फर्जी रूप से डीएवी ट्रस्ट में जोडा गया दयानन्द शिक्षण संस्थान ??
कानपुर 02 फरवरी 2017. डीएवी कालेज
ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेन्ट सोसाइटी कानपुर 1892 में स्थापित हुयी थी, लेकिन आज कुछ लोग राजनैतिक रसूख के कारण कानून और लोकतांत्रिक
संस्थाओं का दुरूपयोग करके अनीतिपूर्वक इसे हडप जाना चाहते हैं। यह आरोप आज एक प्रेसवार्ता के दौरान अभय शर्मा ने लगाये.
अभय शर्मा ने बताया कि डीएवी कालेज
ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेन्ट सोसाइटी कानपुर 1892 में स्थापित हुआ था। सोसायटी ने समाज
में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जो दूसरा कालेज खोला वह डीएवी हाई
स्कूल था, लेकिन आज कुछ लोग राजनैतिक रसूख के कारण कानून और लोकतांत्रिक
संस्थाओं का दुरूपयोग करके अनीतिपूर्वक इसे हडप जाना चाहते हैं। तमाम भ्रम
फैलाये जा रहे हैं और राजनीतिक संपर्को का दुरूपयोग कर संस्थान की
सम्पत्तियों को बेंचा जा रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि सन् 1966 में डीएवी
कालेज ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेंट सोसायटी के साथ एक फर्जी संस्था जिसका नाम
दयानन्द शिक्षा संस्थान है, के साथ समझौता कराया गया, जिसके चलते 1966 से
1973 तक डीएवी कालेज ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेन्ट सोसायटी का नवीनीकरण ही नहीं
कराया गया और 1973 में इसी षडयंत्र में दयानन्द शिक्षा संस्थान का नाम
बदलने की जुगत लगाई गयी, पर नागेश्वरी सहाय सिन्हा तत्कालीन रजिस्ट्रार
आफ सोसाइटीज ने कहा कि कानूनी रूप से नाम परिवर्तन संभव नहीं है लेकिन स्व0
वीरेन्द्र स्वरूप ने अपने धन बल और पद का दुरूपयोग और पद का इस्तेमाल कर
फर्जी दयानन्द शिक्षा संस्थान को डीएवी कालेज ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेन्ट सोसायटी
के साथ जोड दिया।