राज्योत्सव का विरोध - कांग्रेस का जेल भरो आन्दोलन रहा सफल, नेताओं संग आमजनों ने भी दीं गिरफ्तारियां
छत्तीसगढ़ 05 नवंबर 2016 (जावेद अख्तर). राज्य स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते दिनों रायपुर पहुंचे। प्रदेश सरकार पीएम के स्वागत सत्कार एवं राज्योत्सव व विभिन्न कार्यकर्मों में मुस्तैद व व्यस्त रही तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस बार राज्योत्सव का मज़ा किरकिरा करने मेें सफल रही।
विपक्षी दल कांग्रेस ने छग राज्य की बिगड़ती व्यवस्था, व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार गबन व घोटालों, किसानों की फसल व बोनस, मजदूरों का भुगतान, बस्तर एवं रायगढ़ सहित प्रदेश के आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार व फर्जी एनकांउटर और शासकीय अफसरशाही व लूट सहित 20 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश स्तरीय जेल भरो आंदोलन किया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित बड़ी संख्या मेें कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में अपनी गिरफ्तारियां दीं, तथा जेल भरो आंदोलन के दौरान किसानों व आम जनों से भी हस्ताक्षर करवाए गए।
पूर्व राज्यमंत्री सहित दिग्गजों ने जताया विरोध -
पूर्व राज्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष बदरूद्दीन कुरैशी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व छग प्रभारी बीके हरिप्रसाद चौरसिया, वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा व जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला सहित प्रदेश के अलग अलग जिलों में दस हज़ार से भी अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी। वहीं इस विरोध प्रदर्शन मेें आम जन, व्यापारी वर्ग, मजदूर वर्ग, नवयुवाओं सहित किसान उपस्थित रहे। सभी वरिष्ठ व आम जनों ने गिरफ्तारियां दीं।
पूर्व राज्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष बदरूद्दीन कुरैशी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व छग प्रभारी बीके हरिप्रसाद चौरसिया, वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा व जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला सहित प्रदेश के अलग अलग जिलों में दस हज़ार से भी अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी। वहीं इस विरोध प्रदर्शन मेें आम जन, व्यापारी वर्ग, मजदूर वर्ग, नवयुवाओं सहित किसान उपस्थित रहे। सभी वरिष्ठ व आम जनों ने गिरफ्तारियां दीं।
कांग्रेसियों ने घेरा कोतवाली थाना -
तो वहीं रायपुर के स्थानीय नेहरू चौक में धरना देते हुए जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला ने कहा कि असली राज्योत्सव तभी होगा जब सरकार हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को बोनस दे और समर्थन मूल्य में धान ख़रीदे, फसल बीमा का लाभ किसानों को मिले बहनों की अस्मत प्रदेश में सुरक्षित रहे, चावला ने कहा रमन सिंह प्रधानमंत्री के सामने अपना नंबर बढ़ाने के लिए करोड़ों खर्च कर राज्योत्सव करवा रहे है, इंसानों को रहने के लिए छत नहीं दे रहे और जंगल सफारी का उद्घाटन करवा रहे है। जिलाध्यक्ष ने कहा ये राज्योत्सव गरीबों के लिए किसानों के लिए नहीं वरन उन मंत्रियों के लिए है जो भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भर रहे है। साथ ही पूरे जिले के सभी ब्लॉकों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया और बड़ी संख्या में गिरफ्तारी दी। कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस भवन में धरना देने के बाद अमरजीत चावला के नेतृत्व में थाने के लिए निकले।
