 में चुनाव हुए)
बीजेपी - 41
कांग्रेस - 07
अन्य - 02
विधानसभा में स्थिति
कुल सीट - 230
भाजपा - 164
कांग्रेस - 58
बसपा - 04
निर्दलीय - 03
खाली - 01
लोकसभा सीटों की स्थिति
कुल सीट - 29
भाजपा - 26
कांग्रेस - 02
खाली - 01
मुरैना नगर निगम चुनाव 2015-16 परिणाम
इतिहास में 67 सालों बाद पहली बार भाजपा के अशोक अर्गल 11 हजार 9 सौ 26 वोटों से जीतकर मुरैना नगर निगम के पहले महापौर बने।
उज्जैन के नगर निगम चुनाव पर एक नज़र
नगर निगम चुनाव के परिणाम रविवार दोपहर १:४० बजे नतीजे घोषित किए गए।
महापौर पद के लिए भाजपा की मीना जोनवाल २४,१५३ मतों से विजयी घोषित हुईं।
मीना जोनवाल को १,३४,९७६ वोट मिले तो वहीं उनकी कांग्रेसी प्रतिद्वंदी कविता गोमे को १,१०,८३७ वोट मिले।
उधर ५४ वार्डों में भाजपा ३४, कांग्रेस १४ व ०६ निर्दलीय विजयी रहे।
निर्दलीयों में एक कांग्रेस समर्थित सपना सांखला शामिल हैं।
दो वार्डों २८ व ४९ में पुनर्मतगणना के बाद परिणाम जारी हुए।
वार्ड २८ में नगर पालिका अध्यक्ष सोनू गहलोत ४३ मतों से विजयी हुए थे
इसलिए उनके प्रतिद्वंदी पकंज चौरसिया ने इसकी अपील की थी।
शहर में जश्न का माहौल
जीत के बाद से ही शहर में विजयी प्रत्यशियों के होर्डिंग लगा दिए गए।
स्थानीय संवाददाता ने बताया कि फ्रीगंज और शहर में जीते हुए प्रत्याशियों
के समर्थकों ने होर्डिंग लगा दिए। जगह- जगह ढोल नगाड़ों से विजयी
प्रत्याशियों का स्वागत किया जा रहा है।
मतगणना केंद्र पर पुलिस और मीडियाकर्मी उलझे
नगर निगम चुनावों को लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज में गणना कक्ष में प्रवेश को
लेकर मीडियाकर्मियों और पुलिस के बीच विवाद की स्थिति बन गई। केंद्र पर
गणना के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मीडियाकर्मियों को कक्ष
में मोबाइल ले जाने से रोक दिया। इस पर मीडियाकर्मी नाराज हो गए।
मीडियाकर्मियों का कहना था कि उन्हें जानकारी अपडेट करने के लिए मोबाइल की
आवश्यकता है, जबकि पुलिसकर्मियों ने उन्हें मोबाइल लेकर नहीं जाने दिया। इस
पर दोनों पक्षों में हल्का विवाद हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी
मिली और वे वहां पहुंचे और मामले को शांत कराया। हालांकि विवाद के बाद
मीडियाकर्मियों को मोबाइल के साथ प्रवेश दिया गया।
विजयी प्रत्याशियों की सूची
वार्ड १ संजय कोरट - भाजपा
वार्ड २ विनिता शर्मा - भाजपा
वार्ड ३ गुलनाज खान - कांग्रेस
वार्ड ४ राजेश सेठी - भाजपा
वार्ड ५ निशा बुद्धि सेंगर - भाजपा
वार्ड ६ सारिका रवि वाघेला - भाजपा
वार्ड ७ प्रमिला मीणा - कांग्रेस
वार्ड ८ निर्मला गोपाल कनोडिय़ा - भाजपा
वार्ड ९ सपना सांखला - कांग्रेस समर्थित
वार्ड १० प्रेमलता गहलोत - भाजपा
वार्ड ११ गफ्फार पहलवान - कांग्रेस
वार्ड १२ माया त्रिवेदी - कांग्रेस
वार्ड १३ जफर बानो- भाजपा
वार्ड १४ सलीम कबाड़ी - निर्दलीय
वार्ड १५ कलावती यादव - भाजपा
वार्ड १६ करुणा आनंद जैन - भाजपा
वार्ड १७ मांगीलाल कडेल - भाजपा
वार्ड १८ शैफाली राकेश राव - भाजपा
वार्ड १९ आजाद यादव - कांग्रेस
वार्ड २० ज्योति संजय राव - भाजपा
वार्ड २१ अनिता सुरेश राठौर - भाजपा
वार्ड २२ सोनू गेहलोत - भाजपा
वार्ड २३ मीना नारायण बाथरी - भाजपा
वार्ड २४ आरती जीवन गुरु - भाजपा
वार्ड २५ डॉ. योगेश्वरी राठौर - भाजपा
वार्ड २६ सत्यनारायण चौहान- भाजपा
वार्ड २७ रहीम सुल्तान लाला - कांग्रेस
वार्ड २८ रेखा बेन गहलोत - कांग्रेस
वार्ड २९ शैलेंद्र यादव - निर्दलीय
वार्ड ३० मोहम्मद फारुक बड़ा राजू - भाजपा
वार्ड ३१ जफर अहमद - कांग्रेस
वार्ड ३२ मुजफ्फर हुसैन - भाजपा
वार्ड ३३ लीला हुकम वार्म - भाजपा
वार्ड ३४ गीता राजेश चौधरी - भाजपा
वार्ड ३५ नीलू रानी खत्री - भाजपा
वार्ड ३६ दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी - भाजपा
वार्ड ३७ प्रेमलता बैंडवाल - भाजपा
वार्ड ३८ राजश्री जोशी - भाजपा
वार्ड ३९ मीना तिलकर - कांग्रेस
वार्ड ४० आत्माराम मालवीय - निर्दलीय
वार्ड ४१ ताराबाई मालवीय - कांग्रेस
वार्ड ४२ राधेश्याम वर्मा - भाजपा
वार्ड ४३ राजकमल लालावत - भाजपा
वार्ड ४४ बुद्धिप्रकाश सोनी - भाजपा
वार्ड ४५ हेमलता कुंवर - कांग्रेस
वार्ड ४६ रिंकु दीपक बैलानी - भाजपा
वार्ड ४७ विजय सिंह दरबार - कांग्रेस
वार्ड ४८ संतोष यादव - भाजपा
वार्ड ४९ संतोष व्यास - निर्दलीय
वार्ड ५० विकास मालवीय - निर्दलीय
वार्ड ५१ शैलेंद्र बीनू कुशवाह - कांग्रेस
वार्ड ५२ राजेंद्र वशिष्ठ - कांग्रेस
वार्ड ५३ सुनील बोरासी - भाजपा
वार्ड ५४ हिम्मतलाल देवड़ा - कांग्रेस