तीन मंज़िला इमारत से गिर कर भी बच्ची सही सलामत
कानपुर 9 जून 2016 (मो0 नदीम). जाखो राखे सांईया, मार सके ना कोय। आज ये कहावत उस समय सही साबित हो गई जब एक बच्ची तीन मंज़िला इमारत से गिरी और इसके बाद भी उसे एक खंरोच तक ना आई। इसे खुदा का करिश्मा नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे।
बच्ची के गिरने की आवाज़ सुनकर क्षेत्र में कोहराम सा मच गया था, लेकिन जब बच्ची को सही सलामत देखा तो सबकी आंखे हैरत से फ़ैल गई
बताते चले मीरपुर निवासी बब्लू की सुपुत्री अदीबा उम्र तीन वर्ष सबकी नज़रें बचाकर तीन मंज़िला छत पर खेलने पहुंच गई जब पूरा परिवार रमज़ान की अफ्तारी बनाने में मशगूल था, अदीबा छत पर पहुचकर छत के नीचे रोड पर झांकने लगी तभी नीचे रोड पर खड़े चाचा के बेटे फुरकान को देखकर चिल्लाने लगी जैसे ही फुरकान की नज़र अदीबा पर पड़ी वो घबराकर छत पर भागा जब तक वो छत पर पहुंचकर अदीबा तक पहुंच पाता उससे पहले ही अदीबा तीन मंज़िला इमारत से नीचे गिर चुकी थी। घबराये हुए परिवार वाले जब नीचे पहुंचे तो देखा बच्ची रोड पर डरी सहमी सी खड़ी रो रही थी। बच्ची को सही सलामत देखकर रोती बिलखती माँ ने बच्ची को सीने से लगा लिया। बच्ची के गिरने की आवाज़ सुनकर क्षेत्र में कोहराम सा मच गया था, लेकिन जब बच्ची को सही सलामत देखा तो सबकी आंखे हैरत से फ़ैल गई। चूँकि बच्ची इतनी उंचाई से गिरने के बाद भी सही सलामत थी, फिर भी परिवार वालों ने तत्काल डॉक्टर से बच्ची का चेकअप करवाया। रिपोर्ट में बच्ची को नार्मल पाया गया। बहरहाल आज फिर ये बात सही साबित हुई जाखो राखे सांईया मार सके ना कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय।