नहर का पानी कटने से सैकड़ों बीघा गेहूँ की फसल हुई जलमग्न
शाहजहांपुर 22 दिसम्बर 2016 (अनिल मिश्रा). नहर विभाग की लापरवाही से विकास खण्ड भावलखेड़ा के ग्राम ग्वारी, जलालपुर, सुजातपुर, ऊट्हा आदि गाँवों में नहर कटने से सैकड़ों बीघा गेहूँ, सरसों, मसूर आदि बर्बाद हो गई हैं। राष्ट्रीय जल प्रबंधन की नहर दिलावरपुर व देवकली गाँवों से होकर निकली है। जो दिलावरपुर में कट जाने से उसका पानी खेतों में दौड़ पड़ा जिससे लगभग आधा दर्जन गाँव पानी की चपेट में आ गए।
जानकारी के अनुसार खेतों में कई फुट पानी भर गया जिससे गेहूं, सरसों व मसूर की फसल डूब गई है। खेतों में पानी ज्यादा भर जाने से फसल सड़ गई है। उट्हा निवासी कृषक लालता प्रसाद ने खुलासा टीवी को बताया कि उन्होंने पैसे उधार लेकर 15 बीघा खेत पर गेहूं की फसल बोई थी, जो नहर का पानी भरने से बर्बाद हो गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब उनको इस नहर से पानी नहीं मिलता है लेकिन नुकसान उनको उठाना पड़ता है। सुजातपुर निवासी कृषक रामगोपाल ने बताया कि उनके गाँव से नहर होकर नहीं निकलती है। जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है। लेकिन जब पानी कटता है तो फसल की बर्बादी उनकी भी होती है। उन्होंने बताया कि 18 बीघा में गेहूं बोया था और उसमें खाद पानी भी लगा चुके थे। नहर के पानी ने उनको बर्बाद कर दिया।
पहले नदी की बाढ़ ने बर्बाद किया उसके बाद नोटबन्दी के कारण बीज आदि मिलना मुश्किल हुआ और अब नहर के पानी ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। उट्हा गाँव निवासी श्यामवती ने बताया कि उन्होंने 10 बीघा में गेहूं,सरसों व मसूर की फसल लगाई थी। जो नहर का पानी भरने से बर्बाद हो गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का विवाह भी गर्मियों में होना तय हुआ है। फसल बर्बाद हो जाने से वो कैसे विवाह कर पायेगी। यह सब कहते कहते महिला की आँखों में पानी भर आया। ग्राम पंचायत ग्वारी निवासी अवधेश ने बताया कि इस समय नहर में पानी नहीं आना चाहिए और जब पानी की जरूरत होती है तब नहीं आता है। जब नहर में पानी आया तब तक किसान अपने खेतों में पानी लगा चुके थे। साथ ही उन्होंने बताया कि नहर उनके खेतों से 4 किमी दूर है। इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है लेकिन नुकसान जरूर मिलता है। कृषक गया प्रसाद ने बताया कि उनकी भी 5 बीघा गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। नोटबंदी के कारण वे ज्यादा फसल नहीं बो पाये थे। घर के खाने के लिए गेहूं बोया था जो बर्बाद हो गया। जिससे उन्हें खाने के लिए गेहूं और जानवरों के लिए भूसा मिलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि नहर विभाग के अधिकारियों को फोन द्वारा सूचना दी गई लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ और पिछले 8 दिनों से लगातार पानी बह रहा है और कोई भी कर्मचारी अभी तक देखने नहीं आया है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले माह कुछ मजदूरों द्वारा नहर विभाग के कर्मचारियों ने पानी कटने वाली जगह पर बोरियों में मिट्टी भरकर रखी गई थी। जो पानी के तेज बहाव में बह गई और पानी खेतों की और मुड़ गया जिससे किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई।
किसानों के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले नेताओं ने भी नहीं लिया संज्ञान -
चुनाव में किसानों के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले राजनितिक लोग भी कृषकों का हाल जानने नहीं पहुँचे। कृषकों ने बताया कि उनको जो आर्थिक नुकसान हुआ और फसल बर्बाद हुई अगर उसका हर्जाना न दिया गया तो कृषक मुख्यालय पर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज वर्मा मौजूद रहे तथा उन्होंने कृषकों की हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया।
चुनाव में किसानों के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले राजनितिक लोग भी कृषकों का हाल जानने नहीं पहुँचे। कृषकों ने बताया कि उनको जो आर्थिक नुकसान हुआ और फसल बर्बाद हुई अगर उसका हर्जाना न दिया गया तो कृषक मुख्यालय पर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज वर्मा मौजूद रहे तथा उन्होंने कृषकों की हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया।