जलालाबाद- कोटेदार भ्रष्ट, अधिकारी मस्त और जनता त्रस्त
शाहजहाँपुर 16 मार्च 2016 (ब्यूरो कार्यालय). केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना तहसील जलालाबाद में फ्लाप साबित हो रही है। आरोप है कि यहां कई कोटेदारों और जिला पूर्ती कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से कोटे का राशन माफ़ियाओं को बेचा जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
ताजा मामला ग्राम भरथौली रतनापुर का है। यहां के कोटेदार शिवाकान्त शुक्ला के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुयी हैं है। जानकारी के अनुसार एसडीएम को मिले एक प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी खाद्य सुरक्षा गारन्टी योजना के अन्तर्गत मार्च 2016 का खाद्यान्न गेहूँ, चावल तथा चीनी को पात्र व्यक्तियों को न देकर पूर्ति कार्यालय के कर्मचारीयों व कोटेदार ने मिलकर राशन माफ़ियाओं को बेच दिया। उक्त कोटेदार पिछले कई महिनों से कोई भी राशन नहीं बाँट रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त कोटेदार दबंग व तानाशाह किस्म का व्यक्ति है। जो जनता के राशन कार्ड अपने पास रखता है और जिसको मर्जी हुई राशन देता है व जिसको मर्जी हुई नहीं देता है। कोटेदार के ये कृत्य खाद्य सुरक्षा गारंटी अधिनियम तथा खाद्य एंव रसद विभाग उत्तर प्रदेश शासन के नियमों का खुला उल्लंघन हैं। इससे पता चलता है कि कोटेदार जानबूझकर गरीब जनता का शोषण कर रहा है। कमोबेश यही हालात आस पास के सभी गांवों की है।
ग्रामीणों के आरोपों से कोटेदार के इस कृत्य में पूर्ति कार्यालय के कर्मचारी व राजस्व निरक्षक की भी भ्रष्टता व सन्लिप्तता प्रतीत होती है। 9 मार्च 2016 को ग्रामीणों ने इस सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र उप जिलाधिकारी को देकर उक्त प्रकरण की स्थलीय जाँच कराकर दोषी कोटेदार के विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही करने की माँग की थी। जिस पर उप जिलाधिकारी जलालाबाद ने तत्काल समस्या को संज्ञान में लेकर पूर्ति निरीक्षक को मौके पर जा कर जाँच करने का आदेश दिया था। एक सप्ताह बीत जाने पर भी पूर्ति निरीक्षक ने जाँच की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है।जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
ताजा मामला ग्राम भरथौली रतनापुर का है। यहां के कोटेदार शिवाकान्त शुक्ला के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुयी हैं है। जानकारी के अनुसार एसडीएम को मिले एक प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी खाद्य सुरक्षा गारन्टी योजना के अन्तर्गत मार्च 2016 का खाद्यान्न गेहूँ, चावल तथा चीनी को पात्र व्यक्तियों को न देकर पूर्ति कार्यालय के कर्मचारीयों व कोटेदार ने मिलकर राशन माफ़ियाओं को बेच दिया। उक्त कोटेदार पिछले कई महिनों से कोई भी राशन नहीं बाँट रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त कोटेदार दबंग व तानाशाह किस्म का व्यक्ति है। जो जनता के राशन कार्ड अपने पास रखता है और जिसको मर्जी हुई राशन देता है व जिसको मर्जी हुई नहीं देता है। कोटेदार के ये कृत्य खाद्य सुरक्षा गारंटी अधिनियम तथा खाद्य एंव रसद विभाग उत्तर प्रदेश शासन के नियमों का खुला उल्लंघन हैं। इससे पता चलता है कि कोटेदार जानबूझकर गरीब जनता का शोषण कर रहा है। कमोबेश यही हालात आस पास के सभी गांवों की है।
ग्रामीणों के आरोपों से कोटेदार के इस कृत्य में पूर्ति कार्यालय के कर्मचारी व राजस्व निरक्षक की भी भ्रष्टता व सन्लिप्तता प्रतीत होती है। 9 मार्च 2016 को ग्रामीणों ने इस सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र उप जिलाधिकारी को देकर उक्त प्रकरण की स्थलीय जाँच कराकर दोषी कोटेदार के विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही करने की माँग की थी। जिस पर उप जिलाधिकारी जलालाबाद ने तत्काल समस्या को संज्ञान में लेकर पूर्ति निरीक्षक को मौके पर जा कर जाँच करने का आदेश दिया था। एक सप्ताह बीत जाने पर भी पूर्ति निरीक्षक ने जाँच की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है।जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।