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नोटों की किल्लत एटीएम खाली आमजन हो रहे बेज़ार, दूसरे दिन भी जिले की सभी बैंकों में लगी लंबी कतार

छत्तीसगढ़/रायपुर 13 नवंबर 2016 (जावेद अख्तर). 500 एवं 1000 के नोटों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक रणनीति के तहत एक ही झटके में गुप्त तरीके से बंद करने की घोषणा तो कर दी मगर इसके बाद से बाज़ारों से रौनक गायब है और आमजनों की हालत खराब होती जा रही है। पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।

100 रूपये की नोटों की भी जबरदस्त किल्लत हो गई है जिसके बाद लोगों को दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली आवश्यक वस्तुओं की खरीदी नहीं कर पा रहें हैं। अधिकांश आमजन बाज़ार से बेज़ार है तो वहीं दुकानदार बंद नोटों को लेने से इंकार कर रहे हैं। जिससे दुकानों में व्यवसाय ठप्प पड़ गया है। केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर तक नोटों को बदलने मोहलत दी है लेकिन 125 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश में यह सब कुछ आसान नहीं है। जिसमें 100 करोड़ मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोग शामिल हैं इससे आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
   
तीसरे दिन भी लगी रही भीड़ -
परसों से पुराने नोटों के बदले में चिल्हर एवं नए नोट दिए जा रहे हैं जिसके चलते राजधानी रायपुर के सभी बैंकों में आज भी भारी भीड़ नज़र आई। सभी काम छोड़कर लोग नोट बदलने के लिए कतारों मेें खड़े रहे तो कुछेक लोग बैंक कर्मचारी से जुगत लगाने मेें लगे रहे। भारी भीड़ से अधिकांश बैंकों द्वारा लोगों की सुविधा के लिए अतिरिक्त काउंटर भी खोले गए हैं जहां पहचान पत्रों के जरिए 4000 रुपए तक नोट बदले जा रहे हैं। परिस्थियों का अंदाज़ा इससे लगा सकतें हैं कि बैंक खुलने के 4-5 घंटे पूर्व ही बैंकों के सामने लम्बी कतारें लग रही है।
   
एटीएम में आधे किमी की लगी कतार -
एटीएम से एक बार में मात्र 2000 रूपए ही निकाला जा सकता है। लोगों के पास राशि नहीं होने के कारण लोग एटीएम से नोट निकालने सुबह 7 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खड़े नज़र आए। शहर के अधिकांश एटीएम में बैंक प्रबंधकों ने राशि उपलब्ध करा दी थी लेकिन अत्यधिक निकासी होने के कारण दोपहर बाद कई एटीएम खाली हो गए और लोग पैसा निकालने फिर भी खड़े रहे। कुछेक एटीएम मेें एक दिन मेें पांच बार नोट भरे गए परंतु फिर भी 8 बजे के बाद एटीएम खाली हो गया। 3-4 प्रमुख एटीएम मेें आधे किमी की लंबी कतार लगी रही।
   
सर्वप्रथम दैनिक जरूरतों की खरीददारी -
फिलहाल जिनको चिल्हर मिला उन्होंनें आम दैनिक जरूरत की चीजें ही खरीद रहे हैं जिसमें खाने-पीने के सामान मुख्य हैं वहीं अन्य वस्तुओं की खरीददारी न के बराबर है। होटल, चाय नाश्ते के ठेले एवं प्रमुख बाजारों में ग्राहकों के अभाव में कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद ही रखी।
   
जहां पर चली नोट वहां पर लगी कतार -
बिजली आफिस में आज भी पुराने नोट लिए गए, जिससे बिजली बिल जमा करने वालों की भी लंबी कतार लगी रही। अंतिम तिथि के पूर्व भुगतान करने की सूचना मिलते ही सभी अपने बिलों का भुगतान करने के लिए पहुंच गए। वहीं गैस वितरकों ने भी सिलेण्डर रिफिल कराने वालों से पुराने नोट लेकर उन्हें सिलेण्डर दिए। ट्रेनों के रिज़र्वेशन काउंटरों पर भी पुराने नोट चल रहे इससे सभी काउंटरों और आनलाइन बुकिंग काउंटरों तक में भीड़ लगी रही।
   
