सम्पत्ति विवाद में कर डाली भाई एवं भतीजे की गोली मारकर हत्या
शाहजहांपुर 21 अप्रैल 2017 (अरविंद मिश्रा). कलयुग में रिश्तों की अहमियत दिनों-दिन समाप्त होती जा रही है। ताजा मामला थाना निगोही का है जहां सम्पत्ति विवाद को लेकर सगे भाई ने अपने बेटों के साथ मिलकर अपने भाई व भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह हुए डबल मर्डर की खबर से पुलिस अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। मौके पर पहुँची पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। लोगों की माने तो प्रकरण में सम्पत्ति विवाद सामने आ रहा है। निगोही कस्बा निवासी दिनेश व राकेश तथा सोनू तीन भाई है। जिनमें पांच बर्ष पहले राकेश ने जहर खाकर आत्म हत्या कर ली थी। जिसके बाद राकेश के दो बच्चे गोलू व रूपाली तथा उसकी पत्नी सोनू के पास रहने लगी। जबकि सोनू की पत्नी सोनू को छोड़कर पहले ही चली गई थी। जिससे सोनू ने आने बड़े भाई की पत्नी को अपने साथ रख लिया था। जिसकी दो माह पूर्व ही सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अब परिवार में सोनू और गोलू तथा रूपाली रहते थे। सोनू के पास उसकी अपनी सम्पत्ति तथा उसके भाई राकेश की भी सम्पत्ति आ गई थी। जिसकी वजह से दिनेश उससे रंजिश मानने लगा था। जिससे सम्पत्ति विवाद गोलू का अपने चचेरे भाई संतोष से चलने लगा था।
शुक्रवार की सुबह लगभग 8 बजे संतोष तमंचा लेकर गोलू के घर गया और गाली गलौज करते हुए उस पर फायर कर दिया। जो उसके पेट में जाकर लगी। फायर की आबाज सुनकर आस पड़ोस के लोग मौके पर जा पहुँचे उसी समय संतोष फरार हो गया। मौके जमा हुए कस्बा वासियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से जानकारी की तो सोनू कही नजर नही आया तो पुलिस ने सोनू को उसके घर में जाकर देखा तो कमरे में ताला पड़ा हुआ था। पुलिस ने दरबाजा तोड़कर कमरे के अंदर कमरे में सोनू की लाश पड़ी हुई मिली। लोग कयास लगा रहे हैं कि संतोष ने पहले अपने चाचा को मारा होगा उसके बाद गोलू को मारने आया होगा। पुलिस ने संतोष के भाई आशुतोष तथा उसके पिता दिनेश को गिरफ्तार कर लिया है। तथा संतोष फरार हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह हुए डबल मर्डर की खबर से पुलिस अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। मौके पर पहुँची पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। लोगों की माने तो प्रकरण में सम्पत्ति विवाद सामने आ रहा है। निगोही कस्बा निवासी दिनेश व राकेश तथा सोनू तीन भाई है। जिनमें पांच बर्ष पहले राकेश ने जहर खाकर आत्म हत्या कर ली थी। जिसके बाद राकेश के दो बच्चे गोलू व रूपाली तथा उसकी पत्नी सोनू के पास रहने लगी। जबकि सोनू की पत्नी सोनू को छोड़कर पहले ही चली गई थी। जिससे सोनू ने आने बड़े भाई की पत्नी को अपने साथ रख लिया था। जिसकी दो माह पूर्व ही सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अब परिवार में सोनू और गोलू तथा रूपाली रहते थे। सोनू के पास उसकी अपनी सम्पत्ति तथा उसके भाई राकेश की भी सम्पत्ति आ गई थी। जिसकी वजह से दिनेश उससे रंजिश मानने लगा था। जिससे सम्पत्ति विवाद गोलू का अपने चचेरे भाई संतोष से चलने लगा था।
शुक्रवार की सुबह लगभग 8 बजे संतोष तमंचा लेकर गोलू के घर गया और गाली गलौज करते हुए उस पर फायर कर दिया। जो उसके पेट में जाकर लगी। फायर की आबाज सुनकर आस पड़ोस के लोग मौके पर जा पहुँचे उसी समय संतोष फरार हो गया। मौके जमा हुए कस्बा वासियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से जानकारी की तो सोनू कही नजर नही आया तो पुलिस ने सोनू को उसके घर में जाकर देखा तो कमरे में ताला पड़ा हुआ था। पुलिस ने दरबाजा तोड़कर कमरे के अंदर कमरे में सोनू की लाश पड़ी हुई मिली। लोग कयास लगा रहे हैं कि संतोष ने पहले अपने चाचा को मारा होगा उसके बाद गोलू को मारने आया होगा। पुलिस ने संतोष के भाई आशुतोष तथा उसके पिता दिनेश को गिरफ्तार कर लिया है। तथा संतोष फरार हो गया।
दिनेश, राकेश का सौतेला भाई था सोनू
दिनेश व राकेश के पिता लाला रामकिशन की दो पत्नियां थी। जिसमें पहली बाली पत्नी के दिनेश व राकेश दो बच्चे थे। जब रामकिशन ने दूसरी शादी की थी। तब सोनू दूसरी पत्नी के साथ ही आया था। उसके बाद राकेश की मौत हो गई। जिसकी पत्नी सोनू के साथ रहने लगी। जिससे सोनू के पास डबल सम्पत्ति हो गई। जिसकी बजह से दिनेश और उसका परिवार उससे रंजिश मानने लगा था। सम्पत्ति हासिल करने के लिए दिनेश ने अपने बेटों के साथ मिलकर मर्डर मिस्ट्री की योजना बना डाली। लोगों की माने तो सम्पत्ति लगभग 3 करोड़ की है। जिसको लेकर विवाद चल रहा था। और दिनेश सोनू और गोलू तथा रूपाली को खत्म कर सारी सम्पत्ति हासिल करना चाहता था।
रुपाली के सर से भाई का साया भी उठ गया
रुपाली के सर से भाई का साया भी उठ गया
पहले पिता की मौत हुई उसके बाद माता की भी मौत हो गई। जब उसको उसके चाचा सोनू व भाई गोलू का सहारा मिला तो ईश्वर ने उसको भी छीन लिया। अब इकलौते भाई की हत्या के बाद रुपाली अनाथ हो गई है। भाई तथा चाचा के सहारे जीवन जी रही रूपाली काफी डरी हुई है। तथा दूसरे तहेरे भाई उसके खून के प्यासे घूम रहे है। हो सकता है संतोष रूपाली को भी खत्म करना चाहता हो लेकिन रूपाली स्कूल गई हुई थी। शायद इसी बजह से उसकी जान बच गई।