शाहजहांपुर - डीएम ने किया प्राइमरी स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण
शाहजहांपुर 25 जुलाई 2015. डीएम पुष्पा सिंह ने आज प्रात: 8:30 बजे भावलखेडा ब्लाक के विभिन्न प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। सर्वप्रथम उच्च प्राथमिक विद्यालय अटसलिया पहुँचकर डीएम ने स्कूल की साफ सफाई का निरीक्षण किया। अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने कई शिक्षकों के वेतन रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने
कहा कि बच्चों की पढाई के लिए पैसा मिलता है और उसमें ढिलाई बरतना
कार्य के प्रति लापरवाही है।
जानकारी के अनुसार जब डीएम स्कूल पहुंची तो स्कूल में उस समय सफाई कर्मचारी द्वारा झाडू लगाया जा रहा था। जिस पर डीएम ने पूछा कि 8:30 बजे स्कूल की सफाई होगी तो पढ़ाई कब होगी। इस पर सभी शिक्षिकायें कुछ जवाब नहीं दे सकीं। स्कूल में प्रधानाध्यापिका मुन्नी देवी आर्य, रश्मि सक्सेना, साइमा तरन्नुम उपस्थित थीं। दपिन्दर कौर व निकहत परवीन स्काउट गाइड में सम्बद्ध पायी गयी। विद्यालय में कुल 60 बच्चों में 20 बच्चे उपस्थित पाये गये। डीएम ने बच्चों से किताब पढवाकर शिक्षा की गुणवत्ता के विषय में जानकारी की तो पाया कि बच्चों को शुद्ध हिन्दी पढना नहीं आ रहा है।
प्राथमिक विद्यालय अटसलिया के निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब है। कक्षा 04 की रजनी, कक्षा 03 की रंजना, कक्षा 02 के इन्द्रसेन आदि छात्र-छात्रायें एक अक्षर भी नहीं पढ सकीं। इस पर जिलाधिकारी ने बेहद नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षिका मीरा सिंह, नम्रता मिश्रा, जुवैदा खातून को प्रतिकूल प्रविष्ट देने के निर्देश दिये। शिक्षिका मीरा सिंह द्वारा अनावश्यक बहस करने तथा अपने शैक्षिक कार्य में रूचि न दिखाने पर जिलाधिकारी ने उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने उक्त दोनों स्कूलों की शिक्षिकाओं को कडे निर्देश देते हुए कहा कि यह बच्चे गांव के गरीबों, मजदूरों, किसानों के बच्चे है। जो कक्षा 05 का बच्चा आज सही हिन्दी नहीं पढ पा रहा है तो उसका आगे चलकर भविष्य क्या होगा। इसी पढाई पर क्या वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि में 15 दिन बाद पुनः स्कूल आऊँगी और पढाई की गुणवत्ता में सुधार नहीं मिला तो सेवा से बर्खास्तगी की कार्यवाही कराऊँगी।
जमुका प्रथम में प्रधानाध्यापिका श्रीमती सरला देवी, शिक्षिका सीमा मिश्रा व अनुपम वर्मा उपस्थित पायी गयी। शिक्षा की गुणवत्ता कि जांच करने पर कक्षा 04 की छात्रा रोज बानो कक्षा 05 की कु0 रीता कक्षा 04 के छात्र हर्षित हिन्दी भी नहीं पढ़ सके। प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 01 में पंजीकृत 18 छात्रों में 03, कक्षा 02 में 33 में 9,कक्षा 03 में 26 में 11 कक्षा 04 में 27 में 8, कक्षा 05 में 31 पंजीकृत बच्चों में मात्र 9 बच्चे ही उपस्थित पाये गये। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक को सरकार अच्छा खासा वेतन दे रही है और वेतन भी पढ़ाने के लिए ही दिया जा रहा है। यही शिक्षकों की रोजी -रोटी है। यदि अपने रोजी-रोटी से ही खिलवाड़ किया जायेगा तो भविष्य क्या होगा, यह शिक्षक स्वयं सोचे। उन्होंने 15 दिन के अन्दर सुधार लाने के निर्देश दिये।
