ब्रिक्स सम्मेलन : भारत की राह में अड़चन बना चीन, घोषणापत्र में नहीं हो पाया लश्कर और जैश का जिक्र
पणजी 17 अक्टूबर 2016 (IMNB)। गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा
लेने आए देशों से आह्वान किया गया कि वह सुनिश्चित करें की उनके क्षेत्र
का आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. लेकिन पीएम मोदी
के कड़े रवैये को देखकर जैसे कयास लगाए जा रहे थे पाकिस्तान को वैसा जवाब
नहीं दिया जा सका.
इस
सम्मेलन में भारत को उम्मीद थी कि देश में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद और
लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों का जिक्र किया जाएगा साथ ही सीमा पार
आतंकवाद का मुद्दा उठाया जाएगा. लेकिन चीन की मौजूदगी में ये मुमकिन नहीं
हो सका. ब्रिक्स टीम की अगुवाई कर रहे अमर सिन्हा ने बताया कि भारत में
आतंक का कारोबार कर रहे इन दोनों आतंकी संगठनों को घोषणापत्र में जगह नहीं
दी गई. जबकि अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों जैसे इस्लामिक स्टेट और
जबात-अल-नुस्र का जिक्र घोषणापत्र में किया गया. गोवा घोषणापत्र में
सीमापार आतंक के मुद्दे को जगह नहीं दी गई लेकिन ब्रिक्स के चार अन्य सदस्य
देशों रूस, दक्षिण अफ्रीका, चीन और ब्राजील ने उरी हमले की निंदा की. इन
देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने पर सहमति जताई.