तो वहीं रायपुर के स्थानीय नेहरू चौक में धरना देते हुए जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला ने कहा कि असली राज्योत्सव तभी होगा जब सरकार हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को बोनस दे और समर्थन मूल्य में धान ख़रीदे, फसल बीमा का लाभ किसानों को मिले बहनों की अस्मत प्रदेश में सुरक्षित रहे, चावला ने कहा रमन सिंह प्रधानमंत्री के सामने अपना नंबर बढ़ाने के लिए करोड़ों खर्च कर राज्योत्सव करवा रहे है, इंसानों को रहने के लिए छत नहीं दे रहे और जंगल सफारी का उद्घाटन करवा रहे है। जिलाध्यक्ष ने कहा ये राज्योत्सव गरीबों के लिए किसानों के लिए नहीं वरन उन मंत्रियों के लिए है जो भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भर रहे है। साथ ही पूरे जिले के सभी ब्लॉकों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया और बड़ी संख्या में गिरफ्तारी दी। कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस भवन में धरना देने के बाद अमरजीत चावला के नेतृत्व में थाने के लिए निकले।
लगे नरेंद्र मोदी गो बैक के जमकर नारे -
रास्ते भर किसानों का धान समर्थन मूल्य में लो, बोनस देना होगा, नरेंद्र मोदी गो बैक, और झीरम की CBI जांच करना होगा, के नारों के साथ कार्यकर्ता थाने की ओर कूच करते रहे। विधानसभा में सीबीआई की जांच का घोषणा होने के बाद अभी तक झीरम हत्याकांड की जांच शुरू क्यों नहीं हुई? नेताओ ने कहा कि इस जांच के न शुरू होने की सबसे बड़ी वजह है क्योंकि इस हत्याकांड के दोषी और कोई नहीं राज्य सरकार और उनका सूचना तंत्र है। राज्य सरकार की सुरक्षा के अभाव में इस घटना को नक्सलियों ने अंजाम दिया जिसके परिणाम स्वरूप हमारी अग्रिम पंक्ति के नेताओ को हमें खोना पड़ा। कार्यक्रम का संचालन हरदेव ढिल्लों और आभार प्रदर्शन गुरमीत चावला ने किया।
रास्ते भर किसानों का धान समर्थन मूल्य में लो, बोनस देना होगा, नरेंद्र मोदी गो बैक, और झीरम की CBI जांच करना होगा, के नारों के साथ कार्यकर्ता थाने की ओर कूच करते रहे। विधानसभा में सीबीआई की जांच का घोषणा होने के बाद अभी तक झीरम हत्याकांड की जांच शुरू क्यों नहीं हुई? नेताओ ने कहा कि इस जांच के न शुरू होने की सबसे बड़ी वजह है क्योंकि इस हत्याकांड के दोषी और कोई नहीं राज्य सरकार और उनका सूचना तंत्र है। राज्य सरकार की सुरक्षा के अभाव में इस घटना को नक्सलियों ने अंजाम दिया जिसके परिणाम स्वरूप हमारी अग्रिम पंक्ति के नेताओ को हमें खोना पड़ा। कार्यक्रम का संचालन हरदेव ढिल्लों और आभार प्रदर्शन गुरमीत चावला ने किया।
राजधानी में इन्होंने दी गिरफ्तारियां -
राजधानी रायपुर मेें कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन काफी हद तक सफल रहा क्योंकि लगभग पांच हज़ार से भी अधिक लोगों ने अपनी गिरफ्तारियां दीं। प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला अग्नि चंद्राकर हरदेव ढिल्लों मनोजकांत साहू जसबीर ढिल्लों नानू भाई बलबीर राज रामजी ध्रुव दाऊलाल चंद्राकर संजय शर्मा नजीरुद्दीन भाटी भारत चंद्राकर केशव चंद्राकर दारा साहू राजेंद्र चंद्राकर सुरेश द्विवेदी अलोक चंद्राकर लछमन पटेल गोविन्द साहू खिलावन साहू सती साहू