शाहजहाँपुर - सीड्स कम्पनियां कृषकों को बेच रही हैं रद्दी बीज
शाहजहाँपुर 05 मई 2016. प्रदेश की सरकार कृषकों के हित के लिए न जाने कितनी योजनायें चला रही है। प्रदेश सरकार कृषकों को सिंचाई मुफ्त कर रही है तो देश के प्रधानमंत्री कृषकों से मन की बात करते हैं। लेकिन सरकार के मातहत अधिकारी ही सरकार की योजनाओं पर बट्टा लगाने का काम कर रहे है। आरोप है कि सीड्स कम्पनियां बेचारे किसानों को मण्डी से खरीदा गया सड़ा गला गेहूँ दुगने दामों में बेच रही हैं।
जनपद में लगभग 1 दर्जन सीड्स प्लांट (बीज विधायन संयंत्र) लगे हुए हैं। अब आपको इनके फर्जी बाड़ा से अवगत कराते है। नाम न छापने की शर्त पर बताया गया कि सीड्स कम्पनियां किसानों के नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर सीधे मण्डी समिति से गेहूँ खरीदकर दुगने दामों में बेचते हैं। जिसमें जनपद के कृषि अधिकारियों की मिलीभगत रहती है। नियमता रजिस्ट्रेशन उन किसानों के होने चाहिए जिनका गेहूँ एक ही वैरायटी का होना चाहिए,लेकिन सीड्स कम्पनियां सिर्फ फर्जी रजिस्ट्रेशन करके 15 रूपये में गेहूँ खरीदकर कृषकों को 22 से 25 रूपये प्रति किलो कृषकों को बेंचती है। जिन किसानों के नाम रजिस्ट्रेशन होता है उन किसानों को भनक तक नहीं लगती है। तथा सीड्स कम्पनियां प्रिंटिंग प्रेस से छपाकर फर्जी सरकारी टैगिंग भी लगा देती है। सीड्स कम्पनियां जनपद के पुवायां, खुटार, बंडा, जलालाबाद के किसानों के तहसील से उनके डाटा निकलवाकर फर्जी रजिस्ट्रेशन करा लेती हैं।
इस गोरखधंधे में जिला के कृषि अधिकारियों का मुनाफा शामिल रहता है। अगर उन किसानों से बात की जाए जिनके नाम रजिस्ट्रेशन हुए है तो सच्चाई सामने आ जायेगी। आरोप है कि सीड्स कम्पनियां यह सब करने के लिए मोटी रकम जिला कृषि अधिकारी (डीओ) व जिला कृषि रक्षा अधिकारी (डीडी) देती है। इसीलिए यह अधिकारी भी चुप्पी साधने में ही भलाई समझते हैं। सीड्स कम्पनियां बेचारे किसानों को मण्डी से खरीदा गया सड़ा गला गेहूँ दुगने दामों में बेचती हैं। और जब किसान अपने खेतों में यही बीज बोता है तो उसके खेत में फसल ही नहीं उगती तो उसका क्या हाल होता होगा। कृषक पहले इन फर्जी सीड्स कम्पनियों का शिकार होता है फिर सूखे का। किसान बेचारा इन्हीं सब कष्टों से जूझता रहता है और आखिर में वो आत्म हत्या करने को मजबूर हो जाता है।