अमित जोगी छः वर्षों के लिए कांग्रेस खेमे से बाहर, छत्तीसगढ़ की राजनीति में कारवाई का पड़ेगा असर
छत्तीसगढ़ 7 जनवरी 2016 (ब्यूरो छत्तीसगढ़). रायपुर। रायपुर के गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की अहम बैठक ली गई जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए विधायक अमित जोगी को 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया वहीं उनके पिता अजीत जोगी के निष्कासन का निर्णय भी पारित किया गया है, अमित जोगी मरवाही सीट से एमएलए हैं। इसकी सूचना एआईसीसी को भेजी जाएगी।
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी पर अंतागढ़ सीट सौदेबाजी का आरोप था। कांग्रेस नेताओं और वर्कर्स की मीटिंग में बुधवार को यह फैसला किया गया। बैठक के दौरान कांग्रेस भवन पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं राज्य की कई जिला इकाइयों ने जोगी पर कार्रवाई की मांग भी की है। बैठक से पहले भिलाई के नवनिर्वाचित महापाैर और पार्षदों का सम्मान किया गया।
यह सौ टके का सवाल था कि क्या निर्णय लिया जाएगा?
निर्णय के बाद कांग्रेस कार्यालय के बाहर आतिशबाजी की गई -
भूपेश बघेल ने बैठक के निर्णय की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि अजीत जोगी के बर्ताव से पार्टी की छवि को क्षति हुई है। उनके 6 साल के निष्कासन की अनुशंसा एआईसीसी से की गई है। विधायक अमित के बर्ताव से भी पार्टी को नुकसान हुआ है इसलिये उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। अब देखना यह है कि बीजेपी प्रमुख अमित शाह, रमन सिंह पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर से किसी दूसरे के ऊपर ढीकरा फोड़ेंगे?
पीसीसी की तगड़ी लामबंदी अजीत-अमित के खिलाफ -
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली बैठक के पहले ही अजीत-अमित जोगी के खिलाफ तगड़ी लामबंदी की गई थी। पार्टी की गुटीय राजनीति के जानकारों का कहना था कि दोनों नेताओं द्वारा पीसीसी को दिए गए जवाब पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। कांग्रेस भवन में होने वाली यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण थी कि संगठन गुट के धुर विरोधी माने जाने वाले दो प्रभावशाली नेताओं से जुड़े मसले पर विचार-विमर्श किया गया इसीलिए पीसीसी ने इस बैठक को लेकर काफी सतर्कता बरत रही थी, पार्टी ने बैठक के एजेंडे में जोगी मामले को शामिल नहीं किया था, एजेंडा यह है कि बैठक में पार्टी के नवनिर्वाचित नगरीय निकाय पदाधिकारियों का सम्मान किया जाना बताया गया व साथ ही नए कांग्रेस भवन का निर्माण, सूखा, किसान आत्महत्या सहित दीगर मामले शामिल हैं।
अध्यक्ष की अनुमति से हो सकती है चर्चा -
कांग्रेस की राजनीति और पार्टी संविधान के जानकारों के अनुसार इस बैठक में एजेंडा से अलग विषय भी शामिल किए गए, इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष इस बात के लिए राजी हो गए कि अजीत-अमित जोगी के जवाब संबंधी मामले पर चर्चा की गई व विचार विमर्श करने के बाद ही कार्रवाई की रूपरेखा बनाई गई। तो वहीं कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति इस समय अस्तित्व में नहीं थी, नगरीय निकाय चुनाव के समय जो समिति कार्यरत थी, उसका कार्यकाल अब समाप्त हो चुका था, पार्टी संविधान के मुताबिक ऐसी स्थिति में अनुशासन समिति के सभी अधिकार अध्यक्ष के पास होतें हैं, इसलिए अनुशासन समिति न होने के कारण पार्टी नोटिस-जवाब पर अध्यक्ष का ही निर्णय मान्य होता है।
खुल गया नोटिस - जवाब का लिफाफा -
