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आईएसआई नेटवर्क का सनसनीखेज खुलासा, छग में 3 एजेंट गिरफ्तार 3 वर्ष से कर रहे जासूसी

छत्तीसगढ़ 17 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ अभी तक नक्सल से ही जूझ रहा था मगर एमपी में पकड़ाए एक आईएसआई एजेंट का सीधा कनेक्शन छग के कुछेक लोगों से जुड़ जाना और छग के जांजगीर से आईएसआई नेटवर्क से जुड़े तीन एजेंट्स का पकड़ा जाना, चिंता का विषय है। अब छग भी आईएसआई गतिविधियों के दायरे में आ गया है, वहीं अब संभावना ये भी है कि आईएसआई नेटवर्क के लिए छग से जाने कितने लोग शामिल हैं या होंगे? 


हालांकि बिलासपुर के तेज़ तर्रार एसपी मयंक श्रीवास्तव ने जितनी तेज़ी से एजेंटों को गिरफ्तार करने​ में सफल हुए, संभावना प्रबल है कि आईएसआई नेटवर्क से जुड़े सभी एजेंटों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी कामयाब होंगे। बीते फरवरी माह में मध्यप्रदेश के आईएसआई नेटवर्क के मास्टर माइंड राजीव उर्फ रज्जन तिवारी के पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा हुआ कि उसके तार छग के जांजगीर जिले के दो युवकों से भी जुड़ रहे थे। मगर दुखद पहलू है कि प्रशासनिक​ उच्चाधिकारी कल तक इससे इंकार ही करते रहे और बड़े दावे व दलीलें देंते रहे थे मगर असलियत तो ये है कि यह अपनी लापरवाही और नाकामी को छिपाने के लिए इस बात से इंकार करते रहे हैं, अब तो इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। गिरफ्तार किए एजेंटों ने बताया कि तीन वर्षों से वह आईएसआई को सूचनाएं दे रहे तो शासन व प्रशासनिक उच्चाधिकारियों की आंखें खुली की खुली रह गई।

सिविल लाइंस थाने ने बताया -
सिविल लाइन पुलिस ने जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा की सिंचाई कॉलोनी निवासी मनींद्र यादव (27 वर्ष) पिता राधेश्याम यादव व जांजगीर के तलवापारा पुरानी बस्ती निवासी संजय देवांगन पिता स्व. टीकाराम देवांगन तथा तीसरे आरोपी अवधेश दूबे को गिरफ्तार किया, उनके बैंक अकाउंट का उपयोग आईएसआई एजेंट के लिए उपयोग हुआ है। जिसमें आरोपी संजय के 2 खातों में 42 लाख रुपए जमा होने की पुष्टि हुई है, वहीं संभावना है कि लगभग ढाई करोड़ रुपयों का लेन-देन किया गया है, वहीं ट्रांजेक्शन रकम का 10-15 प्रतिशत बतौर कमीशन मिलता था।उनके पास से मिले अन्य बैंक खातों की जांच के लिए पुलिस की टीम आरोपियों को लेकर सोमवार को जांजगीर गई तथा उनके अन्य खातों की जांच भी की जा रही है। 

पूछताछ में मिली महत्वपूर्ण जानकारियां -
दोनों आरोपियों से सघन पूछताछ से तीसरे आरोपी अवधेश दूबे गिरफ्तारी हुई, साथ ही प्रदेश में आईएसआई एजेंटों के नेटवर्क की जानकारी भी जुटाई जा रही है। जिसमें पता चला है कि उनके पास जिला जांजगीर के नैला क्षेत्र में एसबीआई, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही आधा दर्जन से अधिक बैंक अकाउंट हैं। उनमें संदिग्ध रूप से बड़ी मात्रा में रकम जमा कराई गई हैं। इसी तरह जमा रकम को निकालकर दूसरे खातों में जमा कराया गया है। संजय देवांगन के सिर्फ एक खाते की जांच में पता चला कि एक साल में 23 लाख रुपए जमा कराए गए थे। इसी तरह दूसरे खाते में 19 लाख रुपए जमा कराए गए थे। पुलिस इन खातों की तस्दीक कर रही है। 

एमपी एटीएस ने किया था खुलासा -
मध्यप्रदेश एटीएस ने बीते फरवरी माह में ही आईएसआई नेटवर्क के सक्रिय होने का खुलासा किया था। इस मामले में बलराम सहित अन्य युवकों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को पकड़कर पूछताछ की थी, तब पता चला था कि मध्य प्रदेश के सतना जिले के उचेहरा थाना क्षेत्र के पिथौरा पोढ़ी निवासी गांजा तस्कर रज्जन उर्फ राजीव तिवारी शराब के साथ ही अवैध हथियारों की तस्करी भी करता था। बाद में रज्जन आईएसआई नेटवर्क से जुड़कर जासूसों को मदद करने लगा। वह एजेंटों को रकम उपलब्ध कराने मनींद्र यादव व संजय देवांगन की सहमति पर उनके खातों का उपयोग करता था। 

मास्टरमाइंड के इशारे पर होता था ट्रांजेक्शन -
तीनों आरोपियों ने बताया कि रज्जन के कहने पर ही दोनों युवकों ने अलग अलग बैंकों में आधा दर्जन से अधिक खाते​ खुलवाए, मास्टर माइंड के कहने पर ही अपने अकाउंट नंबर देते, जिसमें बाहर से रकम मंगाए जाते थे। बाद में रुपयों को रज्जन के बताए अनुसार अलग-अलग खातों में जमा किया जाता था। 

