NIA के समक्ष पाक आतंकी कासिम ने किए 10 बड़े खुलासे
जम्मू 07 अगस्त 2015 (IMNB). उधमपुर में सेना के काफिले पर हमला करने वाले गिरफ्तार आतंकी नावेद उर्फ इकबाल उर्फ कासिम ने एनआईए से हुई पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। इन खुलासों से एनआईए को उसे जानने में काफी मदद मिल सकती है। आज एनआईए की टीम उसे श्रीनगर लेकर जाएगी, जहां उसे उन जगहों पर ले जाया जाएगा जिनका जिक्र उसने पूछताछ के दौरान किया है।
गौरतलब है कि कासिम को अपना नागरिक मानने से पाकिस्तान जहां इंकार कर चुका है वहीं पाकिस्तान निवासी उसके पिता ने माना है कि वह उसकी औलाद है। उसके पिता ने अपने आपको बदकिस्मत बाप बताया है। इन तमाम खुलासों से पाकिस्तान फिर से कटघरे में हैं। इससे पहले मुंबई पर हमला करने वाले कसाब को भी पाकिस्तान ने अपना नागरिक मानने से मना कर दिया था।
कासिम से मिली अहम जानकारियां
- नावेद ने बताया है कि वह 18 माह पहले लश्कर ए तैयबा से जुड़ा था और हमले को लेकर कड़ी ट्रेनिंग भी की थी। ट्रेनिंग के लिए उसे मुजफ्फराबाद के कैंप ले जाया गया था। इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जफरभाई से मिला था। इस कैंप में नावेद को एके-47 चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। उसने बताया कि उसने लश्कर-ए तैयबा के आतंकी शिविर में 'दौर-ए-आम' और 'दौर-ए-खास' दो कोर्स किए हैं। पहले कोर्स में शारीरिक रूप से फिट रहना, पर्वतारोहण और छोटे हथियार चलाना सिखाया जाता है जबकि दूसरे में छोटे-छोटे विस्फोटक तैयार करना तथा घातक हथियार चलना सिखाया जाता है।
- एनआईए को कासिम से से यह भी जानकारी मिली है कि 2 जून 2015 को बारामूला के पास से चार आतंकी कश्मीर में दाखिल हुए थे। यहां उनका मकसद अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाना था। उसको कहा गया था कि जो मिले उसको मार दो।
- कासिम ने बताया है कि हमले से दो महीने पहले तक उसने कश्मीर में रहते हुए खूब मस्ती की और कश्मीर में घूमा था। इस दौरान वह कुछ स्थानीय लोगों के भी संपर्क में था। कासिम के मुताबिक 24 जुलाई से 4 अगस्त तक उसके सभी साथी कुलगाम में रहे। इनमें उसके अलावा नोमीन, ओकाशा और मोहम्मद भाई शामिल था।
- उसने एनआईए को बताया कि दो महीने तक घाटी में रहने के दौरान वो कई पाकिस्तानी लोगों से मिला, जिनसे उसको और उसके साथियों को मदद दी। उधमपुर हमले के लिए उन्हें हथियार भी लोकल मॉडयूल के जरिए ही मिले थे। ऊधमपुर में हमला करने वाले आतंकी उसी दल का हिस्सा थे जिन्होंने गुरदासपुर के दीनानगर में हमला किया था।
- कासिम ने खुद को पांचवीं पास बताया। हालांकि अपनी जन्म तिथी को लेकर वह आश्वस्त नहीं है। पूछताछ में उसने बताया कि उसका जन्म पाकिस्तान के फैसलाबाद में 1996 में हुआ था और वह मोहम्मदाबाद में खुईवाला के रफीक कॉलोनी में गली नं.- 3 में रहता है। कासिम ड्रग्स का सेवन करने का भी आदी है, हमले से पहले भी नावेद और उसके साथी ने ड्रग्स ली थी।
- पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसे उत्तरी कश्मीर के साथ लगते गुलाम कश्मीर में मुजफ्फराबाद के कंडी हबीबउल्ला इलाके में 21 दिन की ट्रेनिंग दी गई थी, जिसमें स्वचालित हथियारों को चलाने व बारूदी सुरंग बिछाने का प्रशिक्षण दिया गया।
- ट्रेनिंग के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर व मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के बेटे तल्ला हाफिज सईद ने उसे जेहाद का पाठ पढ़ाया था, जिसमें उसने नावेद को कश्मीर में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के बारे में बताया और कहा कि वहां मुसलमान सुरक्षित नहीं है।
- वह उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके से भारतीय क्षेत्र में घुसा। कश्मीर के टंगधार के साधना पास से वह भारतीय क्षेत्र में पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात बताए गए लश्कर के एक कमांडर से हुई। इसके बाद वह और उसके साथी मोमिन ऊधमपुर पहुंचे और एक रात चिरड़ी में एक मस्जिद में गुजारी।
- कासिम ने यह खुलासा भी किया कि कुपवाड़ा से छह आतंकियों के ग्रुप ने घुसपैठ की है और हर ग्रुप में दो से तीन आतंकी शामिल हैं।
- उसने बताया कि आते समय वे लोग तंगमार्ग और बाबा रेशी में ठहरे थे। इसके बाद उन्होंने अपना ठिकाना बदलकर दक्षिण कश्मीर में अवंतीपुरा-पुलवामा कर लिया जहां वह एक पहाड़ी के निकट गुफा में रुका।