शहीद सुधीश कुमार का शव गांव पहुंचते ही फूटा परिजनों का गुस्सा
सम्भल 20 अक्टूबर 2016 (सुनील कुमार). तीन दिन बाद जैसे ही आज
शहीद सुधीश का शव गांव पहुंचा तो परिजनों में गुस्सा फूट
गया। उन्होंने गांव में मुख्यमंत्री को बुलाए जाने की
मांग की और उनके न आने तक शहीद का अंतिम
संस्कार न करने की चेतावनी दे डाली। इस पर सत्ता
पक्ष के स्थानीय नेताओं में हलचल मच गयी और उन्होंने
एक सप्ताह के अंदर शहीद के परिवार को मुख्यमंत्री
से मिलवाने का आश्वासन दिया।
मालूम हो कि तीन दिन पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भारत पाक सीमा पर सीज फायर का उल्लंघन करके पाक द्वारा की गई गोलीबारी में नखासा थाना क्षेत्र के गांव पनसुखा मिलक के ब्रहमपाल के पुत्र सुधीश कुमार शहीद हो गए थे। उनका शव लेकर मंगलवार को सेना का हैलीकाप्टर एचोड़ा कंबोह गांव में बने हेलीपैड पर पहुंचा। जहां से सेना के मेजर के साथ जवानों न तिरंगे में लिपटे सुधीश के शव रखे ताबूत की अगुवाई की और वाहन में ताबूत को रखकर पूरे सम्मान के साथ गांव लगाया गया। शहीद का शव जैसे ही गांव पहुंचा तो परिजनों की आंखे नम हो गई और ग्रामीणों के वह भी शहीद सुधीश अमर रहे, भारत माता की जय तथा पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे लगाने लगे।
सेना के जवानों ने शहीद के अंतिम दर्शन के लिए शव को घर के अंदर रख दिया। जैसे ही परिजनों ने अपने वीर जवान सुधीश का शव देखा तो उनका रो रोकर बुरा हाल था। इसके बाद तो परिजनों में रोष फैल गया और वह प्रदेश सरकार पर गुस्सा जाहिर करने लगे। गुस्साएं परिजनों ने यहां तक कह दिया कि जब तक मुख्यमंत्री गांव में आकर शहीद के परिवार से नहीं मिलते तब तक वह शहीद के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर सेना में आए अधिकारी व जवानों के साथ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी तथा वहां पर मौजूद सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं में हड़कंप मच गया। इस पर सभी ने दुखी परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे। उन सभी की मांग थी कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं आते वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर गांव के ही कुछ बड़े बुजुर्ग लोगों के साथ ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी व विधायक के पिता व पूर्व मंत्री बिजेंद्र पाल यादव, सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां ने परिजनों को आश्वासन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को तीन दिन बाद मिलने के लिए बुलाया है।
इस पर शहीद के भाई मनोज गुर्जर ने कहा कि शादी का निमंत्रण देने नहीं जाना है। यहां पर गांव का गरीब बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। इसलिए मुख्यमंत्री को गांव में परिजनों से मिलने के लिए आना होगा। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि सुधीर की शहादत हमारे लिए जहां गर्व की बात है वहीं दूसरी तरफ हमें उनकी मौत का दुख भी है। वह हमारे लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने गांव में शहीद के नाम से विद्यालय बनवाने, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित बीस लाख की आर्थिक मदद जल्द दिलवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गांव में ऐसे काम कराए जाएंगे जिससे शहीद सुधीश कुमार सभी के दिल में अमर रहें। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि कुछ लोग शहीद की मौत पर राजनीति कर रहे है। जो अच्छी बात नहीं है। जिलाध्यक्ष ने भी बताया कि एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडि़त परिवार से मिलने के लिए गांव आएंगे और उनकी समस्या को सुन उनका समाधान भी कराएंगे। उनके आश्वासन के बाद परिजन कुछ शांत हुए और फिर शहीद के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू की गई।
मालूम हो कि तीन दिन पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भारत पाक सीमा पर सीज फायर का उल्लंघन करके पाक द्वारा की गई गोलीबारी में नखासा थाना क्षेत्र के गांव पनसुखा मिलक के ब्रहमपाल के पुत्र सुधीश कुमार शहीद हो गए थे। उनका शव लेकर मंगलवार को सेना का हैलीकाप्टर एचोड़ा कंबोह गांव में बने हेलीपैड पर पहुंचा। जहां से सेना के मेजर के साथ जवानों न तिरंगे में लिपटे सुधीश के शव रखे ताबूत की अगुवाई की और वाहन में ताबूत को रखकर पूरे सम्मान के साथ गांव लगाया गया। शहीद का शव जैसे ही गांव पहुंचा तो परिजनों की आंखे नम हो गई और ग्रामीणों के वह भी शहीद सुधीश अमर रहे, भारत माता की जय तथा पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे लगाने लगे।
सेना के जवानों ने शहीद के अंतिम दर्शन के लिए शव को घर के अंदर रख दिया। जैसे ही परिजनों ने अपने वीर जवान सुधीश का शव देखा तो उनका रो रोकर बुरा हाल था। इसके बाद तो परिजनों में रोष फैल गया और वह प्रदेश सरकार पर गुस्सा जाहिर करने लगे। गुस्साएं परिजनों ने यहां तक कह दिया कि जब तक मुख्यमंत्री गांव में आकर शहीद के परिवार से नहीं मिलते तब तक वह शहीद के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर सेना में आए अधिकारी व जवानों के साथ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी तथा वहां पर मौजूद सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं में हड़कंप मच गया। इस पर सभी ने दुखी परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे। उन सभी की मांग थी कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं आते वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर गांव के ही कुछ बड़े बुजुर्ग लोगों के साथ ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी व विधायक के पिता व पूर्व मंत्री बिजेंद्र पाल यादव, सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां ने परिजनों को आश्वासन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को तीन दिन बाद मिलने के लिए बुलाया है।
इस पर शहीद के भाई मनोज गुर्जर ने कहा कि शादी का निमंत्रण देने नहीं जाना है। यहां पर गांव का गरीब बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। इसलिए मुख्यमंत्री को गांव में परिजनों से मिलने के लिए आना होगा। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि सुधीर की शहादत हमारे लिए जहां गर्व की बात है वहीं दूसरी तरफ हमें उनकी मौत का दुख भी है। वह हमारे लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने गांव में शहीद के नाम से विद्यालय बनवाने, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित बीस लाख की आर्थिक मदद जल्द दिलवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गांव में ऐसे काम कराए जाएंगे जिससे शहीद सुधीश कुमार सभी के दिल में अमर रहें। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि कुछ लोग शहीद की मौत पर राजनीति कर रहे है। जो अच्छी बात नहीं है। जिलाध्यक्ष ने भी बताया कि एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडि़त परिवार से मिलने के लिए गांव आएंगे और उनकी समस्या को सुन उनका समाधान भी कराएंगे। उनके आश्वासन के बाद परिजन कुछ शांत हुए और फिर शहीद के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू की गई।