राशनकार्ड धांधली - खुलासा टीवी की खबर का असर, डीएम ने दिए दुबारा सत्यापन के निर्देश
अल्हागंज 27 दिसम्बर 2016 (ब्यूरो रिपोर्ट). उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने जनता की सहूलियत के लिए आनलाइन शिकायत हेतु जन सुनवाई पोर्टल की शुरूआत की थी। लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों ने इस पोर्टल पर की जाने वाली शिकायतों को फर्जी तरीके से निस्तारित कर सरकार व जनता के साथ धोखा करना प्रारम्भ कर दिया था। प्रकरण को खुलासा टीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। जिस पर संज्ञान लेते हुये अब सख्ती से जांच कराई जा रही है।
प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार नगर पंचायत कार्यालय में नये राशनकार्ड बनवाने के लिए तमाम लोगों ने अपने फार्म सभी औपचारिकताएँ पूर्ण करके इसी वर्ष पंचायत कार्यालय में जमा कराऐ गये थे। पाँच माह बीत जाने के बाद भी जब राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। तब परेशान होकर तमाम लोगों ने जिलापूर्ती अधिकारी के यहां भी दस्तक दी। वहाँ भी निराश होने पर नगर के मोहल्ला पीरगंज निवासी अमित वाजपेयी ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत संख्या 40015216002482 पर दर्ज कराई जिसके निस्तारण में उनको जिला पूर्ति कार्यालय में सभी आवश्यक प्रमाणपत्र के साथ आवेदनपत्र जमा करने के लिए कहा गया था। इसके बाद अमित जब बीस दिसम्बर को राशनकार्ड बनवाने का आवेदन पत्र उक्त कार्यालय में जमा करने गऐ तो सभी ने फार्म लेने से मना कर दिया। उन्हें बताया भी गया कि जनसुनवाई पोर्टल पर दिए गऐ निर्देश पर ही फार्म जमा करने आऐ हैं, लेकिन किसी ने तवज्जो नहीं दी।
पीडित अमित ने इस मामले की शिकायत पुन: जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई जहाँ से संख्या 40015216002610 प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने इस पर जाँच के निर्देश जिला पूर्ति कार्यालय को दिए। जिस पर पुन: जिला पूर्ती कार्यालय ने अपनी आख्या में बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखापाल, ग्राम विकास अधिकारी की ड्यूटी लगा कर प्रथम स्थर पर सत्यापन हेतु जाँच करवाई गई थी । जाँच पर जिन लोगों के नाम मिले उन्हीं लोगों के कार्ड बनाऐ गऐ। द्वितीय स्तर पर सत्यापन कराया जा रहा है। यदि पात्र पाऐ जाते हैं तो नियमानुसार कार्यवाही की जाऐगी।
दूसरी तरफ अमित वाजपेयी का कहना है कि प्रथम सत्यापन में अधिकारियों ने नगर पंचायत व कोटेदारों के इशारे पर कहीं कहीं जाँच की थी पर अधिकतर मोहल्लों मे जाँच भी नहीं की गई थी। जिसके चलते 60 प्रतिशत लोग छूट गऐ थे। दुवारा सत्यापन होने पर कई लोगों की पोल खुल जाऐगी। नगर में 25% लोग ऐसे भी हैं जिनके कभी भी राशन कार्ड बने ही नहीं थे।अब देखना ये है कि कानूनी दांवपेचों में उलझे इस मामले में न्याय होता है या हमेशा की तरह गरीबमार होती है.