कानपुर - नेताओं से पीडित पत्रकार, अब आंदोलन करने को तैयार
कानपुर 9 अगस्त 2015. फर्जी मुकदमों में फंसाये जाने से प्रताडित एक पत्रकार अब भाजपा नेताओं के खिलाफ आंदोलन करने को तैयार है। थाने से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवायी न होने से आजिज आ कर पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट आलोक कुमार अब नेताओं को उन्हीं की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं।
आलोक कुमार ने ख्ुालासा टीवी को बताया कि बीती 30 मई को डी.बी.एस कालेज कानपुर के प्रोफ़ेसर पंकज शुक्ल द्वारा किदवई नगर
थाने में भाजपा नेताओं के माध्यम से दबाव डलवाकर एक फर्जी मुकदमा कायम कराया गया था, जिस में पंकज शुक्ल ने
उनका नाम फर्जी तरीके से डलवाया था। इस मामले में पुलिस पंकज शुक्ल एवं भाजपा नेताओं के दबाव में चार्जशीट भी लगा
चुकी है, परंतु इससे भी तसल्ली न होने पर इस मामले को भाजपा नेताओं ने एक निजी समाचार
चैनेल न्यूज नेशन के सहयोग से बिना तथ्यों को जाने, दूसरे पक्ष से मिल कर एक तरफा एवं प्रायोजित खबर
दिखाई और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा इस सम्बन्ध में आंदोलन की भी उस चैनेल पर घोषणा कर
दी गयी। साथ ही जब आलोक कुमार द्वारा सभी तथ्य एवं साक्ष्य भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री लक्ष्मी
कान्त बाजपेयी जी एवं उक्त निजी समाचार चैनल को दिए तो दोनों ही तरफ से किसी
भी जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा उनका पक्ष जानने का भी प्रयास नहीं किया। श्री आलोक ने कहा कि वो अभी भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से आशा रखते हैं कि वे सही और न्याय हित की बात कहें ।
अन्यथा उन्हें लक्ष्मी
कान्त बाजपेयी के खिलाफ आंदोलन करना पडेगा और निजी समाचार चैनल को पत्रकारिता के
मौलिक सिद्धांतों की अवहेलना करने के कारण क़ानूनी नोटिस देनी पड़ेगी ।
इस विषय में जब हमने भाजपा के जिला अध्यक्ष श्रीमान सुरेन्द्र मैथानी से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान लक्ष्मी कान्त बाजपेयी ने 10 तारीख़ तक पंकज शुक्ल के अनुसार उचित कार्यवाही ना होने पर विचार करने की बात कही थी। साक्ष्यों, तथ्यों और चार्जशीट लगवाने की बात पर वो सिर्फ गोल मोल जवाब देते रहे। अब सवाल ये है कि क्या भाजपा के नेता और उक्त निजी चैनल गलत का साथ देते हैं, सही खबरों और सही के साथ खड़े होने, सही बात कहने की बातें सिर्फ ढकोसला हैं।