आरक्षण आंदोलन : सीएम आनंदी बेन ने की लोगों से शांति बनाये रखने की अपील
अहमदाबाद 26 अगस्त 2015 (IMNB). गुजरात में पटेल समुदाय की ओबीसी काेटे में आरक्षण की मांग हिंसक हो गई है। समुदाय ने आज आज प्रदेश भर में बंद का आह्वान किया था। बंद को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के ताैर पर अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, कपोदरा, राजकोट, उंझा और विसनगर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। 2002 दंगे के 13 साल बाद अहमदाबाद में पहली बार कर्फ्यू लगा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में बीएसएफ और आरएएफ की छह कंपनियों को तैनात किया गया है। हालांकि आज सुबह से कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से फाेन पर बात की तथा राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। गृह मंत्रालय लगातार गुजरात सरकार के संपर्क में है। हिंसा से निपटने के लिए सीआरपीएफ के पांच हजार जवानों को गुजरात रवाना किया गया है। मामले में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस तरह से हिंसा भड़काना खतरनाक है। हालात राज्य सरकार के नियंत्रण में है। हम स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। उधर, मुख्यमंत्री आनंदी बेन ने ट्वीट कर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्हाेंने लोगों से किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। मूख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर से श्रृंखलाबद्ध घटनाओं की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उधर, सूरत में आज डायमंड बाजार बंद रहेंगे। इसके साथ ही राजकोट में स्कूल और कॉलेजों काे बंद कर दिया गया है। कपोदरा और सरधाना में हिंसा के बाद आज एतहितयात के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच, आंदोलन के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंसा से हमारा आंदोलन कमजोर हो सकता है।
इससे पहले कल गुजरात के कई शहर आरक्षण के नाम पर हिंसा के हवाले हो गए। आरक्षण की मांग पर पाटीदार यानी पटेल समुदाय की महारैली में लाखों लोगों की भीड़ के बीच उनके नेता हार्दिक पटेल ने पहले अपने भाषण से आग उगली। कल सुबह नारों और धमकियों से शुरू हुई महारैली शाम होते-होते हिंसक हो गई।
अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान से हार्दिक पटेल ने कहा, 'अगर सड़क पर उतर कर अधिकारों की मांग कर रहे युवाओं की मांगें पूरी नहीं हुई तो उनमें से कुछ नक्सली और कुछ आतंकी बन सकते हैं।' हार्दिक को जबरदस्ती उठाने व पुलिस के लाठीचार्ज से नाराज पाटीदारों ने गुजरात भर में हिंसा व आगजनी की।
गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत में 20 स्थलों पर बसें जलाने व 50 से अधिक मोटर साइकिल को आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया, गोता में बसें जलाई गईं जबकि राणिप, न्यू राणिप, गोता, वाडज, साबरमती, वालीनाथ चौक व सौराष्ट्र व वडोदरा में कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुईं। जीएसटी पर रेलवे पटरियां उखाडऩे की कोशिश हुई व रेलिंग को तोड़ा गया। सीएम के गृह जनपद मेहसाणा में कर्फ्यू लगाना पड़ा। सूरत में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। यहां भी दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू है। गुजरात पुलिस का कहना है कि सभा करने के लिए समिति को शाम छह बजे तक मैदान दिया गया था। इसलिए देर शाम हार्दिक तथा उनके छह साथियों को पुलिस हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच ले गई थी।