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पीसीसी द्वारा चाही गई जानकारी का ब्योरा दो दिन पहले ही भेज चुके हैं। विधायक अमित जोगी ने मंगलवार को नोटिस का विधिवत जवाब भेजा था, बताया गया है कि दोनों नेताओं द्वारा भेजे गए जवाबी पत्र के लिफाफे को पीसीसी में खोला गया और उसका अध्ययन करने के पश्चात ही निर्णय लिया गया है।
मीटिंग के बाद दिल्ली जाएंगे बघेल -
कांग्रेस भवन में हो रही बैठक के बाद पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव दिल्ली के लिए रवाना होंगे। दोनों वहां राहुल गांधी से मुलाक़ात करेंगे और टेपकांड की रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे। कहा जा रहा है कि दोनों नेता अजीत जोगी पर कार्रवाई की अनुशंसा राहुल गांधी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से करेंगे।
जानिए क्या- क्या हुआ बैठक में -
- 11 नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
- कई जिलों से आए प्रस्ताव और टेपकांड पर अमित जोगी के जवाब पर मीटिंग में चर्चा की गई।
- अमित जोगी के निष्कासन का प्रस्ताव मीटिंग में पारित हुआ।
- अजीत जोगी के निष्कासन के प्रस्ताव की अनुशंसा की गई।
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दोपहर 2:35 मिनट पर अमित जोगी के निष्कासन का ऐलान किया।
- पीसीसी चीफ ने बताया कि एआईसीसी से अजीत जोगी पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई।
कांग्रेस की राजनीति पर क्या होगा असर -
- जोगी पिता-पुत्र पर कार्रवाई होने पर कांग्रेस दो खेमों में साफ़ बंट जाएगी ।
- ऐसे में जोगी खेमा प्रदेश कांग्रेस की राजनीति का विरोध करेगा।
- अजीत जोगी भूपेश बघेल के नेतृत्व को दिल्ली में चैलेंज करेंगे, 15 दिन पहले के उनके दिल्ली प्रवास को इसी दिशा में देखा जा रहा है।
- हाईकमान को सौंपे जाएंगे टेप जिसमें सौदेबाजी के जो टेप पब्लिक हुए थे उनमें अजीत जोगी की आवाज होने का भी दावा किया गया था।
अजीत पर कार्रवाई को लेकर सवाल बाकी -
- अमित जोगी पर पीसीसी ने कार्रवाई की है।
- लेकिन अजीत जोगी एआईसीसी के मेंबर हैं। इसलिए कार्रवाई पर फैसला हाईकमान ही करेगा।
- अजीत को सोनिया गांधी का फुल सपोर्ट मिलता रहा है। ऐसे में उन पर कार्रवाई लेकर कुछ शक भी है।
पिक्चर अभी बाकी है -
अजीत जोगी राजनीति के मंझे हुए राजनीतिज्ञ माने जाते हैं तथा राजनीति हथकंडों का उपयोग करने की विशेष कला भी है, ऊपर से वह कलेक्टर रह चुके हैं यानी कि प्रशासन के नियम कायदे कानून से अच्छी तरह वाकिफ भी हैं। भले चाहे आज की बैठक में अमित जोगी कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है मगर जब तक हाईकमान से कोई निर्णय नहीं आएगा तब तक वह खामोश ही रहेंगे, लेकिन अगर कहीं अजीत जोगी के खिलाफ निर्णय लिया गया तो निश्चित रूप से अजीत जोगी पलटवार जरूर करेंगें। क्योंकि अजीत जोगी को जानने वालों के मुताबिक अजीत जोगी राजनीति में साम दाम दंड भेद का प्रयोग कब और कैसे करना है इसमें उन्हें महारत हासिल है, और अजीत जोगी बदला भी जरूर निकालेंगे। मतलब कि अभी भी पिक्चर बाकी है।
भूपेश बघेल ने बैठक के निर्णय की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि अजीत जोगी के बर्ताव से पार्टी की छवि को क्षति हुई है। उनके 6 साल के निष्कासन की अनुशंसा एआईसीसी से की गई है। विधायक अमित के बर्ताव से भी पार्टी को नुकसान हुआ है इसलिये उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। अब देखना यह है कि बीजेपी प्रमुख अमित शाह, रमन सिंह पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर से किसी दूसरे के ऊपर ढीकरा फोड़ेंगे?