प्राथमिक विद्यालय जमुका द्वितीय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि मात्र 1 अध्यापिका आफताब जहाँ ही उपस्थित है, दूसरी अध्यापिका डा0 शालिनी अनुपस्थित है उनके उपस्थित पंजिका पर मौके पर उपस्थित शिक्षिका द्वारा अवकाश लिखा गया। कोई अवकाश प्रार्थना पत्र या अवकाश रजिस्टर पर अंकन नहीं पाया गया। जिलाधिकारी ने उक्त शिक्षिका का 1 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये। विद्यालय के कक्षा 02 की अंशिका, अंकित, को गिनती, अक्षर ज्ञान नहीं पाया गया। कक्षा 05 की रंजना, परविन्द्र,प्रियंका, नीलू छात्र-छात्राओं को हिन्दी , पहाड़ा कुछ भी नहीं आता पाया गया। जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की गई। अपने निरीक्षण के दौरान रेलवे लाइन के किनारे स्थित जूनियर हाई स्कूल निगौना मकरन्दपुर का निरीक्षण किया। स्कूल में प्रधानाध्यापिका फरहत जहाँ उपस्थित पायी गई। शिक्षिका राजकुमारी पाल की बी0एल0ओ0 में ड्यूटी लगी होने पर नहीं आयी थी। मीरा सक्सेना बीमार होने के कारण स्कूल से चली गई थी। स्कूल में कक्षा 06 में 21 में 15 बच्चे, कक्षा 07 में 23 में 11 बच्चे, कक्षा 08 में 21 में 12 बच्चे उपस्थित पाये गये। शिक्षा की गुणवत्ता की जांच करने पर कक्षा 07 के छात्र विजय व छात्रा प्रेमवती शुद्ध हिन्दी नहीं पढ सकें। डीएम ने कहा कि इस विद्यालय में पढाई का स्तर कुछ ठीक है।
आँगनबाडी केंन्द्र व प्राथमिक विद्यालय पड़रा सिकन्दरपुर,में पहुँचकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि विद्यालय में कुल छात्र/छात्रायें 257 पंजीकृत है जिसमें मौके पर कक्षा 01 में 33 में 17 कक्षा 02 में 55 में 31 कक्षा 03 में 70 में 32 कक्षा 04 में 59 में 28 कक्षा 05 में 40 में 26 छात्र/छात्रायें उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कक्षा 05 के शोभित, हर्षित से हिन्दी पढने को कहा तो वह नहीं पढ सके। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी ने सभी शिक्षकों से कहा कि कक्षावार बच्चों को पढाये। उन्होंने रूचि व उमैरा तथा कवीन्द्र से पढने को कहा तो वह भी नहीं पढ़ सके। इस प्रकार कक्षा 05 के बच्चे भी नहीं पढ़ सके, इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षकों के वेतन रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढाई के लिए पैसा मिलता है। और उस काम में ढिलाई बरतना कार्य के प्रति लापरवाही है। जिलाधिकारी ने सफाई व्यवस्था की जानकारी करने पर पाया कि सफाई कर्मचारी 1 माह से नहीं आया है। डीएम ने बच्चों की कक्षा में जाकर स्वयं पढाया भी, उन्होंने बच्चों को पढाकर कई बार उसी शब्द को दोहरवाया एवं लिखवाया। उन्होंने निर्देश दिये कि जो बच्चे उच्च कक्षा में नहीं पढ पाये है उन्हें पिछली कक्षा की पढाई कराकर परीक्षा ले तब आगे की कक्षा में पढाई करायें।
जिलाधिकारी ने उक्त गांव की आँगनबाडी केन्द्र का निरीक्षण किया और पाया कि मात्र 04 बच्चे ही अतिकुपोषित है उन्हें पोषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने मौके पर बच्चों का वजन भी कराया गया। जिलाधिकारी ने पड़रा सिकन्दरपुर गांव में चैपाल लगाकर जन समस्यायें सुनी। गांव के ग्राम प्रधान विनोद ने बताया कि 40 इन्दिरा आवास बन रहे है जिनकी दूसरी किस्त अभी नहीं मिली है। इस पर जिलाधिकारी ने बी0डी0ओ0 को निर्देश दिये कि आज ही बताये कि दूसरी किस्त लाभार्थियों को क्यों नहीं मिली है। कोटेदार के बारे में बताया गया है कि राशन वितरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मनरेगा में कार्य करने की जानकारी करने पर पाया कि 336 जाॅबकार्ड धारक है जिनमें मात्र 3 से 4 लेबर से कार्य कराया जा रहा है अन्य जाॅबकार्ड धारकों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। और रोजगार सेवक अपने मन की कर रहा है। जिलाधिकारी ने मौके पर पूर्ति निरीक्षक को बुलाकर कोटेदार एवं राशन कार्ड की समस्या दूर कर आज ही अवगत कराने के निर्देश दिये।
