भारत के मिसाइल कार्यक्रम की सफलता से चीन बेचैन, पाक के जरिए घेरने की मंशा
नई दिल्ली, 05 जनवरी 2017 (IMNB)। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ता
देख चीन के माथे पर चिंता लकीरे पड़ने लगी हैं। चीन सरकार द्वारा संचालित
ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत की लंबी दूरी की मिसाइलों पर बीजिंग को
भारत को संदेश देना चाहिए कि अगर वह लंबी दूरी की मिसाइलों की संख्या
बढ़ाता जाएगा तो फिर चीन इस क्षेत्र में पाकिस्तान की मदद करेगा।
बता दें
कि भारत द्वारा सोमवार को परमाणु क्षमता से संपन्न स्ट्रैटजिक मिसाइल,
अग्नि-4 का सफल परीक्षण करने के बाद चीनी मीडिया की यह भड़ास सामने आई है। सरकार
द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स के एक एडीटोरियल का कहना है कि सामान्य रूप
से अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को कोई आपत्ति नही हो तो भारत ऐसी
बैलिस्टिक मिसाइलों का निर्माण करने की क्षमता रखता है कि जो पूरी दुनिया
को कवर कर सके। इसके अलावा पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलों की रेंज भी लगातार
बढ़ती जा रही है। जिसके बाद चीन को भी अब इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
एडीटोरियल का कहना है कि भारत ऐसी बैलेस्टिक मिसाइल तैयार करना चाहता है जो दुनिया के किसी भी हिस्से को निशाना बना सके और तब वह यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों के बराबर आ जाएगा। इसमें आगे लिखा है कि भारत उस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है जहां पर यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के प्रोटोकॉल को तोड़ने के लिए तैयार है। इसमें लिखा है, भारत ने परमाणु हथियारों और लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल डेवलपमेंट की यूएन की सीमा को तोड़ दिया है। इसके बाद भी भारत परमाणु क्षमता को लेकर संतुष्ट होता नजर नहीं आ रहा है।
भारत की जीडीपी चीन की जीडीपी का 20 प्रतिशत
इस एडीटोरियल में यहां तक लिखा है कि भारत की जीडीपी चीन की जीडीपी का 20 प्रतिशत है और चीन की सैन्य क्षमता भारत से कहीं ज्यादा है। भारत जानता है कि चीन को परमाणु डर दिखाना उसके लिए कितना महंगा साबित हो सकता है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन तो भारत से अच्छे संबंध चाहता है लेकिन अगर भारत ने कुछ किया जो शांत नहीं बैठेंगे। इसके अलावा इस एडीटोरियल में कहा गया है कि भारत एक "होनहार" देश है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए होड़ में एकमात्र उम्मीदवार हैं, जो परमाणु क्षमता और आर्थिक क्षमता है के रूप में सक्षम है।
इस एडीटोरियल में यहां तक लिखा है कि भारत की जीडीपी चीन की जीडीपी का 20 प्रतिशत है और चीन की सैन्य क्षमता भारत से कहीं ज्यादा है। भारत जानता है कि चीन को परमाणु डर दिखाना उसके लिए कितना महंगा साबित हो सकता है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन तो भारत से अच्छे संबंध चाहता है लेकिन अगर भारत ने कुछ किया जो शांत नहीं बैठेंगे। इसके अलावा इस एडीटोरियल में कहा गया है कि भारत एक "होनहार" देश है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए होड़ में एकमात्र उम्मीदवार हैं, जो परमाणु क्षमता और आर्थिक क्षमता है के रूप में सक्षम है।
मिसाइल क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी
बता दें कि भारत ने सोमवार को जिस अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था वह 4,000 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकती है। इससे पहले परमाणु हथियारों से लैस बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद भारत अब मिसाइल क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। अग्नि-4 के बाद भारत अग्नि-6 पर भी काम कर रहा है। यह मिसाइल कई हथियार एक साथ ले जाने में सक्षम होगा और दुश्मन के डिफेंस सिस्टम यानी MIRVs (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री वीइकल्स) को मात देने के लिए तकनीकी रूप से चालाक होगा।