पीसीसी की तगड़ी लामबंदी अजीत-अमित के खिलाफ -
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली बैठक के पहले ही अजीत-अमित जोगी के खिलाफ तगड़ी लामबंदी की गई थी। पार्टी की गुटीय राजनीति के जानकारों का कहना था कि दोनों नेताओं द्वारा पीसीसी को दिए गए जवाब पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। कांग्रेस भवन में होने वाली यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण थी कि संगठन गुट के धुर विरोधी माने जाने वाले दो प्रभावशाली नेताओं से जुड़े मसले पर विचार-विमर्श किया गया इसीलिए पीसीसी ने इस बैठक को लेकर काफी सतर्कता बरत रही थी, पार्टी ने बैठक के एजेंडे में जोगी मामले को शामिल नहीं किया था, एजेंडा यह है कि बैठक में पार्टी के नवनिर्वाचित नगरीय निकाय पदाधिकारियों का सम्मान किया जाना बताया गया व साथ ही नए कांग्रेस भवन का निर्माण, सूखा, किसान आत्महत्या सहित दीगर मामले शामिल हैं।
अध्यक्ष की अनुमति से हो सकती है चर्चा -
कांग्रेस की राजनीति और पार्टी संविधान के जानकारों के अनुसार इस बैठक में एजेंडा से अलग विषय भी शामिल किए गए, इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष इस बात के लिए राजी हो गए कि अजीत-अमित जोगी के जवाब संबंधी मामले पर चर्चा की गई व विचार विमर्श करने के बाद ही कार्रवाई की रूपरेखा बनाई गई। तो वहीं कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति इस समय अस्तित्व में नहीं थी, नगरीय निकाय चुनाव के समय जो समिति कार्यरत थी, उसका कार्यकाल अब समाप्त हो चुका था, पार्टी संविधान के मुताबिक ऐसी स्थिति में अनुशासन समिति के सभी अधिकार अध्यक्ष के पास होतें हैं, इसलिए अनुशासन समिति न होने के कारण पार्टी नोटिस-जवाब पर अध्यक्ष का ही निर्णय मान्य होता है।
खुल गया नोटिस - जवाब का लिफाफा -
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पीसीसी द्वारा चाही गई जानकारी का ब्योरा दो दिन पहले ही भेज चुके हैं। विधायक अमित जोगी ने मंगलवार को नोटिस का विधिवत जवाब भेजा था, बताया गया है कि दोनों नेताओं द्वारा भेजे गए जवाबी पत्र के लिफाफे को पीसीसी में खोला गया और उसका अध्ययन करने के पश्चात ही निर्णय लिया गया है।
मीटिंग के बाद दिल्ली जाएंगे बघेल -
कांग्रेस भवन में हो रही बैठक के बाद पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव दिल्ली के लिए रवाना होंगे। दोनों वहां राहुल गांधी से मुलाक़ात करेंगे और टेपकांड की रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे। कहा जा रहा है कि दोनों नेता अजीत जोगी पर कार्रवाई की अनुशंसा राहुल गांधी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से करेंगे।
जानिए क्या- क्या हुआ बैठक में -
- 11 नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
- कई जिलों से आए प्रस्ताव और टेपकांड पर अमित जोगी के जवाब पर मीटिंग में चर्चा की गई।
- अमित जोगी के निष्कासन का प्रस्ताव मीटिंग में पारित हुआ।
- अजीत जोगी के निष्कासन के प्रस्ताव की अनुशंसा की गई।
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दोपहर 2:35 मिनट पर अमित जोगी के निष्कासन का ऐलान किया।
- पीसीसी चीफ ने बताया कि एआईसीसी से अजीत जोगी पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई।
कांग्रेस की राजनीति पर क्या होगा असर -
- जोगी पिता-पुत्र पर कार्रवाई होने पर कांग्रेस दो खेमों में साफ़ बंट जाएगी ।
- ऐसे में जोगी खेमा प्रदेश कांग्रेस की राजनीति का विरोध करेगा।
- अजीत जोगी भूपेश बघेल के नेतृत्व को दिल्ली में चैलेंज करेंगे, 15 दिन पहले के उनके दिल्ली प्रवास को इसी दिशा में देखा जा रहा है।
- हाईकमान को सौंपे जाएंगे टेप जिसमें सौदेबाजी के जो टेप पब्लिक हुए थे उनमें अजीत जोगी की आवाज होने का भी दावा किया गया था।
अजीत पर कार्रवाई को लेकर सवाल बाकी -
- अमित जोगी पर पीसीसी ने कार्रवाई की है।
- लेकिन अजीत जोगी एआईसीसी के मेंबर हैं। इसलिए कार्रवाई पर फैसला हाईकमान ही करेगा।
- अजीत को सोनिया गांधी का फुल सपोर्ट मिलता रहा है। ऐसे में उन पर कार्रवाई लेकर कुछ शक भी है।
पिक्चर अभी बाकी है -
अजीत जोगी राजनीति के मंझे हुए राजनीतिज्ञ माने जाते हैं तथा राजनीति हथकंडों का उपयोग करने की विशेष कला भी है, ऊपर से वह कलेक्टर रह चुके हैं यानी कि प्रशासन के नियम कायदे कानून से अच्छी तरह वाकिफ भी हैं। भले चाहे आज की बैठक में अमित जोगी कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है मगर जब तक हाईकमान से कोई निर्णय नहीं आएगा तब तक वह खामोश ही रहेंगे, लेकिन अगर कहीं अजीत जोगी के खिलाफ निर्णय लिया गया तो निश्चित रूप से अजीत जोगी पलटवार जरूर करेंगें। क्योंकि अजीत जोगी को जानने वालों के मुताबिक अजीत जोगी राजनीति में साम दाम दंड भेद का प्रयोग कब और कैसे करना है इसमें उन्हें महारत हासिल है, और अजीत जोगी बदला भी जरूर निकालेंगे। मतलब कि अभी भी पिक्चर बाकी है।