नकली सिगरेट से सरकार को लग रहा है सौ करोड़ प्रतिवर्ष का चूना
कानपुर 03 दिसम्बर 2016. कानपुर इन दिनों अवैध सिगरेटों का एक बड़ा बाजार बनता जा रहा है। सिगरेट के इस
अवैध कारोबार में घरेलू स्तर पर बनाई जाने वाली सिगरेटों पर तो टैक्स की चोरी
की ही जाती है साथ ही प्रमुख ब्रांड्स की नकली सिगरेट्स को भी कई बड़े शहरों से तस्करी कर लाया जा
रहा है। इससे सरकार को हर साल करीब 100 करोड़ रुपए के करों से हाथ धोना
पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ये अवैध सिगरेट थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रताओं और हॉकर्स के पास आसानी से
और हर समय उपलब्ध होती हैं। सिगरेट बेचने वाले भी इन ब्रांड्स को अपने पास
थोक में जमा कर रखना चाहते हैं क्योंकि इन अवैध सिगरेटों में उन्हें 90
प्रतिशत तक मुनाफा होता है, जबकि वैध सिगरेटों में उन्हें करीब 15 प्रतिशत
तक का ही लाभ मिलता है। इसी प्रकार ग्राहक भी, जिनमें युवा और ग्रामीण
आबादी मुख्य तौर पर शामिल हैं, वैध सिगरेटों से 5 गुणा तक सस्ती इन अवैध
सिगरेटों को ही खरीदना पसंद करते हैं। नकली सिगरेटों के पैक में प्रिंटिड
एमआरपी की गैर मौजूदगी में तस्कर और एजेंट्स इस कारोबार में अच्छा खासा लाभ
कमा रहे हैं। नकली और अवैध सिगरेट, प्रदेश भर में आज अधिकांश शहरी सिगरेट
की दुकानों में भी आसानी से उपलब्ध हैं।
ये अवैध निर्माता आई (डीएंडआर) अधिनियम 1951 का गलत इस्तेमाल करते हैं,
जिसमें कुछ विशेष मामलों में लाइसेंस प्राप्त करने से छूट दी गई है और ये
अवैध निर्माता यूनिट बनाए गए उत्पादों का अधिकांश हिस्सा बिना एक्साइज
आदि को अदा किए अपने यूनिट परिसरों से तेजी से बाहर निकाल देते हैं। चूंकि
इस अवैध स्टॉक्स की घोषणा एक्साइज अधिकारियों के पास नहीं की गई होती है।
ऐसे में ये वैट सहित सभी राज्य करों की भी चोरी करने में सफल हो जाते हैं। देश में सिगरेट पर अत्यधिक उत्पाद शुल्क से नकली सिगरेट कारोबार को बढ़ावा मिला है और इसका बाजार 1700 करोड़ रुपए तक पहुँचने का अनुमान लगाया गया है। उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक, मात्रा के लिहाज से बीते 3 वर्षो में भारत में अवैध सिगरेट का बाजार 57.7 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
एैसे में पुलिस एवं एक्साइज अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ जाती है पर ये लोग हमेशा की तरह सिवाय मनमानी के और कुछ भी करते नज़र नहीं आ रहे हैं। इसका सीधा उदाहरण कलक्टरगंज इलाके में तब देखने को मिला जब क्षेत्र में पनप रहे नकली सिगरेट के कारोबार की शिकायत मिलने के बाद भी एक्साइज अधिकारी कान में तेल डाले बैठे रहे एवं पुलिस मामले को नज़र अंदाज़ करती रही. सूत्राें के अनुसार घण्टाघर चौराहे से लेकर सेंट्रल स्टेशन तक खुलेआम नकली सिगरेट बेची जा रही है। साथ ही हरबंश मोहाल थाना क्षेत्र में बाकायदा गोदाम बनाकर नकली सिगरेट का भण्डारण किया जा रहा है. पुलिस एवं एक्साइज अधिकारियों की निष्क्रीयता से साफ़ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं सिगरेट तस्करों को इनका पूरा संरक्षण प्राप्त है, तभी नकली सिगरेट बनाने वाले बिना किसी से डरे खुलेआम अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।
(मो0 नदीम, दिग्विजय सिंह एवं निजामुद्दीन की रिपोर्ट)