रायपुर - मजदूर नेता नियोगी की प्रतिमा के सामने शराब की दुकान के विरोध में धरने पर बैठी महिलाएं
छत्तीसगढ़ 5 मई, 2016 (छत्तीसगढ़ ब्यूरो).
रायपुर के दल्लीराजहरा बस स्टैंड स्थित शहर के बीचों बीच प्रशासन द्वारा शराब दुकान आवंटित करने का आज महिलाओं द्वारा विरोध किया गया। इन शराब दुकानों को शहर से बाहर करने की जोरदार मुहीम महिलाओं द्वारा चलायी जा रही है। इसी का समर्थन करने के लिए अमित जोगी दल्लीराजहरा पहुँच गए तथा शराब ठेकेदारों के गुंडों और पुलिस की पिटाई से घायल हुए साथियों से मिलने अस्पताल भी गए।
छत्तीसगढ़ में श्रम और संघर्ष के प्रतीक मजदूर नेता स्वर्गीय श्री शंकर गुहा नियोगी की कर्मभूमि दल्लीराजहरा में उनकी प्रतिमा के ठीक सामने, वार्ड न.24 में शहर के बीचोंबीच, शासन द्वारा शराब दुकान आवंटित करने को लेकर स्थानीय महिलाओं द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का समर्थन करने आज मरवाही विधायक अमित जोगी दल्लीराजहरा पहुँचे।
ज्ञात हो कि इस शराब दुकान के आवंटित स्थान से हनुमान जी और शिवजी का मंदिर लगा हुआ है।
धरना स्थल पर विरोध करने पहुंचे विधायक अमित जोगी के साथ स्वर्गीय शंकर गुहा नियोगी की बेटी एवं अमित जोगी की मुंह बोली बहन पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री मुक्ति गुहा नियोगी, जिला पंचायत अध्यक्ष देवल ठाकुर, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के श्री ठाकुर, पूर्व विधायक डोमेन भेड़िया, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष प्रशांत बोकड़े, पूर्व प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष योगेश तिवारी, इंटक प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह आदि ने पुलिस प्रशासन का जमकर विरोध किया।
अमित जोगी ने कहा मुख्यमंत्री स्वयं दल्लीराजहरा आकर देखें कि पिछले एक सप्ताह से महिलाएं बिना घर का चूल्हा जलाए सरकार द्वारा आवंटित शराब दुकान का विरोध कर रही है। शराब दुकान के बंद शटर के सामने पिछले एक हफ्ते से बैठी महिलाओं के संग जोगी ने शासन-प्रशासन के विरुद्ध विरोध का स्वर ऊँचा किया।
जोगी ने कहा कि मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी की प्रतिमा के सामने शराब दुकान लगाना ये प्रमाणित करता है कि सरकार को मजदूरों के सम्मान, उनकी गरिमा और संघर्ष की कोई परवाह नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार के खाने के दांत और दिखाने के दांत कुछ और हैं। 6
प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी का केवल ढोंग है। इसका स्पष्ट प्रमाण ये है कि पिछले साल के मुकाबले शराब बिक्री से राजस्व का लक्ष्य 2,700 करोड़ से बढ़ाकर 3,300 करोड़ राज्य की भाजपा सरकार ने कर दिया है।
शराब दुकान का विरोध कर रहे श्याम जायसवाल पर शराब ठेकेदार के गुंडों द्वारा जानलेवा हमला किये जाने पर जोगी कि स्थानीय प्रशासन जनता के हित की जगह शराब ठेकेदार और उसके गुंडों का हित साधने में लगा है। शराब दुकान का विरोध कर रहे लोगों को ठेकेदार के गुंडों पीट रहे हैं और पुलिस वालों ने खानापूर्ति करते हुए जानबूझकर शराब ठेकेदार के गुंडों पर गैरजमानती धाराएं लगाकर उन्हें छोड़ दिया गया, ताकि शराब ठेकेदार के गुंडे फिर से गरीब मजदूरों एवं आंदोलन कर रही महिलाओं पर भी हमला करें। प्रशासन का रव्वैय्या तो यही कहानी बयां कर रही है।
जोगी अस्पताल में श्याम जायसवाल से मिलने गए अमित जोगी ने स्थानीय प्रशासन को चेताया है कि शहर की पाँचों शराब दुकानों को शहर से बाहर किया जाए नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।