स्मृति के जवाब पर सोशल मीडिया में 'सुनामी', ऋषि ने बताया 'लेडी अमिताभ'
नई दिल्ली 25 फरवरी 2016 (IMNB). यूं तो मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की औपचारिक शिक्षा को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं और मजाक भी बनते रहे हैं। लेकिन बुधवार को लोकसभा में अपनी वाक कला से उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया कि कोई उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता। लोग या तो उनके प्रशंसक होंगे या आलोचक। उनके आलोचक जहां उनके भाषण को 'ड्रामा' करार देने से नहीं चूके। वहीं ऋषि कपूर जैसे विख्यात सिने स्टार ने उन्हें 'लेडी अमिताभ' करार दे दिया तो परेश रावल ने 'सुनामी'।
जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके भाषण पर ट्वीट किया और कहा- सत्यमेव जयते।
बुधवार की रणनीति भाजपा ने पहले ही बना ली थी। उसी रणनीति के तहत स्मृति सुबह से ही पूरी तरह तैयार थीं। सुबह राज्य सभा में उन्होंने बसपा मुखिया मायावती को आक्रामकता के साथ जवाब दिया तो दोपहर बाद लोकसभा में लगभग एक घंटे के भाषण में कांग्र्रेस समेत दूसरे दलों को तथ्यों की धार से तार-तार कर दिया। उनके तेवर, उनकी भाव-भंगिमा, लहजा सब कुछ ऐसा था कि विपक्ष तिलमिला जाए और अन्य चुप्पी साधकर उन्हें बस देखता-सुनता रह जाए। पीएम ने जहां उनके भाषण को ट्वीट किया वहीं सदन में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भाषण को सदन और देश के लिए 'आई ओपनर' करार दिया। गौरतलब है कि स्मृति को उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में भी देखा जा रहा है।
खास बात यह है कि स्मृति के भाषण में भावनात्मक पुट तो था ही, लेकिन तथ्यों और धारदार तर्कों की भी बेलाग प्रचुरता थी। लोकसभा में हुई बहस में आवेश के साथ दोनों ही पक्षों से खूब कहा-सुनी हुई। हंगामा हुआ। तीखे आरोप-प्रत्यारोप भी हुए। मगर अंत में जवाब देने जब स्मृति ईरानी खड़ी हुईं तो सब कुछ ध्वस्त कर दिया। रोहित वेमुला से लेकर जेएनयू तक हर मुद्दे पर विपक्ष को निरुत्तर करके रख दिया। राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज न ही वाणी में और न ही तेवरों में स्मृति को रोक सके। यही कारण था कि भाषण खत्म होने के बाद सोशल मीडिया में हर तरफ स्मृति ईरानी की ही चर्चा थी।
राहुल को लगता है कि उनसे डरती है सरकार -
सदन के अंदर भले ही कांग्रेस जेएनयू और रोहित वेमुला के मुद्दों पर सरकार के धारदार तेवर के सामने टिक न पाई हो, लेकिन पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक अलग दुनिया में हैं। उनको लगता है कि सरकार उनसे डरती है और जब वह बोलना शुरू करेंगे तो उन्हें रोकने की कोशिश की जाएगी। मजे की बात है कि सरकार पहले ही चर्चा के लिए तैयार हो चुकी थी। उस समय राहुल गांधी बाहर मीडिया से कह रहे थे कि मैंने चर्चा के लिए कहा है, लेकिन जब मैं बोलना शुरू करूंगा, तो आप देखना वह मुझे रोक देंगे। मैं संसद में बोलूंगा, लेकिन वह मुझे ऐसा नहीं करने देगी, क्योंकि सरकार मुझसे डरती है। राहुल ने आगे कहा, 'आपने देखा होगा कि मैं जब भी बोलता हूं, वह मुझे रोक देते हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए है, क्योंकि मैं जो बोलता हूं, सरकार उससे घबराती है।'