लामकेश्वर साहू रश्मि चंद्राकर लष्मी देवांगन दुर्गेश्वरी चंद्राकर गुरमीत चावला राजू साहू खिलावन बघेल विजय साव शकील खान लेखन चंद्राकर द्रोण चंद्राकर धर्मेंद्र धीवर आवेज खान संतोष साहू प्रदीप बोसे प्रदीप चंद्राकर हार्दिक सोना अनवर हुसैन दुष्यंत होता छन्नू साहू सुकदेव साहू गौरव चंद्राकर जीतेन्द्र यादव रमन सिंह कपिल साहूलीलू साहू बलवंत साहू बसंत चंद्राकर पंकज दीवान परवीन चंद्राकर देवेंद्र चंद्रकांत सुमीत ढिल्लों शत्रुघ्न साहू मैदान पटेल रिंकू सोनी उमेश कौशिकअमन चंद्राकर बंटी सोनी निखिलकांत साहू शैलेःश साहू जलालुद्दीन ताराचंद हरिशंकर ठाकुर अमित यादव सन्नी यादव खेमराज ध्रुव हृदयनारायण शुक्ल घंरं साहू लछमन ध्रुव मनोज कन्नौजे तुलसी साहू नासिर खान राकेश निर्मलकर सुरेंद्र निषाद शाहबाज राजवानी बदल चंद्राकर प्रेम निषाद शशि गायकवाड़ हाजी मोहमद नाजिर खान मनोहर ठाकुर बलदाऊ बन्दे नेूपेश पटेल समेत सैंकड़ो युवा कांग्रेसी मौजूद थे।
राजधानी रायपुर मेें कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन काफी हद तक सफल रहा क्योंकि लगभग पांच हज़ार से भी अधिक लोगों ने अपनी गिरफ्तारियां दीं। प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला अग्नि चंद्राकर हरदेव ढिल्लों मनोजकांत साहू जसबीर ढिल्लों नानू भाई बलबीर राज रामजी ध्रुव दाऊलाल चंद्राकर संजय शर्मा नजीरुद्दीन भाटी भारत चंद्राकर केशव चंद्राकर दारा साहू राजेंद्र चंद्राकर सुरेश द्विवेदी अलोक चंद्राकर लछमन पटेल गोविन्द साहू खिलावन साहू सती साहू लामकेश्वर साहू रश्मि चंद्राकर लष्मी देवांगन दुर्गेश्वरी चंद्राकर गुरमीत चावला राजू साहू खिलावन बघेल विजय साव शकील खान लेखन चंद्राकर द्रोण चंद्राकर धर्मेंद्र धीवर आवेज खान संतोष साहू प्रदीप बोसे प्रदीप चंद्राकर हार्दिक सोना अनवर हुसैन दुष्यंत होता छन्नू साहू सुकदेव साहू गौरव चंद्राकर जीतेन्द्र यादव रमन सिंह कपिल साहूलीलू साहू बलवंत साहू बसंत चंद्राकर पंकज दीवान परवीन चंद्राकर देवेंद्र चंद्रकांत सुमीत ढिल्लों शत्रुघ्न साहू मैदान पटेल रिंकू सोनी उमेश कौशिकअमन चंद्राकर बंटी सोनी निखिलकांत साहू शैलेःश साहू जलालुद्दीन ताराचंद हरिशंकर ठाकुर अमित यादव सन्नी यादव खेमराज ध्रुव हृदयनारायण शुक्ल घंरं साहू लछमन ध्रुव मनोज कन्नौजे तुलसी साहू नासिर खान राकेश निर्मलकर सुरेंद्र निषाद शाहबाज राजवानी बदल चंद्राकर प्रेम निषाद शशि गायकवाड़ हाजी मोहमद नाजिर खान मनोहर ठाकुर बलदाऊ बन्दे नेूपेश पटेल समेत सैंकड़ो युवा कांग्रेसी मौजूद थे।
पच्चीस हज़ार से अधिक ने दी गिरफ्तारियां -
काफी लंबे समय के बाद प्रदेश मेें कांग्रेस की छवि में सुधार दिखाई दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी गठन के बाद अधिकांशत बागी जोगी के साथ चले गए, जिससे कांग्रेस में गुटबाज़ी लगभग खत्म हो गई। संभवत कल के प्रदर्शन में यह स्पष्ट दिखाई दिया कि अब गुटबाज़ी समाप्त हो चुकी है और कांग्रेस पर भूपेश बघेल व टीएस सिंहदेव की पकड़ मज़बूत हो गई। लंबे समय से प्रदेश में कांग्रेस पिछड़ती जा रही थी परंतु कल तो नाज़ारा ही बदला हुआ था क्योंकि जेल भरो आंदोलन में काफी बड़ी संख्या में नेताओं, कार्यकर्ताओं सहित व्यापारी वर्ग, किसान व आदिवासी वर्ग के आमजन दिखाई दिए। प्रदेश के लगभग लगभग सभी जिलों व ब्लाकों मेें गिरफ्तारियां दीं गई। दुर्ग मेें भूपेश बघेल, अम्बिकापुर मेें टीएस सिंहदेव, भाटापारा में मोहम्मद अकबर, साजा में रविन्द्र