छत्तीसगढ - कमल विहार पर फंसी सरकार, मुख्यमंत्री ने मांगा पूर्ण ब्यौरा
छत्तीसगढ 7 अगस्त 2015 (जावेद अख्तर). कमल विहार मामले में रमन सरकार बुरी तरह से घिर गई प्रतीत होती है। कमल विहार की योजना के लिए सरकार ने 550 करोड़ रुपए सेंट्रल बैंक से लोन ले रखा है। योजना लगभग अंतिम स्टेज में पहुंच चुकी है। ऐसे में मास्टर प्लान, जमीन अधिग्रहण को लेकर हुई सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है। इस मसले पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इस मसले पर आगे की कार्रवाई के लिए भी पूरा ब्योरा सुनिश्चित कराने को कहा है।
बताते चलें कि कमल विहार के लिए सरकार ने जो लोन लिया है वह ब्याज समेत बढ़कर साढ़े सात करोड़ से ज्यादा पहुंच गया है। इधर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कमल विहार के प्लाट आवंटन को लेकर हो रही रजिस्ट्री भी संकट में पड़ गई है। कांग्रेसियों ने रजिस्ट्री पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके संबंध में एक पार्टी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। कमल विहार के मसले पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्री राजेश मूणत भी खुद इस पूरे मसले पर अफसरों और वकीलों से रायशुमारी करने में जुट गए हैं। कमल विहार को लेकर जल्द ही शासन स्तर पर एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जा सकता है। यह साफ हो चुका है कि सरकार की ओर से आरडीए सुप्रीम कोर्ट में कमल विहार की पूरी स्कीम के संबंध में रिव्यू पिटिशन लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें आरडीए और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तमाम अफसर मौजूद हैं।
नया रायपुर के प्रोजेक्ट पर भी संकट
जानकारों का कहना है कि सरकार जिस तरीके से कमल विहार और पुराने रायपुर में योजनाओं को लागू करने में जुटी है, उससे नया रायपुर में सभी कॉलोनियों और दूसरे प्रोजेक्ट पर संकट गहरा गया है। हाउसिंग बोर्ड के कई प्रोजेक्ट नया रायपुर में तैयार हो चुके हैं। वहां लोगों का रुझान भी कम देखा जा रहा है। ऐसे में कमल विहार के कई प्रोजेक्ट पुराने रायपुर में ही लागू किए जाने से नए रायपुर की योजनाओं पर संकट पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार कमल विहार की दूसरी कॉलोनी और सरकार के दूसरे प्रोजेक्ट को लेकर भी मंथन
शुरू हो गया है। दूसरे प्रोजेक्ट को कमल विहार स्कीम और इसके नियमों से अलग
किया जा सकता है, ताकि लोग इस पर आपत्ति न करें।