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अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टर घोटाले की आग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तक पहुंची

छत्तीसगढ़/रायपुर 17 मई 2016 (जावेद अख्तर). अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के फेर में कांग्रेसियों के साथ भाजपा के भी कई बड़े नेताओं का शामिल होना बताया गया है। बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के मामले  में अभीतक पूर्व सेना प्रमुख सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता फंसते नजर आ रहे थे, पर अब मामले के तार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह तक पहुँचते दिख रहे हैं। जिस पर अब केंद्र सरकार के नेता या तो चुप्पी साध रहे हैं या मामले का रुख मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

दरअसल छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड का हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए संदेहपूर्ण ढंग से वैश्विक निविदा जारी की थी और इसमें दूसरे विकल्पों पर गौर किए बिना 30 फीसदी से अधिक का कमिशन दिया था । हेलीकॉप्टर हासिल करने के लिए सरकार ने उस कंपनी को 15.7 लाख डॉलर बतौर कमीशन दिए, जिसका पंजीकरण टैक्स चोरी की पनाहगाह माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में हुआ था। रमन सिंह के पुत्र अभिषेक ने 3 जुलाई, 2008 को क्वेस्ट हाइट्स लिमिटेड नामक कंपनी बनाई थी और इसके करीब छह महीने पहले राज्य सरकार की ओर से 'शार्प ओशन' नामक एजेंट कंपनी को भारी-भरकम भुगतान किया गया था।
 
वैश्विक निविदा जारी करने का ढोंग -
सरकार द्वारा वैश्विक निविदा जारी करने का पाखंड किया गया, जबकि निविदा में यह लिख दिया गया था कि कौन से मॉडल की खरीद की जानी है। और दिलचस्प बात यह है कि अगस्ता वेस्टलैंड, इसके कमीशन एजेंट और इसके सेवा प्रदाता की बोलियां स्वीकार की गईं। इसके आधार पर अनुबंध को अंतिम रूप दिया गया।' 'हेलीकॉप्टर की कीमत 51 लाख डॉलर थी जिसे अगस्ता वेस्टलैंड को दिया गया और 15.7 लाख डॉलर का कमीशन ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड आधारित कंपनी शार्प ओशन को दिया गया।'

ऐसे में केंद्र की भाजपा सरकार जो इस मामले को तूल देती नजर आ रही थी साफ़ बैकफुट पर नजर आ रही है।
वहीं एक अंग्रेज़ी अखबार के हवाले से बताया गया है कि कई कांग्रेसी व भाजपाई नेताओं व पूर्व व वर्तमान केन्द्रीय मंत्रियों की बराबर की संलिप्तता है। इसलिए अब मामले में सबकुछ दबा दिया जाएगा क्योंकि भाजपाई नेताओं में कई नेता, वर्तमान समय में भाजपा की केन्द्रीय सरकार में मंत्री पद पर बैठें हैं। इसलिए जांच प्रभावित होना स्पष्ट है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहे या फिर भाजपा की, दोनों ही स्थिति में अगस्ता वेस्टलैंड का हेलीकॉप्टर खरीदने के मामले में वास्तविकता का पता लगने से रहा। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे वैसे बड़े नामी नेताओं और मंत्रियों के नाम भी सामने आते जा रहे हैं। अगर जांच इसी रफ्तार से आगे भी जारी रहेगी तो वर्तमान केन्द्रीय सरकार की मुसीबतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी और केन्द्रीय सरकार की कुर्सी के चारों पाए हिलने लग जाएगा। पहले ही वर्तमान केन्द्रीय सरकार मुसीबतों से घिरी हुई है ऐसे समय में केन्द्रीय सरकार ऐसा नहीं चाहेगी कि उसकी पार्टी के नामी नेताओं या मंत्रिमंडल में शामिल किसी भी मंत्री का नाम सामने आए। ऊपर से पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव की सरगर्मियां भी बढ़नी शुरू हो गई है। इसीलिए वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहेगी जिसका असर चुनाव में पार्टी के लिए खतरा साबित हो।

रमन सिंह बतायें हेलिकॉप्टर सौदे में किसने कमीशन खाया-
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें साफ बताना चाहिए कि हेलिकॉप्टर सौदे में किसने कमीशन खाया है? बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने 65 लाख सत्तर हजार डालर में अगस्ता कंपनी से हेलिकॉप्टर खरीदने की बात कही, लेकिन वास्तव में अगस्ता के लिए केवल 36,72,200 अमेरिकन डालर का ही भुगतान किया गया। बाकी राशि दलाल कंपनी शार्प के खाते में गई। इसमें से 15 लाख 73 हजार 800 डालर और 13 लाख 24 हजार डालर यानी कुल 28 लाख 97 हजार 800 डालर का भुगतान बिचैलियों को किया गया। बघेल ने दावा किया है कि बिचौलियों के माध्यम से राशि लेकर इस पैसे से वेस्टहाइट कंपनी खोली, वेस्ट हाइट कंपनी को पैसे ट्रांसफर किए गए। बाकी काफी कुछ स्पष्ट कर सकते हैं मुख्यमंत्री रमन सिंह। अब वो ही बताएं कि किसने कितना कमीशन खाया है। सभी संभावनाएं जता रहे हैं, मुख्यमंत्री संभावनाओं पर विराम लगा सकते है।
 
अभिषेक का विदेश में खाता नहीं-
एक सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि अभिषेक सिंह का विदेशों में खाता है, हमारा दावा है कि विदेश में उन्होंने कंपनी बनाकर निवेश किया है और इस मामले में अभिषेक चुप हैं। बघेल से यह पूछा गया था कि अभिषेक ने विदेश में उनका कोई खाता होने से साफ इंकार किया है इस बारे में आपका क्‍या कहना है।