फूड पार्क के बाद अब राहुल गांधी की अमेठी से छिनी पेपर मिल
नई दिल्ली 10 दिसंबर 2015 (IMNB). केंद्र में मोदी सरकार के आने का असर राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की विकास परियोजनाओं पर देखा जाने लगा है। पहले अमेठी से फूड पार्क गई और अब इससे पेपर मिल छीनने की आशंका भी बलवती हो गई है। कैबिनेट जल्द ही महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 3650 करोड़ रुपये की लागत से एक पेपर मिल लगाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे सकती है।
इस संबंध में कैबिनेट मंत्री अनंत गीते ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।
मोदी सरकार में शिवसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले भारी उद्योग मंत्री अंनत गीते ने बताया कि हमने इस बारे में वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है और अन्य मंत्रालयों से भी उनकी राय मांगी है। जैसे ही उनके विचार सामने आ जाते हैं, इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के सामने विचार के लिए रखे जाने से पहले इस प्रस्ताव पर दूसरे मंत्रालयों की राय का इंतजार किया जाएगा।
इससे पहले यह पेपर मिल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में शुरू होना था। राहुल गांधी के क्षेत्र अमेठी में इसके लिए जगदीशपुर का चयन भी कर लिया गया था। लेकिन, महाराष्ट्र में इस मिल को लगाए जाने की अनंत गीते की मांग के बाद रत्नागिरि को चुना गया है।
माना जा रहा है कि इस परियोजना से 900 लोगों को रोजगार मिलेगा। पेपर मिल से पहले सरकार ने जगदीशपुर में एक मेगा फूड पार्क लगाए जाने का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया था। तब लोकसभा में राहुल गांधी ने शक्तिमान फूड पार्क का मसला भी उठाया था और मोदी सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया।
हालांकि केंद्र सरकार ने इन आरोपों के जवाब में कहा कि खुद UPA सरकार में पेट्रोलियम मंत्रालय ने अमेठी को रियायती दरों पर गैस की आपूर्ति करने से मना कर दिया था और इसी वजह से अमेठी में मेगा फूड पार्क शुरू नहीं किया जा सका।
UPA के दौर में अमेठी और उसके आस-पास की जगहों के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा की गईं लेकिन उनमें से ज्यादातर अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं।