आतंकियों से निपटने के लिए भारत खरीदेगा Tunnel Detection System
नई दिल्ली 03 दिसम्बर 2016 (IMNB). जम्मू कश्मीर के नगरोटा में हुए
आतंकी हमले में भी ये बात सामने आ रही है कि आतंकी 80 मीटर लंबी सुरंग के
जरिए बॉर्डर पार करके भारतीय इलाके में दाखिल हुए थे। इसे पहले भी कई बार
सामने आता रहा है कि सीमा पर मौजूद सुरंगों के जरिए आतंकी और स्मगलर भारत
में प्रवेश करते हैं। अब मोदी सरकार इस बात को लेकर काफी गंभीर है और उसने
भारत-पाक सीमा पर सुरंगों की तलाश करने के लिए विशेष उपकरण (Tunnel
Detection System) इजरायल से लाने की तैयारी पूरी कर ली है। बता दें कि अभी
तक हमारे यहां सुरंग तलाशने की कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है।
सिर्फ अमेरिका और इजरायल के पास हैं ये तकनीक -
गौरतलब
है कि दुनिया भर में फिलहाल अमेरिका और इजरायल के पास ही इस तरह के उपकरण
मौजूद हैं। हालांकि अमेरिका की तुलना में इजरायल का उपकरण ज्यादा कारगर है।
बीएसएफ सूत्रों ने कहा कि मैक्सिको से अमेरिका तक खोदी गई सुरंग का पता
लगाने के लिए इजरायली उपकरणों की मदद ली गई थी। इसके जरिए काफी समय बाद
सुरंग का पता लगाया जा सका था।
काफी महंगी है तकनीक -
अभी तुरंत करीब पांच उपकरण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और दस उपकरण नियंत्रण रेखा पर चाहिए। एक उपकरण की कीमत तीन से पांच करोड़ रुपए के बीच बताई जा रही है। टनल डिटेक्शन उपकरण जमीन के अंदर सीस्मिक बदलावों का पता लगाता है। यह जमीन के भीतर 200 से 250 गज की गहराई तक होने वाले सीस्मिक बदलावों का पता लगा सकता है। इनसे भी भारत-पाक की लंबी सीमा पर सुरंगों को खोज पाना दुरूह काम है। इसके लिए बड़ी संख्या में सीमा सुरक्षा बल के जवानों की विशेष टीम को जगह जगह तैनात करना होगा। यह टीम उपकरण को अलग अलग जगहों पर ले जाकर सुरंग का पता लगाने का प्रयास करना होगा। बीएसएफ के पूर्व एडीजी पी के मिश्रा ने कहा कि इस उपकरण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के लंबे चौड़े दायरे में सुरंग की तलाश करना आसान नहीं है।