पठानकोट हमला : एसपी का खुलासा, आतंकियों ने पुलिस से ही पूछा था एयरबेस का पता
पठानकोट 04 जनवरी 2016 (IMNB). यदि अगवा हुए एसपी सलविंदर सिंह का बयान सही है तो कहा जा सकता है कि आतंकी मामले में पंजाब पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही है। एसपी ने खुलासा किया है कि आतंकी उन्हें गाड़ी समेत अगवा करके ले जा रहे थे तब पुलिस ने एक नाके पर गाड़ी रोकी थी। गाड़ी की बाहर से जांच भी की थी, लेकिन ठीक से तलाशी नहीं ली। वहां एक आतंकी ने पुलिस से एयरफोर्स बेस का पता भी पूछा था।
सलविंदर सिंह ने,एक बातचीत में कहा है कि आतंकियों ने उन्हें पीटा भी था। गाड़ी में उन्हें नीचे बिठाया दिया। अपहर्ताओं से मुक्त होने के तत्काल बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को मामले की सारी जानकारी दे दी थी। वे दरगाह से माथा टेककर लौटते समय अगवा हुए थे।
उनके अनुसार आतंकी पंजाबी,उर्दू तथा हिन्दी बोल रहे थे। एसपी के अनुसार आतंकियों को इस बात का पता नहीं था कि वह एसपी हैं। यही कारण है कि उनकी जान बच गई। आतंकियों की ओर से अपहरण के बाद वह इस कदर घबरा गए थे कि उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। आतंकियों ने उन्हें धमकाया था कि जिस स्थान पर उन्हें छोड़ा जा रहा है, यदि वहां से हिले तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। आतंकियों के चेहरे पर दाढ़ी थी।
एपी के दोस्त राजेश वर्मा के अनुसार, अगवा एसपी सलविंदर सिंह को अकालगढ़ के समीप छोड़कर जब आतंकी आगे बढ़ रहे थे तब गाड़ी चला रहे एसपी के दोस्त राजेश वर्मा का हाथ हूटर पर लग गया, जिससे हूटर बज पड़ा। जिस समय हूटर बजा, उस समय आतंकी एसपी के फोन से ही पाकिस्तान स्थित अपने आका से बात कर रहे थे।
हूटर की आवाज सुनकर आका ने बताया था, किसी अधिकारी की गाड़ी है। उसे ढूंढकर खत्म करो। आका का निर्देश मिलते ही फोन पर बात करने वाले आतंकी राजेश को गाड़ी वापस मोडऩे को कहा। जिस स्थान पर एसपी व उसके कुक मदन लाल को खड़े रहने के निर्देश दिए हुए थे वहां पर जब एसपी नहीं मिला तो गुस्साए आतंकियों ने राजेश वर्मा का गला रेत कर उसे मारने का प्रयास किया।
आतंकवादी 18 से 22 साल की उम्र के बीच के हैं। उनकी ट्रेनिंग इतनी पुख्ता थी कि वह पल भर में गाड़ी की नीली बत्ती उतारते थे और चढ़ाते थे। आतंकियों ने राजेश से पूछा कि गाड़ी किसकी है। एसपी क्या होता है? फिर पूछा, कहीं डीएसपी को तो नहीं कहा जाता? वर्मा ने कहा, हां। इस पर आतंकवादियों ने वर्मा को गाड़ी तेज चलाने के निर्देश दिये।
राजेश के अनुसार, आतंकवादी के पास अपना मोबाइल भी था। इस मोबाइल में वह जीपीएस के साथ पाकिस्तान जुड़े हुए थे। पाकिस्तान में बैठे व्यक्ति उन्हें रास्ता बता रहे थे। जब नलवा नहर के नजदीक पहुंचे तो पाकिस्तान में बैठे हुए आतंकियों ने बताया कि नीली लाइन आ गई है। ये नहर है। इसके साथ ही एयरबेस है। यह भी पूछा था कि अमृतसर स्थित एयरबेस पहुंचने में कितना वक्त लगेगा। इससे जाहिर है अमृतसर एयरबेस भी निशाने पर था।