Kanpur - सड़कों पर 'काल' बन रहे आवारा जानवर
कानपुर 30 जून 2016 (रोशनी चौरसिया). गर्मी के दौरान सूनसान सड़कों पर आवारा जानवर का आतंक बढ़ जाता है। जिसकी वजह से महिलाओं और बच्चों का अकेला निकलना दूभर हो जाता है। गायों, बंदरों व कुत्तों को देखकर इनके कदम ठिठक जाते हैं। जिससे उन्हें वहां से निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कई बार इनके हमले में लोग घायल हो जाते हैं। जिनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें बडे अस्पतालों को रेफर तक करना पड़ता है।
जनपद कानपुर में इन दिनों आवारा सांडों, कुत्तों व बंदरों का आतंक इतना है कि महिला व बच्चों को जब से जानवर सड़क पर दिखाई दे जाते हैं तो वह दूर ही रुक जाते हैं। जबकि घरों की छत पर बंदरों के डर से कपड़े भी नहीं सुखाए जा सकते हैं। बंदर कपड़ों को जबरदस्ती खींच कर ले जाते हैं और उसे फाड़ देते हैं। यदि कोई बंदरों से कपड़े खींचता है तो वह उस पर हमला बोल देते है। जिसमें लोग घायल हो जाते हैं। जनपद में कई मामले ऐसे भी देखने को मिले है जिसमें बंदरों के हमले में कई लोगों की जान भी चल गई है। नगर पालिका की ओर से बंदरों का पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया गया था। मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। सड़क पर टहलने वाले आवारा जानवरों का आतंक शहर ही नहीं गांव में भी खूब है। जिसकी वजह से नगर के चिकित्सालयों में प्रतिदिन साठ से सत्तर मरीज ऐसे आते हैं जिन्हें कुत्तों या बंदरों ने काटा होता है।
बाइक सवारों को होती है काफी दिक्कत -
सड़क पर जब कुत्तों का झुंड इक्टठा होता है तो उधर से पैदल ही नहीं बल्कि बाइक सवारों का निकलना भी दूभर हो जाता है। यदि कोई बाइक सवार जैसे तैसे उधर से निकलना भी चाहता
है तो कुत्ते भौंकते हुए उसका पीछा करते है।
पनकी सी ब्लाक निवासी केशव निगम ने खुलासा टीवी से कहा कि सड़क पर घूमने वाले आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए नगर पालिका की ओर से अभियान चलाया जाना चाहिए। जिससे सड़क पर बच्चे व महिलाएं बिना किसी डर के निकल सके।
सड़क पर कुत्तों व बंदरों की वजह से पढ़ने जाते समय अकेले वहां से निकलने में कठिनाई होती है। इसलिए लड़कियां इकट्ठा होकर जाती हैं। इसलिए इन आवारा जानवरों को पकड़ने की कार्रवाई होनी चाहिए।
इन आवारा जानवरों पर कार्रवाई किया जाना बहुत जरूरी है। क्योंकि यदि कोई गरीब इनका शिकार हो जाता है तो कई बार उसकी जान तक चली जाती है। क्योंकि उसके पास पैसे भी नहीं होते है।
गीतानगर निवासी करन आहूजा ने कहा कि आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए कार्रवाई करते हुए अभियान चलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही हमें भी अपने पालतू जानवरों को इंजेक्शन लगावा देने चाहिए।
*अवारा जानवरों से लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत हो रही है, इसकी शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। पहले भी आतंक मचा रहे जानवरों को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से अभियान चलाया जा चुका है - नगर आयुक्त