चौबे, महासमुंद में धनेंद्र साहू आदि जैसे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया। खासकर बस्तर सहित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरगुजा, गीदम, किरंदुल, जगदलपुर, कांकेर, राजनांदगांव, मोहला मानपुर, कोरिया, गरियाबंद आदि समस्त इलाकों से आदिवासियों ने कांग्रेस को समर्थन दिया और खुलकर साथ आए। किसानों व आदिवासियों की बड़ी संख्या ने कांग्रेस के अंदर नये प्राण फूंक दिए हैं। इस आंदोलन से यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस बार के चुनाव मेें बड़ा उलटफेर होकर रहेगा।
काफी लंबे समय के बाद प्रदेश मेें कांग्रेस की छवि में सुधार दिखाई दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी गठन के बाद अधिकांशत बागी जोगी के साथ चले गए, जिससे कांग्रेस में गुटबाज़ी लगभग खत्म हो गई। संभवत कल के प्रदर्शन में यह स्पष्ट दिखाई दिया कि अब गुटबाज़ी समाप्त हो चुकी है और कांग्रेस पर भूपेश बघेल व टीएस सिंहदेव की पकड़ मज़बूत हो गई। लंबे समय से प्रदेश में कांग्रेस पिछड़ती जा रही थी परंतु कल तो नाज़ारा ही बदला हुआ था क्योंकि जेल भरो आंदोलन में काफी बड़ी संख्या में नेताओं, कार्यकर्ताओं सहित व्यापारी वर्ग, किसान व आदिवासी वर्ग के आमजन दिखाई दिए। प्रदेश के लगभग लगभग सभी जिलों व ब्लाकों मेें गिरफ्तारियां दीं गई। दुर्ग मेें भूपेश बघेल, अम्बिकापुर मेें टीएस सिंहदेव, भाटापारा में मोहम्मद अकबर, साजा में रविन्द्र चौबे, महासमुंद में धनेंद्र साहू आदि जैसे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया। खासकर बस्तर सहित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरगुजा, गीदम, किरंदुल, जगदलपुर, कांकेर, राजनांदगांव, मोहला मानपुर, कोरिया, गरियाबंद आदि समस्त इलाकों से आदिवासियों ने कांग्रेस को समर्थन दिया और खुलकर साथ आए। किसानों व आदिवासियों की बड़ी संख्या ने कांग्रेस के अंदर नये प्राण फूंक दिए हैं। इस आंदोलन से यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस बार के चुनाव मेें बड़ा उलटफेर होकर रहेगा।
जोगी व छजका समर्थकों ने भी किया विरोध -
छग के प्रथम व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (छजका) का गठन किया। धीरे धीरे करके छजका में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहें हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों मेें छजका का अच्छा खासा क्रेज़ दिखाई दिया है। वहीं अब तक 7-8 हज़ार से भी अधिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़कर छजका का दामन थाम लिया है, साथ ही कई बड़े नामी नेताओं सहित विधायक, पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों ने कांग्रेस का साथ छोड़ चुकें हैं। भाजपा के भी लगभग 3-4 हज़ार कार्यकर्ताओं ने छजका का दामन थाम लिया है तो वहीं कई बड़े नाम भी अधर मेें बने हुएं हैं, अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है परंतु अजीत जोगी से लगातार सम्पर्क में बने हुए, जिनका भी जाना लगभग तय ही माना जा सकता है।