ज्यादा कमाने के चक्कर में प्राइवेट स्कूली वैन मालिक जानवरों की तरह ढो रहे हैं बच्चे
कानपुर 27 अप्रैल 2016 (मो0 नदीम). ज्यादा कमाने के चक्कर में स्कूलों की वैन में ठूंस ठूंस कर बच्चे ढोये जा रहे हैं उन्हें इस बात का ज़रा सा ख्याल नहीं है कि इस भीषण गर्मी में मासूम बच्चों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताना चाहूँगा कानपुर शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में प्राइवेट गाड़ियां बच्चों को घर से लाने ले जाने के लिए लगी हुई हैं।
अभिभावक अपने बच्चों को इन वैनों में इसलिए भेजते हैं ताकि उनके बच्चे सुरक्षित और बिना किसी कष्ट के घर पहुंच सकें। लेकिन वैन मालिक ज्यादा कमाने के चक्कर में मनमानी पर उतारू हैं, अभिभावकों से मन माफिक किराया लेने के बावजूद भी वैन में स्कूली बच्चों को ऐसे भरते हैं जैसे भूसा भर रहे हों। वैन में घर पहुंचते पहुंचते बच्चे अधमरे से हो जाते हैं, कई बच्चे हॉस्पिटल तक पहुंच चुके हैं। इस बारे में अभिभावकों ने कई बार स्कूल के मैनेजमेंट से वैन मालिकों की शिकायत की लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और ना ही पुलिस प्रशासन ने स्कूली वैन मालिकों के खिलाफ अभी तक कोई भी क़ानूनी कार्यवाही की है। वहीं अभिभावकों का आरोप है की स्कूल वाले इन वैन मालिकों से कमीशन लेते हैं इसलिए इन लोगों पर कार्यवाही करने से कतराते हैं।
मजे की बात तो ये है की बच्चों से भरी कई वैन रोज़ाना कई बडे चौराहों से गुज़रती हैं जहां हर वक़्त पुलिस तैनात रहती है लेकिन किसी भी पुलिस वाले की नज़र इन स्कूली बच्चों से ठुंसी वैनों पर नहीं पड़ी है या फिर चोर-चोर मौसेरे भाई वाली मिसाल चरितार्थ हो रही है ये विचारणीय है। बहरहाल बात कुछ भी हो अगर प्रशासन ने इन वैन मालिकोें पर लगाम ना लगाई और इन तथाकथित प्रतिष्ठित स्कूलों के खिलाफ कोई ठोस कदम ना उठाया तो प्रशासन को किसी बड़ी घटना की जवाब देही के लिए तैयार रहना चाहिये।