अल्हागंज - सचिव की अडंगेबाजी से कृषि उत्पादन मंडी का निर्माण लटका
अल्हागंज 15 जून 2016 (ब्यूरो कार्यालय). कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव की अडंगे बाजी से स्थानीय मंडी का निर्माण कई सालों से अधर में पडा है। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार यहां कई वर्षो से कृषि उत्पादन मंडी का निर्माण प्रस्तावित है, इसके लिऐ कई बार स्थल के चयन के लिये सर्वे भी कराया गया। पर मंडी के निर्माण के लिये जमीन का चयन अभी तक नहीं हो पाया है।
अब हुल्लापुर के पास फर्रुखाबाद बाईपास मार्ग पर पाँच कास्तकारों ने जमीन देने का प्रस्ताव किया है। जिसके लिये पाँच, छह एकड़ ज़मीन माँगी गई है। जिसमें रामचन्द्र गुप्ता पैंतिस बीघा तथा बालकराम, बलवीर, आशाराम, सेवाराम ने भी करीब तीस बीघा ज़मीन देने को तैयार है। इन सभी ने बाज़ार भाव में देने के लिए सहमति पत्र मंडी निर्देशक लखनऊ को भेज दिया है तथा उसकी प्रतिलिपि मंडी समिति सचिव बाबू लाल को भी दिया है। जमीन के सर्वे के लिए डी.डी.जी सचिव तथा जे.ई आदि के पैनल ने मौके पर जाकर भू स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है। जमीन का सर्वे करने वाले अधिकारी ने जमीन को उपयुक्त बताया है, मंडी के निर्माण के लिए सपा के पूर्व विधायक शरदवीर सिंह ने भी मुख्यमंत्री तथा डीएम को पत्र लिखा है। लेकिन मंडी समिति के सचिव बाबू लाल की अडंगे बाजी तथा उदासीनता जमीन के चयन में बाधक बनी हुई है। सचिव नहीं चाहते कि उनके कार्यकाल में मंडी का निर्माण शुरु हो वो अपनी जवाब देही से बचना चाहते है। साथ ही फ्री में कोई जिम्मेदारी भी नहीं लेना चाहते हैं।
तीन से साढ़े तीन करोड़ मिलता है मंडी शुल्क-
यहाँ के व्यापारी तथा कास्तकार मंडी शुल्क के रुप में प्रतिवर्ष शासन को तीन करोड़ के आसपास अदा करते है। तहसील में सर्वाधिक मंडी शुल्क देने वाले यहाँ की दो फर्मो को पुरस्कार भी मिल चुका है। लेकिन सुविधा के नाम पर मामला जीरो है। यहाँ नगर पंचायत के कार्यालय के आसपास सड़क के किनारे फुटपाथ पर अनाज की खरीद फरोख्त होती है।सर्दी गर्मी तथा बरसात के मौसम की मार काष्तकारों तथा व्यापारियों को सहनी पडती है। पेयजल भी उपलब्ध नहीं है। मौसम तथा विभागीय अधिकारियों की अडंगेबाजी से व्यापारी बेदम हैं।
कृषि उत्पादन के सचिव बाबूलाल बोले-
कृषि उत्पादन के सचिव बाबूलाल ने खुलासा टीवी को बताया कि अल्हागंज उपमंडी स्थल से तीन से साढ़े तीन करोड़ की मंडी शुल्क के रुप मे रेवन्यू शासन को प्राप्त हो चुका है। वहाँ मंडी के निर्माण होने से पूरे क्षेत्र का विकास होगा ये मुझे मालूम है। मेरे कार्यालय में मंडी निर्माण से सम्बन्धित कोई भी फाईल लम्बित नहीं है। बताई जा रही भूमि का स्थलीय सर्वे गठित किए गए पैनल की रिपोर्ट उसके पक्ष में आती है तो सम्बन्धित भूमि का चयन कर लिया जाऐगा। अगर जन प्रतिनिधि भी इसके लिए शासन स्तर पर प्रयास कर दे तो सोने पर सुहागा होगा। वैसे हमने एसडीएम जलालाबाद को भी पूरी जानकारी दे दी है, दो तीन दिन में उनको लेकर भूमि का सर्वे करुंगा और कास्तकारों से भी सम्पर्क करुंगा।