एक इंसान, जिसे संता-बंता ने बना दिया अरबपति
चंडीगढ़, 04 नवम्बर 2015 (IMNB). संता-बंता के नाम से सरदारों पर बनाए गए चुटकुलों को लेकर भले ही कुछ लोग विरोध कर रहे हों और ऐसी वेबसाइट्स पर बैन की मांग उठा रहे हों, लेकिन संता-बंता ने चंडीगढ़ के जे.डी घई को अरबपति बना दिया। अपने साथ एक आइडिया लेकर 16 साल पहले जे.डी घई लुधियाना से चंडीगढ़ आए और संता-बंता के नाम से एक वेबसाइट शुरू की।
परिवार के परंपरागत बिजनेस को छोड़कर हंसाने का बिजनेस शुरू करने पर उनके परिवार के लोग और दोस्त उन पर हंसे, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और संता-बंता डॉट कॉम को धीरे-धीरे उन्होंने आगे बढ़ाया। मौलिक चुटकुले बनाने वाली उनकी आठ लोगों की टीम ने आज पूरी दुनिया में जगह बना ली है।
बड़ी-बड़ी मोबाइल कंपनियां, मीडिया हाउस और कुछ लोग ऐसे हैं जो सीधे उनसे चुटकुलों को खरीदते हैं। घई बताते हैं कि परिवार उनकी दादी को बंतो के नाम से बुलाते थे और उनकी बहन संतो थी। परिवार में उनको लेकर बहुत सी हंसी मजाक की बातें होती थी और उनके दिमाग में नाम का आइडिया भी उनके नाम से आया।
उनकी कंपनी में आठ कर्मचारी काम करते हैं जो कि दिन रात चुटकुलों को बनाने के बारे में सोचते हैं। अलग-अलग श्रेणियों में उनके चुटकुले मांग के अनुसार और हर जरूरत के हिसाब से चुटकुले तैयार किए जाते हैं।
आज उनकी वेबसाइट को छह लाख से ज्यादा लोग हर दिन देखते है और इस कंपनी की कीमत एक अरब रुपये से भी ज्यादा की बताई जाती है।
हालांकि संता-बंता को लेकर विरोध और विवाद पर जेडी घई कुछ भी कहने से इंकार करते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला अदालत में भी है इसलिए वे इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे। उनके उपभोक्ताओं में सिर्फ पुरुष नहीं हैं बल्कि बड़ी संख्या महिलाओं की भी है जो कि अपनी किटी पार्टीज में उन्हें शेयर करती है।
कंपनी से जुड़े लोग बताते हैं कि संता-बंता की छवि धर्म निरपेक्ष है और इस बात को बेहद ध्यान रखा जाता है कि उनके चुटकुलों से किसी की धार्मिक या फिर किसी अन्य तरह की भावनाएं आहत नहीं हो।