कानपुर - रक्षा बन्धन पर ग्रहण योग का साया, 18 को दोपहर तक ही बांध सकेंगे राखी
कानपुर 17 अगस्त 2016 (महेश प्रताप सिंह). सालों बाद रक्षा बंधन का पर्व इस बार सूर्योदय के साथ शुरू हो जाएगा। रक्षा बंधन में दोपहर तक राखी बांधने का योग है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक रक्षा बंधन में सूर्य एवं चंद्रमा पर ग्रहण योग का साया है जिसके चलते दोपहर 2 बजकर 55 मिनट तक ही राखी बांधने का मुहूर्त है।
विदित हो कि रक्षा बंधन का पर्व इस बार 18 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। स्नेह के बंधन से भाई से बहनें जीवन भर रक्षा का वचन लेंगी। रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 17 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 42 मिनट से पूर्णिमा की तिथि आरंभ होगी।लेकिन इस दिन दोपहर तीन बजकर 42 मिनट से मध्यरात्रि 3 बजकर 28 मिनट तक भद्रा रहने के कारण 18 अगस्त को यह पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रगत मान्यतानुसार भद्रा की तिथि में कोई भी शुभ कार्य करना उचित नहीं माना जाता है। चूंकि 18 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 55 मिनट तक पूर्णिमा की तिथि है। इसलिए दोपहर तक ही राखी बांधने का मुहूर्त है।
निर्मित हो रहा ग्रहण योग -
इस वर्ष रक्षाबंधन की तिथि में सूर्य एवं चंद्रमा का ग्रहण योग निर्मित हो रहा है। इस ग्रहण योग में सूर्य एवं चंद्रमा के साथ-साथ बुध एवं शुक्र भी राहु-केतु के प्रत्यक्ष प्रभाव में आ जाएंगे। यह ग्रहण योग प्रतिकूल परिणामों को लेकर आने वाला रहेगा। सूर्य देव एवं चंद्रदेव जब भी राहु एवं केतु के प्रभाव में आते है तो संपूर्ण सृष्टि प्रभावित होती है। इस ग्रहण योग से प्राकृतिक दुर्घटनाओं में वृद्धि होती है।
निर्मित हो रहा ग्रहण योग -
इस वर्ष रक्षाबंधन की तिथि में सूर्य एवं चंद्रमा का ग्रहण योग निर्मित हो रहा है। इस ग्रहण योग में सूर्य एवं चंद्रमा के साथ-साथ बुध एवं शुक्र भी राहु-केतु के प्रत्यक्ष प्रभाव में आ जाएंगे। यह ग्रहण योग प्रतिकूल परिणामों को लेकर आने वाला रहेगा। सूर्य देव एवं चंद्रदेव जब भी राहु एवं केतु के प्रभाव में आते है तो संपूर्ण सृष्टि प्रभावित होती है। इस ग्रहण योग से प्राकृतिक दुर्घटनाओं में वृद्धि होती है।