PAK का 'हमदर्द' बन BRICS समिट में भारत को मनाने की कोशिश कर सकता है चीन
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2016 (IMNB)। गोवा की राजधानी पणजी में
शनिवार से दो दिन का ब्रिक्स समिट शुरू हो रहा है. इसमें हिस्सा लेने चीन
के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंच रहे हैं. समिट से पहले जिनपिंग पीएम
मोदी से मुलाकात करेंगे. जिस तरह से चीन पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक, चीनी नेता अपने इस दौरे पर पाकिस्तान का मुद्दा उठा
सकते हैं.
समिट में चीन भारत को प्रभावित कर पाकिस्तान के साथ उसके राजनयिक
गतिरोध को तोड़ने की कोशिश करेगा. शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात
शाम 5:40 बजे होगी. पाकिस्तान
ने कूटनीतिक और राजनीतिक तरीकों से चीन से इस बारे में बात की है. चीन भारत को बॉर्डर पर ‘संयम’ बरतने और
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए भारत को मनाने की कोशिश
कर सकता है.
चीनी राजदूत से मिल चुके हैं पाक उच्चायुक्त -
बताया जा रहा है कि इसके लिए पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने चीन के एंबेसेडर लू जाउई से बात भी की है. लू ने इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की और उनसे जिनपिंग और मोदी के बीच होने वाली द्विपक्षीय बातचीत के बारे में जानकारी ली. सूत्रों की मानें, तो जिनपिंग भारत के सामने इंडो-चाइना का उदाहरण रख सकते हैं. इस बॉर्डर पर भी तनाव रहता है, मगर उतना नहीं जितनी भारत-पाक बॉर्डर पर.
बताया जा रहा है कि इसके लिए पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने चीन के एंबेसेडर लू जाउई से बात भी की है. लू ने इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की और उनसे जिनपिंग और मोदी के बीच होने वाली द्विपक्षीय बातचीत के बारे में जानकारी ली. सूत्रों की मानें, तो जिनपिंग भारत के सामने इंडो-चाइना का उदाहरण रख सकते हैं. इस बॉर्डर पर भी तनाव रहता है, मगर उतना नहीं जितनी भारत-पाक बॉर्डर पर.
मोदी देंगे चीन को वाजिब जवाब -
हालांकि, जानकारों का कहना है कि अगर जिनपिंग समिट में पाकिस्तान का मसला उठाएंगे, तो पीएम मोदी भी चुप नहीं रहने वाले. भारत चीन को ये साफ करेगा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद का सिर नहीं कुचला, तो देर-सबेर उसका असर चीन-पाक कॉरीडोर पर भी पड़ेगा. इसके अलावा भारत चीन के सामने आतंकवादी मसूद अजहर और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में अपनी एंट्री का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाएगा.
हालांकि, जानकारों का कहना है कि अगर जिनपिंग समिट में पाकिस्तान का मसला उठाएंगे, तो पीएम मोदी भी चुप नहीं रहने वाले. भारत चीन को ये साफ करेगा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद का सिर नहीं कुचला, तो देर-सबेर उसका असर चीन-पाक कॉरीडोर पर भी पड़ेगा. इसके अलावा भारत चीन के सामने आतंकवादी मसूद अजहर और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में अपनी एंट्री का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाएगा.
ब्रिक्स से क्या चाहता है चीन ?
चीन चाहता है कि ब्रिक्स समिट में सदस्य देश फ्री ट्रेड एरिया बनाने पर सहमति बनाएं. चीन सदस्य देशों के बीच अपना घरेलू बाजार खोलना चाहता है. उसका कहना है कि वह फ्री ट्रेड के लिए ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया समेत कई देशों के साथ 14 समझौते कर चुका है. इसके अलावा चीन भारत में चीनी कारोबारियों और व्यापारियों के लिए लिबरल वीजा की मांग भी कर सकता है.
चीन चाहता है कि ब्रिक्स समिट में सदस्य देश फ्री ट्रेड एरिया बनाने पर सहमति बनाएं. चीन सदस्य देशों के बीच अपना घरेलू बाजार खोलना चाहता है. उसका कहना है कि वह फ्री ट्रेड के लिए ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया समेत कई देशों के साथ 14 समझौते कर चुका है. इसके अलावा चीन भारत में चीनी कारोबारियों और व्यापारियों के लिए लिबरल वीजा की मांग भी कर सकता है.