न्यूरोइमेजिंग से अब मुश्किल मिर्गी का उपचार हुआ आसान - डॉ. मुकुल वर्मा
कानपुर 11 अगस्त 2016. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल द्वारा आज कानपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसमें मिर्गी के बारे में चर्चा की गई। अस्पताल के सीनियर कंसलटैंट डॉ. मुकुल वर्मा ने बताया कि भारत में करीब 5.5 मिलियन लोग मिर्गी के मरीज हैं। इनमें 3.6 मिलियन ग्रामीण भारत में हैं। इस तरह, मिर्गी भारत में यह स्वास्थ संबंधी एक गंभीर समस्या है।
मस्तिष्क में विभिन्न किस्म की गड़बडियों के कारण होने वाली मिर्गी की बीमारी पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मुकुल वर्मा ने कहा कि यह एक ऐसी गड़बड़ी है जिसमें मस्तिष्क के अन्दर नर्व सेल गतिविधि गड़बड़ हो जाती है और इस कारण दौरे पड़ते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें बीमारी, मस्तिष्क का क्षतिग्रस्त होना या मस्तिष्क का असामान्य विकास शामिल है।
मिर्गी के लिए मौजूदा उपचार योजनाओं के बारे में बताते हुए डॉ. वर्मा ने कहा कि मिर्गी का उपचार अब काफी बेहतर हो गया है। पहले मानक एंटी एपीलिप्टिक दवाइयों से उपचार होता था जबकि अब नए एईडी शामिल करे गए हैं। इन नई दवाइयों में ज्यादतर का उपयोग ऐड ऑन थेरेपी के रूप में किया गया है और इससे मरीजों को दौरे से मुक्त रहने में भारी सहायता मिलती है। न्यूरोइमेजिंग से मुश्किल मिर्गी के उपचार के तरीके में भारी बदलाव आया है। मिर्गी के लिए की जाने वाली सर्जरी ने भी काफी प्रगति की है।
अपोलो अस्पताल के बारे में चर्चा करते हुये वक्ताओं ने बताया कि भारत का पहला जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पताल, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स दिल्ली सरकार और अपोलो हॉस्पीटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उपक्रम है जो 1996 में कमीशन हुआ था। यह अपोलो हॉस्पीटल्स ग्रुप द्वारा स्थापित तीसरा सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल है। यह किडनी और लीवर ट्रान्सप्लान्ट के लिए देश भर में अग्रणी अस्पताल है।
इस बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिये आप निम्न इ्मेल पर सम्पर्क कर सकते हैं -
Kusum Sahijpal:- kusum_s@apollohospitalsdelhi.com