पेट्रोल पंपों ने निकाली आदेश की हवा -
पेट्रोल पंपों पर 14 तारीख तक पुराने नोट लेने का आदेश प्रधानमंत्री एवं कलेक्‍टर तक ने दिया परंतु पेट्रोल पंप के संचालकों ने इन आदेशों की हवा निकाल दी। सर्वप्रथम पेट्रोल पंप पर ही पुराने नोट लेना बंद कर दिया गया। दो चार पेट्रोल पंपों पुराने नोट लिए गए परंतु नब्बे फीसदी पेट्रोल पंपों पर चिल्हर नहीं होने की बात कहकर जबरिया वाहनों में 500 रूपये तक का पेट्रोल डाला गया, वहीं अन्य दुकानदार पांच एवं हजार के नोट लेने से कतरा रहे हैं। जिसके चलते व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
  
दुकानदार बच रहे पुरानी नोट लेने से -
कई दुकानदार अपने परिचितों को बाद में रकम देने की बात कहकर सामान ता दे रहे हैं लेकिन पांच सौ एवं हजार रुपए के नोट नहीं ले रहे हैं। कई दफ्तरों में वेतन के नाम पर पुराने नोट दिए गए, लेकिन जिन्होंने नोट नहीं लिया उन्हें बाद में वेतन देने की बात कही गई। बाजार में उथल-पुथल के साथ आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
  
सहकारी बैंकों में भी नोट का बदलना शुरू -
सहकारी बैंकों में भी रिजर्व बैंकों की अनुमति के बाद आज से नोट बदलने का काम शुरू हो गया। सहकारी बैंकों में सौ, पचास, दस, बीस के नोट के साथ ही पांच एवं दो हजार के नए नोट भी दिए जा रहे हैं।
    
पुराने नोटों पर भी व्यावसाय -
500 एवं 1000 के नोटों पर भी व्यावसाय शुरू कर दिया गया है। इन दिनों कई संस्थानों, अलग अलग स्थानों पर कई दलाल सक्रिय हो गएं हैं जोे लोगों की दिक्कतों का फायदा उठाने मेें लगे हुए हैं। जो 500 रूपये की नोट के बदले 350-400 रूपये एवं 1000 रूपए की नोट के बदले 750-800 रूपये खुल्ले देकर कमाई कर रहे हैं। कई ऐसे लोग जिनके पास बिलकुल भी चिल्हर राशि नहीं है वे इन दलालों के चक्कर में आकर अपने खून पसीने की कमाई गंवाने मजबूर हैं।
    
शराबियों की भी जेबें खाली -
शराब के आदी शराब प्रेमियों की जेबें खाली हो रही है। शराब दुकानदारों द्वारा 500 एवं 1000 के नोट नहीं लिए जा रहे हैं। वहीं ऐसे लोग जो 500 एवं 1000 रूपए की नोट लेकर आ रहे हैं उन्हें 200-400 रूपए तक में आने वाली शराब  500 रूपए में बेची जा रही है। साथ ही परेशान शराबी एक से अधिक बोतल खरीदकर अपनी जेबें खाली कर अपना शौक पूरा कर रहे हैं।
    
स्थिति सामान्य होने में लगेगा समय -
व्यापार व बाज़ार एवं वित्त के जानकारों व विश्लेषकों का कहना है कि भारत में मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग की तादाद इतनी बड़ी है कि फिलहाल सप्ताह-दस दिनों तक परिस्थियां ऐसी ही बनी रहेगी। जब तक चालीस फीसदी लोगों के नोट बदल नहीं जाते, तब तक बाज़ारों में सन्नाटा ही रहेगा। जिस रफ्तार से नोटों को बदला जा रहा है उससे दो सप्ताह के बाद ही स्थिति सामान्य होने की संभावना है।