जानकारी के अनुसार जब डीएम स्कूल पहुंची तो स्कूल में उस समय सफाई कर्मचारी द्वारा झाडू लगाया जा रहा था। जिस पर डीएम ने पूछा कि 8:30 बजे स्कूल की सफाई होगी तो पढ़ाई कब होगी। इस पर सभी शिक्षिकायें कुछ जवाब नहीं दे सकीं। स्कूल में प्रधानाध्यापिका मुन्नी देवी आर्य, रश्मि सक्सेना, साइमा तरन्नुम उपस्थित थीं। दपिन्दर कौर व निकहत परवीन स्काउट गाइड में सम्बद्ध पायी गयी। विद्यालय में कुल 60 बच्चों में 20 बच्चे उपस्थित पाये गये। डीएम ने बच्चों से किताब पढवाकर शिक्षा की गुणवत्ता के विषय में जानकारी की तो पाया कि बच्चों को शुद्ध हिन्दी पढना नहीं आ रहा है।
प्राथमिक विद्यालय अटसलिया के निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब है। कक्षा 04 की रजनी, कक्षा 03 की रंजना, कक्षा 02 के इन्द्रसेन आदि छात्र-छात्रायें एक अक्षर भी नहीं पढ सकीं। इस पर जिलाधिकारी ने बेहद नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षिका मीरा सिंह, नम्रता मिश्रा, जुवैदा खातून को प्रतिकूल प्रविष्ट देने के निर्देश दिये। शिक्षिका मीरा सिंह द्वारा अनावश्यक बहस करने तथा अपने शैक्षिक कार्य में रूचि न दिखाने पर जिलाधिकारी ने उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने उक्त दोनों स्कूलों की शिक्षिकाओं को कडे निर्देश देते हुए कहा कि यह बच्चे गांव के गरीबों, मजदूरों, किसानों के बच्चे है। जो कक्षा 05 का बच्चा आज सही हिन्दी नहीं पढ पा रहा है तो उसका आगे चलकर भविष्य क्या होगा। इसी पढाई पर क्या वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि में 15 दिन बाद पुनः स्कूल आऊँगी और पढाई की गुणवत्ता में सुधार नहीं मिला तो सेवा से बर्खास्तगी की कार्यवाही कराऊँगी।
जमुका प्रथम में प्रधानाध्यापिका श्रीमती सरला देवी, शिक्षिका सीमा मिश्रा व अनुपम वर्मा उपस्थित पायी गयी। शिक्षा की गुणवत्ता कि जांच करने पर कक्षा 04 की छात्रा रोज बानो कक्षा 05 की कु0 रीता कक्षा 04 के छात्र हर्षित हिन्दी भी नहीं पढ़ सके। प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 01 में पंजीकृत 18 छात्रों में 03, कक्षा 02 में 33 में 9,कक्षा 03 में 26 में 11 कक्षा 04 में 27 में 8, कक्षा 05 में 31 पंजीकृत बच्चों में मात्र 9 बच्चे ही उपस्थित पाये गये। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक को सरकार अच्छा खासा वेतन दे रही है और वेतन भी पढ़ाने के लिए ही दिया जा रहा है। यही शिक्षकों की रोजी -रोटी है। यदि अपने रोजी-रोटी से ही खिलवाड़ किया जायेगा तो भविष्य क्या होगा, यह शिक्षक स्वयं सोचे। उन्होंने 15 दिन के अन्दर सुधार लाने के निर्देश दिये।
