रायगढ़ - बिजली विभाग की लापरवाही के चलते ठेका कर्मी की करेंट लगने से मौत
रायगढ़/छत्तीसगढ़ 21 मार्च 2016. रायगढ़ के सारंगढ़ इलाके में बीते दिनों सब-स्टेशन पर बिजली विभाग की जबरदस्त लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही की कीमत बिजली विभाग में ठेके पर कार्य करने वाले एक ठेका कर्मी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। सारंगढ़ के पास सालर 33/11केवी सब-स्टेशन में बीती रात लगभग 12 से 1 बजे के दौरान सालर फीडर फाल्ट हो जाने के कारण वहां पर कार्यरत ठेका कर्मी आशीष पाण्डे ने डीओ फ्यूज लगाते समय हाई-वोल्टेज करेंन्ट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गयी।
देखने वाली बात है कि उक्त सब-स्टेशन में एक भी एवी (AV) स्विच नहीं है, सिर्फ ब्रेकर के सहारे उक्त सब-स्टेशन चल रहा है। बिजली विभाग की इससे बड़ी लापरवाही क्या हो सकती है? उक्त सब-स्टेशन के अंदर ही हाई वोल्टेज लाईन में चिपक कर मौत होने वाला ठेका कर्मी आशीष पाण्डे, पुर्षोत्तम पटेल-पुटकापुरी वाले (ठेकेदार) का कर्मचारी था। मृतक वर्ष 2003 से ठेका आपरेटर के रुप में बिजली विभाग में उक्त ठेकेदार द्वारा ठेके पर लगवाया गया था तब से आशीष यहीं पर कार्य कर रहा था। ठेका कर्मी का नाम आशीष पाण्डे उम्र 35 वर्ष है, तथा परिवार में माता, पत्नी और एक पुत्री हैं। घटना रात में होने के कारण पूरी रात उसका शव ऊपर एम.ई (M.E.) में ही लटका रहा। जब सुबह वहां आसपास के लोग सब-स्टेशन की ओर गये तब घटना की जानकारी हुई।
लोगों द्वारा पुलिस को उक्त घटना की जानकारी दी गई तत्पश्चात दिन में लगभग 11 बजे पुलिस की मौजूदगी में शव को नीचे उतार कर पंचनामा किया गया है। वहां के स्थनीय लोगों ने मांग की है कि मृतक को 10 लाख मुआवजा दिया जाये व सम्बंधित ठेकेदार के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाये। क्योंकि अभी तक की जांच में पाया गया कि आशीष पाण्डेय की आकस्मिक मौत दरअसल सुरक्षा में लापरवाही के कारण हुई है इसलिए लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार व सब-स्टेशन पर इस तरह की लापरवाही के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों पर भी कारवाई की मांग की गई है। सबसे हास्यास्पद तो यह है कि बिजली विभाग के अफसर इस हादसे की मुख्य वजह लापरवाही तो बताते हैं मगर यह लापरवाही अपने विभाग की नहीं मानते हैं बल्कि ठेकेदार की लापरवाही बताते हैं। हालांकि ठेकेदार की भी गलती तो है परंतु प्रमुख गलती बिजली विभाग की है। हादसा होने के बाद से ही बिजली विभाग के अफसरों ने इस घटना के लिए उक्त ठेकेदार को ही जिम्मेदार बताते हुए स्वंय को पाक साफ बता रहें हैं।
देखने वाली बात है कि उक्त सब-स्टेशन में एक भी एवी (AV) स्विच नहीं है, सिर्फ ब्रेकर के सहारे उक्त सब-स्टेशन चल रहा है। बिजली विभाग की इससे बड़ी लापरवाही क्या हो सकती है? उक्त सब-स्टेशन के अंदर ही हाई वोल्टेज लाईन में चिपक कर मौत होने वाला ठेका कर्मी आशीष पाण्डे, पुर्षोत्तम पटेल-पुटकापुरी वाले (ठेकेदार) का कर्मचारी था। मृतक वर्ष 2003 से ठेका आपरेटर के रुप में बिजली विभाग में उक्त ठेकेदार द्वारा ठेके पर लगवाया गया था तब से आशीष यहीं पर कार्य कर रहा था। ठेका कर्मी का नाम आशीष पाण्डे उम्र 35 वर्ष है, तथा परिवार में माता, पत्नी और एक पुत्री हैं। घटना रात में होने के कारण पूरी रात उसका शव ऊपर एम.ई (M.E.) में ही लटका रहा। जब सुबह वहां आसपास के लोग सब-स्टेशन की ओर गये तब घटना की जानकारी हुई।
लोगों द्वारा पुलिस को उक्त घटना की जानकारी दी गई तत्पश्चात दिन में लगभग 11 बजे पुलिस की मौजूदगी में शव को नीचे उतार कर पंचनामा किया गया है। वहां के स्थनीय लोगों ने मांग की है कि मृतक को 10 लाख मुआवजा दिया जाये व सम्बंधित ठेकेदार के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाये। क्योंकि अभी तक की जांच में पाया गया कि आशीष पाण्डेय की आकस्मिक मौत दरअसल सुरक्षा में लापरवाही के कारण हुई है इसलिए लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार व सब-स्टेशन पर इस तरह की लापरवाही के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों पर भी कारवाई की मांग की गई है। सबसे हास्यास्पद तो यह है कि बिजली विभाग के अफसर इस हादसे की मुख्य वजह लापरवाही तो बताते हैं मगर यह लापरवाही अपने विभाग की नहीं मानते हैं बल्कि ठेकेदार की लापरवाही बताते हैं। हालांकि ठेकेदार की भी गलती तो है परंतु प्रमुख गलती बिजली विभाग की है। हादसा होने के बाद से ही बिजली विभाग के अफसरों ने इस घटना के लिए उक्त ठेकेदार को ही जिम्मेदार बताते हुए स्वंय को पाक साफ बता रहें हैं।