गौरव पथ पर भ्रष्टाचार, नोटिस भेजकर हाईकोर्ट ने मांगा उत्तर
छत्तीसगढ़ 24 जून 2016 (छत्तीसगढ़ ब्यूरो). हाईकोर्ट ने गौरव पथ पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि जनता की पूंजी को किसी भी सूरत में बर्बाद होने नहीं दिया जाएगा। मणिशंकर पाण्डेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि गौरव पथ में इतना अधिक भ्रष्टाचार हुआ है जिसके प्रमाण की आवश्यकता नहीं दिखाई दे रही है।
जानकारी के अनुसार गौरव पथ को छग सरकार भावी योजनाओं में गिनाती है परंतु इतने अधिक भ्रष्टाचार पर सभी खामोश रहे और चुपचाप तमाशाबीन बने रहे, यह अफसोसजनक है। प्रशासनिक अफसर अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं तो स्पष्ट बताएं और सेवानिवृत्त लेकर घर पर बैठ जाएं। आम जनता के धन का ऐसा दुरूपयोग होना शासन प्रशासन दोनों की कार्यप्रणाली व कार्यशैली को भ्रष्टाचार पक्षधर बनाती है। ऐसे व्यापक भ्रष्टाचार पर अगर राजनेता व अफसर खबर नहीं लेंगे तो हाईकोर्ट आपकी खबर लेगा।
मणिशंकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक कुमार गुप्ता ने कहा कि गौरव पथ निर्माण में दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ शासन कार्रवाई करे। जस्टिस ने मुख्य सचिव के नाम नोटिस जारी कर कहा है कि मुख्य सचिव तीन सप्ताह के भीतर प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
गौरव पथ में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने निर्माण से जुड़े संबधित ठेकेदारों से राशि की रिकवरी और गौरव पथ को मानक स्तर पर तैयार करने को कहा है।
याचिका में गौरव पथ निर्माण में अग्रवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिम्प्लेक्स और सांई कन्स्ट्रक्शन की अहम भूमिका है। गौरव पथ जांच टीम ने ठेकेदारों के अलावा निगम इंजीनियर और अधिकारियों को दोषी पाया है।