गुलबर्ग सोसायटी केस : 24 दोषियों में से 11 को उम्रकैद, 12 को 7 साल जेल
नई दिल्ली 18 जून 2016 (IMNB). अहमदाबाद की विशेष कोर्ट ने आज 2002
गुजरात दंगों के समय गुलबर्ग सोसायटी में 69 लोगों की हत्या के मामले में
दोषी ठहराए गए 24 लोगों में से 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि 12 को 7
साल की जेल और एक को 10 साल की सजा सुनाई। मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने विशेष
जांच दल (एसआईटी) अदालत को 31 मई तक अपना फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।
24 में से 11 लोगों को सीधे
तौर पर हत्या का दोषी माना गया है, उन्हें फांसी देने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने जिन 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है उनको मृत्यु तक जेल में
ही दिन काटने होंगे। तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का
सम्मान करती हैं लेकिन दोषियों को कम सजा मिलने से वे लोग मायूस हुए हैं।
जिन लोगों को उम्रकैद नहीं मिली है उनके खिलाफ वे लोग अपील करेंगे। एक दोषी
के रिश्तेदार ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में जाएंगे। उनके
रिश्तेदार निर्दोष हैं। एक दोषी की बहन ने कहा कि उसका भाई निर्दोष है, वह
इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी, यह इंसाफ नहीं है। 14 साल बाद दो
जून को इस मामले में आए फैसले में 36 लोगों को बरी कर दिया गया था। जज
पीबी देसाई ने 24 लोगों में से 11 को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया जबकि
विहिप नेता अतुल वैद्य समेत 13 अन्य को अपेक्षाकृत मामूली आरोप में दोषी
पाया।
अदालत ने भाजपा पार्षद बिपिन पटेल, पूर्व कांग्रेस पार्षद मेघ
सिंह चौधरी और इलाके के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक केजी एरडा को दोषमुक्त
करार दिया। गौरतलब है कि इस मामले में 66 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
सुनवाई के दौरान 6 व्यक्तियों की मौत हो गई। नौ आरोपी अभी जेल में हैं जबकि
अन्य जमानत पर बाहर हैं। मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने विशेष
जांच दल (एसआईटी) अदालत को 31 मई तक अपना फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।