प्राथमिक विद्यालय जमुका द्वितीय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि मात्र 1 अध्यापिका आफताब जहाँ ही उपस्थित है, दूसरी अध्यापिका डा0 शालिनी अनुपस्थित है उनके उपस्थित पंजिका पर मौके पर उपस्थित शिक्षिका द्वारा अवकाश लिखा गया। कोई अवकाश प्रार्थना पत्र या अवकाश रजिस्टर पर अंकन नहीं पाया गया। जिलाधिकारी ने उक्त शिक्षिका का 1 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये। विद्यालय के कक्षा 02 की अंशिका, अंकित, को गिनती, अक्षर ज्ञान नहीं पाया गया। कक्षा 05 की रंजना, परविन्द्र,प्रियंका, नीलू छात्र-छात्राओं को हिन्दी , पहाड़ा कुछ भी नहीं आता पाया गया। जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की गई। अपने निरीक्षण के दौरान रेलवे लाइन के किनारे स्थित जूनियर हाई स्कूल निगौना मकरन्दपुर का निरीक्षण किया। स्कूल में प्रधानाध्यापिका फरहत जहाँ उपस्थित पायी गई। शिक्षिका राजकुमारी पाल की बी0एल0ओ0 में ड्यूटी लगी होने पर नहीं आयी थी। मीरा सक्सेना बीमार होने के कारण स्कूल से चली गई थी। स्कूल में कक्षा 06 में 21 में 15 बच्चे, कक्षा 07 में 23 में 11 बच्चे, कक्षा 08 में 21 में 12 बच्चे उपस्थित पाये गये। शिक्षा की गुणवत्ता की जांच करने पर कक्षा 07 के छात्र विजय व छात्रा प्रेमवती शुद्ध हिन्दी नहीं पढ सकें। डीएम ने कहा कि इस विद्यालय में पढाई का स्तर कुछ ठीक है।
आँगनबाडी केंन्द्र व प्राथमिक विद्यालय पड़रा सिकन्दरपुर,में पहुँचकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि विद्यालय में कुल छात्र/छात्रायें 257 पंजीकृत है जिसमें मौके पर कक्षा 01 में 33 में 17 कक्षा 02 में 55 में 31 कक्षा 03 में 70 में 32 कक्षा 04 में 59 में 28 कक्षा 05 में 40 में 26 छात्र/छात्रायें उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कक्षा 05 के शोभित, हर्षित से हिन्दी पढने को कहा तो वह नहीं पढ सके। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी ने सभी शिक्षकों से कहा कि कक्षावार बच्चों को पढाये। उन्होंने रूचि व उमैरा तथा कवीन्द्र से पढने को कहा तो वह भी नहीं पढ़ सके। इस प्रकार कक्षा 05 के बच्चे भी नहीं पढ़ सके, इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षकों के वेतन रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढाई के लिए पैसा मिलता है। और उस काम में ढिलाई बरतना कार्य के प्रति लापरवाही है। जिलाधिकारी ने सफाई व्यवस्था की जानकारी करने पर पाया कि सफाई कर्मचारी 1 माह से नहीं आया है। डीएम ने बच्चों की कक्षा में जाकर स्वयं पढाया भी, उन्होंने बच्चों को पढाकर कई बार उसी शब्द को दोहरवाया एवं लिखवाया। उन्होंने निर्देश दिये कि जो बच्चे उच्च कक्षा में नहीं पढ पाये है उन्हें पिछली कक्षा की पढाई कराकर परीक्षा ले तब आगे की कक्षा में पढाई करायें।
जिलाधिकारी ने उक्त गांव की आँगनबाडी केन्द्र का निरीक्षण किया और पाया कि मात्र 04 बच्चे ही अतिकुपोषित है उन्हें पोषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने मौके पर बच्चों का वजन भी कराया गया। जिलाधिकारी ने पड़रा सिकन्दरपुर गांव में चैपाल लगाकर जन समस्यायें सुनी। गांव के ग्राम प्रधान विनोद ने बताया कि 40 इन्दिरा आवास बन रहे है जिनकी दूसरी किस्त अभी नहीं मिली है। इस पर जिलाधिकारी ने बी0डी0ओ0 को निर्देश दिये कि आज ही बताये कि दूसरी किस्त लाभार्थियों को क्यों नहीं मिली है। कोटेदार के बारे में बताया गया है कि राशन वितरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मनरेगा में कार्य करने की जानकारी करने पर पाया कि 336 जाॅबकार्ड धारक है जिनमें मात्र 3 से 4 लेबर से कार्य कराया जा रहा है अन्य जाॅबकार्ड धारकों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। और रोजगार सेवक अपने मन की कर रहा है। जिलाधिकारी ने मौके पर पूर्ति निरीक्षक को बुलाकर कोटेदार एवं राशन कार्ड की समस्या दूर कर आज ही अवगत कराने के निर्देश दिये।