डीएम ने जारी किया फरमान, ठेकेदारों का शत प्रतिशत किया जाएगा भुगतान
शाहजहाँपुर 16 मई( ब्यूरो कार्यालय). नगर पालिका व नगर पंचायतों में काम करने वाले ठेकेदार निर्माण कार्यो की गुणवत्ता मानक के अनुसार रखेंगे। कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। ठेकेदारों द्वारा किये गये कार्यो का शत प्रतिशत भुगतान होगा। किसी भी स्तर से कोई कटौती नहीं करेगा। यह निर्देश डीएम विजय किरन आनन्द ने स्थानीय निकाय के कार्यो की प्रगति समीक्षा बैठक में दिये।
निकायों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा ठेकेदारों के साथ विकास भवन सभा कक्ष में बैठक लेते हुए उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के पंजीकरण, ठेका लेने, भुगतान करने या अन्य किसी भी कार्य में कोई रूकावट आये तो हमें बताये, उसे तुरन्त दूर कराया जायेगा। यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी पत्रावली रोके, जेई एमबी न बनाये तो हमे बताये, सम्बन्घितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि कार्य में कोई भी कमी नहीं आनी चाहिए। डीएम ने यह भी निर्देश दिये कि निकायों में होने वाले सभी टेन्डर चाहे वह 5 लाख से नीचे के ही क्यों न हो, अपर जिलाधिकारी के यहां ही खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि अनुबन्ध होने के बाद निर्धारित तिथि के अन्दर ठेकेदार कार्य आरम्भ कर देंगे। उन्होंने कहा कि नियमानुसार रनिंग पैमेन्ट भी किया जायेगा और फाइनल पैमेन्ट में पत्रावली पूरी तरह से तैयार होनी चाहिए।
डीएम ने कहा कि कोई भी ठेकेदार निकायों के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी से अशिष्टता, अभ्रदता तथा कार्याे में हस्तक्षेप एवं दंबगई नहीं करेगा। यदि कार्य में कोई जबरदस्ती बाधा डाले तो सम्बन्धितों के विरूद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। ठेकेदारों को कार्य करने के लिए पूरी सुविधा व सहायता दी जायेगी। किन्तु दंबगई बर्दास्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय एक संस्था है। हम सभी को उसकी इज्जत करनी चाहिए। अच्छा कार्य करे, अच्छा भुगतान लें, अच्छी इज्जत बनाये, समाज में अपना नाम ऊंचा रखें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यो में यदि कहीं खराबी मिली तो उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए सम्बन्घितों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में एफआई दर्ज कराई जायेगी।
जिलाधिकारी ने स्थानीय निकाय के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेते हुए सफाई कार्यो पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग का लगभग 90 प्रतिशत धनराशि सफाई कर्मचारियों वेतन में व्यय होती हैं। फिर भी अगर नगर गन्दा रहे तो इतनी धनराशि व्यय करने से क्या फायदा। उन्होंने निर्देश दिये कि नगरों में कितने-कितने कूड़ेदान किन-किन स्थलों पर रखें गये है, उनकी फोटो सहित हमें विवरण उपलब्ध करायें। नगरों की नाला सफाई गहराई स्तर (तलीझाड़) तक वर्षा के पूर्व करें। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे पुनः लेखपालों की डियूटी लगाकर एक दिन पूरे नगर की सफाई की चैकिंग कराये।
नगरों में प्रत्येक मोहल्ले में पांच-पांच स्वच्छता दूत नामित करें। नामित व्यक्ति स्वतंत्र नागरिक हो, उसको परिचय पत्र दिया जाये और उससे प्रतिदिन सफाई की फीडबैक ली जायें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि नगरों में वेस्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम लागू होगा। जिसमें कार्य करने की फोटो प्रतिदिन लोड होगी। बस्तियों में कूड़ा न डाले जाये, कूड़ा प्रबन्धन सही रखा जायें। अगर कोई सिर पर मैला ढोने वाला हो तो उसको तत्काल रोके। नगर पालिका व नगर पंचायतों में शुष्क शौचालय नही होने चाहिए। बैठक में डीएम ने बिजली, प्रकाश आदि की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में मजिस्ट्रेट जय प्रकाश, समस्त अधिशासी अधिकारी, अभियंता, ठेकेदार, कर्मचारी आदि लोग मौजूद रहे।