पत्रकार पर रंजिशन झूठा मुकदमा दर्ज किये जाने के खिलाफ AIRA ने दिया एसपी को ज्ञापन
कानपुर 16 अप्रैल 2016. पत्रकारों पर झूठे मुकदमें दर्ज होना प्रदेश की परम्परा बन गयी है, पूर्व में भी प्रशासनिक प्रताड़ना के चलते राजनैतिक इशारों पर झूठे प्रकरण दर्ज किये जा चुके हैं। सी.एम से लेकर डीजीपी तक सभी को लिखा गया पर सुनवाई नहीं हुई।
ताजा मामला कानपुर का है जहां सेक्स रैकेट के खिलाफ खबरें छापने से नाराज रैकेट संचालकों ने स्थानीय पत्रकार जानलेवा हमला
कर दिया।
प्रदेश के कई हिस्सों में अपनी जान पर खेलकर जनहित में समाचारों के लिए समाज एवं शासन -प्रशासन का दर्पण बने पत्रकारों पर झूठे मुकदमें आज भी किसी न किसी जांच के दायरे में चल रहे हैं जो कि ज्यादातर साजिशन होते हैं, कई मामलों में जांच हुई तो प्रकरण झूठे निकले।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित जूही इलाके का है। जूही में सेक्स रैकेट के खिलाफ खबरें छापने से नाराज रैकेट संचालकों ने 13 अप्रैल को स्थानीय पत्रकार और एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर पर जानलेवा हमला कर दिया। किसी तरह जान बचा कर भाग निकले पत्रकार ने 100 नंबर पर पुलिस को सूचना देनी चाही तो 1 घंटे तक पुलिस का अता पता नहीं था। घटना की सूचना मिलते ही कई पत्रकार साथी थाने पहुंचे और जिन्होंने हमला किया उनके खिलाफ तहरीर दी गई और पप्पू यादव का मेडिकल करवाकर मुकदमा दर्ज करने को कहा गया। किन्तु जूही थानाध्यक्ष द्वारा न तो मेडिकल करवाया गया और न ही मुकदमा पंजीकृत किया गया। उल्टा सेक्स रैकेट संचालिका द्वारा पुलिस की मिली भगत से पत्रकार पर ही थाने में प्रकरण दर्ज करा दिया गया।
पत्रकार पर झूठे मुकदमे को लेकर पत्रकार साथियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। All India Reporter's Association (AIRA) ने मामले में हस्तक्षेप करते हुये आज कानपुर के एसपी साउथ को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच कराने एवं पत्रकार की तहरीर पर भी रिपोर्ट दर्ज कराये जाने की मांग की। एसपी साउथ ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि किसी भी प्रकार से पत्रकारों का उत्पीडन नहीं होने दिया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से योगेन्द्र अग्निहोत्री, उमेश शर्मा, आशीष त्रिपाठी, प्रभात तिवारी, मोहित गुप्ता और सूरज आदि थे।