पुलवाले बाबा हुये दिवंगत, अंतिम दर्शनों के लिये उमडा जन सैलाब
अल्हागंज 16 सितम्बर 2016. रामगंगा नदी के पुल के नीचे पिछले चालिस वर्षो से तपस्या कर रहे प्रसिद्ध संत रविदास उर्फ़ पुल बाले बाबा का शुक्रवार की सुबह दस बजे देहावसान हो गया।
उनके अंतिम दर्शन को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड पडा। बाबा जी पिछले तीन सप्ताह से काफी बीमार चल रहे थे।
रामगंगा नदी के पुल के नीचे बने आश्रम में मौजूद सेवादार लाला यादव तथा नन्हेलाल ने बताया बाबा जी पिछले तीन सप्ताह से बीमार चल रहे थे। बीती बृहस्पतिवार को उनकी हालत कुछ गम्भीर हुई तो उन्हें चिकित्सा के लिए लखनऊ वाहन से ले जाया जा रहा था, तभी हरदोई के आगे करीब दस बजे उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। आज उन्हें शाम को पुल के नीचे ही आश्रम में समाधि दे दी गई।
आश्रम में मौजूद बच्चे, बूढे, महिलाएँ और पुरुषों की आँखों में आंसू की धारा बह रही थी। सभी उनकी कृपाओं का गुणगान कर रहे थे।
बाबा जी पूरी उम्र फलाहारी रहे, उन्होंने कभी अन्न नहीं खाया। वे सदैव फल और दूध तथा सब्जियों का सेवन करते रहे। बाबा जी कहा के निवासी थे कोई नहीं जानता लेकिन उनकी बनारसी भाषा को सुनकर उसी क्षेत्र का निवासी होने का लोग अनुमान लगाते रहे। चालिस वर्ष पूर्व फकीरी लिबास में वे रामगंगा नदी हुल्लापुर उस समय आऐ जब वहाँ पुल का निर्माण शुरू हुआ था। तब से वे वहीं के होकर रहकर रह गऐ। जो भी दुःखी उनके दर गया वापसी पर उसके चेहरे पर सन्तोष झलकता मिला। आश्रम में उनके तमाम मुरीदों, शिष्यों तथा आम श्रद्धालुओं का समाधी दिए जाने तक जमावडा लगा रहा।