सूचना विभाग की लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुयी गम्भीर चूक
कानपुर 20 दिसम्बर 2016 (आलोक कुमार). प्रधानमंत्री की कानपुर रैली में मोदी जी की लोकप्रियता को देखते हुए भारी जन सैलाब होने की प्रबल संभावना पहले से थी। जिसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से इससे निपटने की तैयारी की थी और सफल भी रहे। जिला सूचना विभाग के ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी थी, पर विभाग के कर्मियों ने लापरवाही के चलते सुरक्षा में एैसी चूक कर दी जो बेहद खतरनाक हो सकती थी.
बताते चलें कि पुलिस विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस रैली को सफल बनाने हेतु दिन रात एक कर काम किया, जो कि काबिले तारीफ था। पर जिला सूचना कार्यालय अनावश्यक नियमों और तकनीकी बाधाओं की आड में आनलाइन मीडिया और छोटे समाचार पत्रों को साइडलाइन करने में जुटा रहा। विदित हो कि सूचना विभाग जिले के सारे अखबारों का रिकॉर्ड रखने का जिम्मेदार होता है और कोई भी नया अखबार सूचना विभाग की आख्या के बगैर चालू ही नहीं हो सकता। यही नहीं जिलाधिकारी कार्यालय में किसी भी अखबार को प्रारम्भ करने के घोषणा पत्र की एक प्रति भी तुरन्त जिला सूचना कार्यालय को भेजी जाती है। इसके बाद भी रैली के एक दिन पूर्व रात्रि में जिला सूचना कार्यालय के कर्मचारियों ने बेहद गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक तरीके से काफी हंगामे और पत्रकारों की हजारों मिन्नतों के बाद उनको पास उपलब्ध कराये।
इतना ही नहीं सूचना विभाग द्वारा जारी किये गए मीडिया पास में सुरक्षा मानकों की गम्भीर अनदेखी की गयी। जल्दबाजी में हाथ से लिखे पास पर फोटो चिपका कर कामचलाऊ व्यवस्था की गयी जिस पर कोई सुरक्षा मानक नहीं था। न ही फोटो पर मोहर लगी थी और न ही कार्ड पर कोई क्रम संख्या डाली गयी थी। यह कृत्य प्रधानमंत्री के साथ-साथ पत्रकारों की जान को भी खतरे में डालने वाला था। इस देश में सुरक्षा से खिलवाड़ होने पर पूर्व में भी कई प्रधानमंत्रियों को देश ने खोया है। मोदी जी को आज सबसे ज्यादा जान का खतरा होने के बावजूद सूचना विभाग द्वारा की गई इस घोर लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री की जान को गम्भीर खतरे में डाल दिया गया था। कोई भी गलत इरादे रखने वाला व्यक्ति बेहद आसानी से मीडिया पास से फोटो को अलग कर अपनी फोटो को लगा कर अपने किसी भी इरादे में आसानी से सफल हो सकता था। एैसा कोई हादसा नहीं हुआ इसके लिये हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं परन्तु सुरक्षा व्यवस्था में गम्भीर चूक करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये। जिससे आइन्दा एैसी गम्भीर चूक न होने पाये।