फ़रियाद न सुने जाने से व्यथित पीड़ित ने डीआइजी आवास के सामने डाला डेरा
कानपुर 04 अप्रैल 2017 (सूरज वर्मा). सीएम योगी लगातार कोशिश कर रहे हैं की उनकी सरकार में पीड़ित को न्याय मिले। लेकिन कुछ अधिकारी शायद अभी भी पिछली सरकार के रंग में रंगे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला कानपुर में देखने को मिला जहाँ डीआइजी कानपुर की दर पर एक परिवार अपनी फ़रियाद लेकर सोमवार दोपहर से पड़ा हुआ है लेकिन डीआइजी साहब को शायद फुर्सत नहीं मिल पायी उनसे मिलने की।
फ़रियाद न सुने जाने से व्यथित पीड़ित परिवार ने डीआइजी ऑफिस के बाहर मौजूद मज़ार में अपना डेरा जमा लिया.
डीआइजी कानपुर रेंज के आवास/ऑफिस के बाहर मज़ार में डेरा जमाये यह परिवार कानपुर देहात के थाने भोगनीपुर अंतर्गत गाँव हरारा का है. पीड़ित परिवार का आरोप है की गाँव के दबंग गिल्ली यादव ने 27 फ़रवरी, 2017 को उनकी नाबालिग बेटी को अगवा कर लिया था. इसका मुकदमा लिखाने के लिए उन्होंने थाने से लेकर एसपी तक गुहार लगायी, लेकिन गिल्ली यादव के रसूख के चलते कुछ नहीं हुआ। क्योंकि उसके सम्बन्ध सपा नेताओं से थे. इसके बाद जब डीएम से गुहार लगायी तब जाकर मुश्किल से एफआईआर दर्ज हुई.
एक महीने से ज्यादा हो जाने के बावजूद आज तक ना तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और ना ही कोई ठोस कार्यवाही पुलिस ने की. पीड़ित परिवार अपनी फ़रियाद लेकर सोमवार दोपहर डीआइजी राजेश मोदक के आवास पर आया था, लेकिन लाख कोशिश के बावजूद उनकी मुलाकात डीआइजी से नहीं हो पाई. डीआइजी के पीआरओ द्वारा कोरा आश्वासन दिया गया, लेकिन पीड़ित परिवार से मिलने का समय डीआइजी साहब नहीं निकाल पाए. आखिरकार परेशान होकर पीड़ित परिवार ने डीआइजी आवास के बाहर मौजूद मज़ार में अपना डेरा जमा लिया है. परिजनों का कहना है की वो अब बिना डीआइजी से मिले यहाँ से नहीं जायेंगे और यहाँ कुछ नहीं हुआ तो फिर सीएम योगी से मिलकर उनको अपनी फ़रियाद बताएँगे.
एक महीने से ज्यादा हो जाने के बावजूद आज तक ना तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और ना ही कोई ठोस कार्यवाही पुलिस ने की. पीड़ित परिवार अपनी फ़रियाद लेकर सोमवार दोपहर डीआइजी राजेश मोदक के आवास पर आया था, लेकिन लाख कोशिश के बावजूद उनकी मुलाकात डीआइजी से नहीं हो पाई. डीआइजी के पीआरओ द्वारा कोरा आश्वासन दिया गया, लेकिन पीड़ित परिवार से मिलने का समय डीआइजी साहब नहीं निकाल पाए. आखिरकार परेशान होकर पीड़ित परिवार ने डीआइजी आवास के बाहर मौजूद मज़ार में अपना डेरा जमा लिया है. परिजनों का कहना है की वो अब बिना डीआइजी से मिले यहाँ से नहीं जायेंगे और यहाँ कुछ नहीं हुआ तो फिर सीएम योगी से मिलकर उनको अपनी फ़रियाद बताएँगे.