राशन पर्चियों में धांधली - नगर पंचायत तथा राजस्व कर्मचारी नगर के हर वार्ड का सर्वे करेंगे
अल्हागंज 7 अगस्त 2016. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन पर्चियों की हुई धांधली की शिकायतों की जाँच कर पात्रों को सूचीबद्ध करने का काम अब नगर पंचायत कर्मचारी तथा राजस्व कर्मचारी करेंगे। अमर उजाला तथा खुलासा TV में खबर चलने के बाद एसडीएम जलालाबाद लालबहादुर ने मामले का संज्ञान लिया है।
उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर में तकनीकी त्रुटियों के चलते पूर्व मेंं जारी पर्चियों की सूची में त्रुटियां हुई हैं।उन्होने बताया कि प्रकाशित खबर पर डीएम महोदया ने भी संज्ञान लिया है, उनके ही निर्देश पर लेखापाल और नगर पंचायत के कर्मचारी प्रत्येक वार्ड के घरों में जाकर सर्वे कर सूची तैयार करेंगे और पात्र को ही लाभ दिया जायेगा। उन्होनें क्षेत्र व नगर के कोटेदारों को चेतावनी देते हुऐ कहा है कि घटतौली व राशन की काला बाजारी कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। शिकायत मिलते ही कडी कार्यवाही की जायेगी।
बताते चलें कि नगर के कोटेदारों ने पूर्ति विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से साढ़े ग्यारह सौ राशन की पर्चियां बनवाकर आनन फानन में नगर में वितरित कर दी थीं। बाद में बाइस सौ नामों की लिस्ट बनाकर पूर्ति विभाग को भेज दी गयी थी। पूर्ति विभाग के कर्मचारियों ने योजनाबद्ध तरीके से नगर पंचायत की सूची से ग्यारह सौ नाम काट दिऐ। जिससे नगर की जनता में आक्रोश व्याप्त हुआ है। जनता की नाराजगी दूर करने के लिऐ नगर पंचायत प्रशासन ने सर्वे करके सात सौ लोगों की सूची बनाकर अपने पास रख ली। बताते है कि कोटेदारों तथा पूर्ति कार्यालय द्वारा राशन की जारी की गई पर्चियों में तमाम अपात्र के भी नाम शामिल थे। पात्र लोगों की उपेक्षा की गई। जिसकी शिकायतें डीएम तथा एसडीएम से भी की गई।आखिर में साढ़े ग्यारह सौ पर्चियों को निरस्त कर दी गयी। निरस्त पर्ची धारी उपभोक्ता पिछले चार महीनों से सरकारी मूल्य पर राशन की दुकानों से राशन लेते रहे हैं। पर्चियाँ निरस्त होने से जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है।
बताते चलें कि नगर के कोटेदारों ने पूर्ति विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से साढ़े ग्यारह सौ राशन की पर्चियां बनवाकर आनन फानन में नगर में वितरित कर दी थीं। बाद में बाइस सौ नामों की लिस्ट बनाकर पूर्ति विभाग को भेज दी गयी थी। पूर्ति विभाग के कर्मचारियों ने योजनाबद्ध तरीके से नगर पंचायत की सूची से ग्यारह सौ नाम काट दिऐ। जिससे नगर की जनता में आक्रोश व्याप्त हुआ है। जनता की नाराजगी दूर करने के लिऐ नगर पंचायत प्रशासन ने सर्वे करके सात सौ लोगों की सूची बनाकर अपने पास रख ली। बताते है कि कोटेदारों तथा पूर्ति कार्यालय द्वारा राशन की जारी की गई पर्चियों में तमाम अपात्र के भी नाम शामिल थे। पात्र लोगों की उपेक्षा की गई। जिसकी शिकायतें डीएम तथा एसडीएम से भी की गई।आखिर में साढ़े ग्यारह सौ पर्चियों को निरस्त कर दी गयी। निरस्त पर्ची धारी उपभोक्ता पिछले चार महीनों से सरकारी मूल्य पर राशन की दुकानों से राशन लेते रहे हैं। पर्चियाँ निरस्त होने से जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है।