वहीं राज्योत्सव को लेकर छजका के प्रमुख अजीत जोगी ने वाट्सअप्प, फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस आदि पर जमकर भड़ास निकाली है। जोगी ने कहा कि मजदूरों को भुगतान नहीं दिया गया और किसानों को फसल व बोनस नहीं दिया गया जबकि दीपावली, गोवर्धन पूजा व भाई दूज जैसे प्रमुख त्यौहार बीते सप्ताह मेें थे, छग स्थापना दिवस पर राज्य की भाजपा सरकार ने राज्योत्सव व पीएम के आदर सत्कार में कई सौ करोड़ रूपये फूंक दिया और हर्ष उल्लास के साथ राज्योत्सव मनाया जा रहा है परंतु प्रदेश के गरीब किसानों के लिए राज्य सरकार के पास बजट नहीं है, आदिवासी समुदाय के लिए बजट नहीं है, फर्जी एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए बजट नहीं है, आत्महत्या करने वाले किसानों के कर्ज़े को माफ करने के लिए बजट नहीं है, मजदूरों का भुगतान करने लिए बजट नहीं है राज्य की भाजपा सरकार के पास।
छग के प्रथम व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (छजका) का गठन किया। धीरे धीरे करके छजका में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहें हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों मेें छजका का अच्छा खासा क्रेज़ दिखाई दिया है। वहीं अब तक 7-8 हज़ार से भी अधिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़कर छजका का दामन थाम लिया है, साथ ही कई बड़े नामी नेताओं सहित विधायक, पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों ने कांग्रेस का साथ छोड़ चुकें हैं। भाजपा के भी लगभग 3-4 हज़ार कार्यकर्ताओं ने छजका का दामन थाम लिया है तो वहीं कई बड़े नाम भी अधर मेें बने हुएं हैं, अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है परंतु अजीत जोगी से लगातार सम्पर्क में बने हुए, जिनका भी जाना लगभग तय ही माना जा सकता है।वहीं राज्योत्सव को लेकर छजका के प्रमुख अजीत जोगी ने वाट्सअप्प, फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस आदि पर जमकर भड़ास निकाली है। जोगी ने कहा कि मजदूरों को भुगतान नहीं दिया गया और किसानों को फसल व बोनस नहीं दिया गया जबकि दीपावली, गोवर्धन पूजा व भाई दूज जैसे प्रमुख त्यौहार बीते सप्ताह मेें थे, छग स्थापना दिवस पर राज्य की भाजपा सरकार ने राज्योत्सव व पीएम के आदर सत्कार में कई सौ करोड़ रूपये फूंक दिया और हर्ष उल्लास के साथ राज्योत्सव मनाया जा रहा है परंतु प्रदेश के गरीब किसानों के लिए राज्य सरकार के पास बजट नहीं है, आदिवासी समुदाय के लिए बजट नहीं है, फर्जी एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए बजट नहीं है, आत्महत्या करने वाले किसानों के कर्ज़े को माफ करने के लिए बजट नहीं है, मजदूरों का भुगतान करने लिए बजट नहीं है राज्य की भाजपा सरकार के पास।
जितना बड़ा खर्च राज्योत्सव व पीएम मोदी के विभिन्न कार्यकर्मों में खर्च किया गया है उतने में सभी का भुगतान किया जा सकता था बल्कि सरकारी खज़ाने मेें बड़ी राशि भी बच जाती मगर रमन सरकार के लिए प्रदेश के आदिवासी समुदाय, गरीब किसानों व मज़दूर वर्ग से कोई सरोकार नहीं है इसीलिए जिस राशि का सदुपयोग प्रदेशवासियों के लिए किया जा सकता था उस राशि का उपयोग राज्योत्सव व मोदी के विभिन्न कार्यकर्मों में फूंक दिया गया। राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों को उचित मानदेय नहीं दिया जाता है परंतु मुंबई व अन्य राज्यों से बुलाए गए कलाकारों को मुंह मांगा मानदेय दिया जाता है। इसीलिए इस बार रमन सरकार ने राज्योत्सव मनाया और प्रदेशवासियों ने अकालोत्सव मनाया है। राज्योत्सव में आदिवासी समुदाय के नहीं शामिल होने से और अपेक्षाकृत भीड़ काफी कम होने से राज्य सरकार की पेशानी पर बल पड़ गया है। प्रदेश के अधिकांश किसानों ने भी राज्योत्सव का विरोध जताकर राज्य सरकार की हालत बिगाड़ दी है।