शराबबंदी की मांग को लेकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलायें करेंगी विधानसभा का घेराव
छत्तीसगढ़ 02 मार्च 2017 (जावेद अख्तर). सरकार द्वारा हाईवे की शराब दुकानों को मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों में खोलने का कड़ा विरोध होना शुरू हो गया है। इसी तारतम्य में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की वाणी राव और विनोद तिवारी ने प्रेसवार्ता में उक्त आदेश पर अपना विरोध दर्शाते हुए जानकारी दी कि 8 मार्च 2017 को 'घर बचाएंगे, विधानसभा जाएंगे' अभियान के तहत राजधानी रायपुर में पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित होकर विरोध जताएंगीं।
शराबबंदी पर समर्थन मांगने 'गुलाबी टोली' विधायकों के घर जायेगी एवं परिवार वालों से भी मिलेगी। जकांछ (जे) ने सोशल मीडिया पर विधायकों के फ़ोन नंबर सार्वजनिक करते हुए लोगों से अपील की है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए अपने अपने क्षेत्र के विधायक एवं नेताओं को एसएमएस और फ़ोन करें।
शराबबंदी पर समर्थन मांगने 'गुलाबी टोली' विधायकों के घर जायेगी एवं परिवार वालों से भी मिलेगी। जकांछ (जे) ने सोशल मीडिया पर विधायकों के फ़ोन नंबर सार्वजनिक करते हुए लोगों से अपील की है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए अपने अपने क्षेत्र के विधायक एवं नेताओं को एसएमएस और फ़ोन करें।
जकांछ ने प्रेसवार्ता में की घोषणा -
जकांंछ की राष्ट्रीय सचिव एवं महिला सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख नेत्री वाणी राव एवं युवा जकांछ (जे) के प्रदेशाध्यक्ष विनोद तिवारी ने आज राजधानी रायपुर में एक प्रेसवार्ता कर इसकी घोषणा की जिसमें बताया गया कि "घर बचायेंगे, विधानसभा जायेंगे" अभियान के तहत प्रदेश की सभी महिलाएं, विशेषकर वो महिलाएं जिनके घर शराब की वजह से बर्बाद हो रहे हैं वो अपना घर बचाने आगे आयेंगी और 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन विधानसभा घेराव कर सरकार से शराबबंदी लागू करने की मांग करेंगी। महिलाओं के नेतृत्व में होने वाले विधानसभा घेराव में युवा भी भाग लेंगे।
शांतिपूर्ण होगा आंदोलन -
श्रीमती राव ने शासन-प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि 8 मार्च को होने वाला महिलाओं का विधानसभा घेराव आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा तथा संवैधानिक दायरे में किया जाएगा इसलिए सरकार दुष्प्रचार करने और आंदोलन को रोकने की नियत से कोई भी अनैतिक, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हथकंडे न अपनाए। शराबबंदी का निर्णय, फायदे नुकसान से ऊपर उठकर, राजनीति से परे एक सामजिक मुद्दा है जिसे संवेदनशील, और भावुक होकर विचार करने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा स्वयं शराब बेचने का निर्णय पूरे समाज के लिए घातक साबित होगा। इससे भ्रष्टाचार और शराबखोरी दोनो बढ़ेगी।