नोटबंदी व खातों की जांच से लगी भनक -
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देशभर में नोटबंदी लागू होने के बाद आयकर विभाग ने खातों में आए रूपयों को नज़र में रखा था, साथ ही खातों में जमा रकम को दूसरे खातों में ट्रांजेक्शन की भी जानकारी जुटाई जा रही थी। इस तरह से खातों में रकम जमा करने-कराने के साथ ही सभी खाताधारकों की गतिविधियों की जांच केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी कर रही थी। खुफिया एजेंसी की जांच में ही आईएसआई गतिविधियों के प्रदेश में सक्रिय होने की भनक लगी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है।

सिंचाई विभाग में पदस्थ हैं पिता - 
मामले के आरोपी मनींद्र यादव के पिता सिंचाई विभाग अकलतरा में टाइम कीपर के पद पर कार्यरत हैं। उसके परिजन को नहीं पता था कि वह इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था। साथ ही पुलिस ने संजय देवांगन व अवधेश दूबे की गिरफ्तारी की सूचना दे दी है, संजय के पिता का निधन हो गया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नेटवर्क पिछले तीन साल से छग में सक्रिय है। आईएसआई के सहयोगियों व उसके मास्टर माइंड रज्जन तिवारी 2014 में अकलतरा आया था, तब से ही यहां के तीन या अधिक युवक उसके साथ काम करने के लिए तैयार हो गए। पकड़े गए तीनों युवक मुख्य सरगना रज्जन के कहने पर दो-ढाई सालों से जासूसों की मदद कर रहे थे।

कौन है सतविंदर सिंह -
एसपी मयंक श्रीवास्तव ने बताया, सतविंदर सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है। वह सैन्य छावनी समेत देश की सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों की तस्वीरें लेकर पाकिस्तान को भेजता था। उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा थाने में अपराध दर्ज है। उससे पूछताछ व बैंक खातों की जांच में ही जांजगीर के युवक संजय देवांगन का नाम सामने आया। उसकी पतासाजी के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस बिलासपुर व जांजगीर भी आई थी लेकिन वह फरार था।

आधा दर्जन आरोपियों की हो सकती है गिरफ्तारी -
बिलासपुर व जांजगीर-चांपा में आईएसआई नेटवर्क का खुलासा होने के बाद पुलिस अफसरों की नींद उड़ गई है। पुलिस पिछले तीन दिनों​ से लगातार जानकारी जुटा रही है। पुलिस अफसरों का कहना है कि नेटवर्क में इन युवकों के साथ करीब आधा दर्जन लोगों के नाम सामने आए हैं। हालांकि पुलिस अभी इसका खुलासा नहीं कर रही है। अफसरों का कहना है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर पुख्ता तथ्य जुटाए जा रहें, अन्य आरोपियों को भी बेनकाब किया जाएगा।

रज्जन की गिरफ्तारी के बाद आ गए बिलासपुर - 
पुलिस की पूछताछ में आरोपी संजय व मनींद्र ने बताया कि बीते फरवरी में रज्जन के पकड़े जाने के बाद से इनको पकड़े जाने का भय सताने लगा, इसीलिए बिलासपुर में संजय देवांगन तेलीपारा मेडिकल काम्प्लेक्स स्थित सलूजा मेडिकल स्टोर में और मनींद्र यादव किम्स अस्पताल में अकाउंट विभाग में काम करने लगे एवं रोज अकलतरा से बिलासपुर आना-जाना करने लगे। वहीं इन दोनों की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही तीसरा साथी फरार हो गया था मगर पुलिस ने बीस घंटे के भीतर और एक साथी को गिरफ्तार करने​में सफल हुई।

पुलिस हिरासत में रज्जन का रिश्तेदार - 
पुलिस की टीम ने इस गंभीर मामले में मास्टर माइंड रज्जन के रिश्तेदार भाई को भी हिरासत में ले लिया है। पुलिस उसे अकलतरा से लेकर आई, वह पुरोहित का काम करता है। पूर्व में रज्जन ने उससे भी बैंक अकाउंट खुलवाए थे। लेकिन बाद में उसे लौटा दिया था। यह जानकारी भी जुटाई जा रही है कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उसकी कितनी भूमिका रही है।

* आईएसआई नेटवर्क के मास्टर माइंड मध्यप्रदेश के सतना जिले का निवासी रज्जन तिवारी था, रज्जन की मां का मायका अकलतरा में है। अकलतरा आने के दौरान उसकी मुलाकात सिंचाई कॉलोनी निवासी मनींद्र यादव से हुई। उस समय मनींद्र को उसने बैंक खाता खुलवाने व घर बैठे रकम कमाने का झांसा दिया। इस तरह से मनींद्र ने अपने सहपाठी मित्र संजय देवांगन को भरोसे में लिया और उससे भी बैंक खाता खुलवा लिया तथा अवधेश दूबे भी इसमें शामिल हो गया। अलग-अलग करीब आधा दर्जन खातों का उपयोग रज्जन तिवारी आईएसआई जासूसों को मदद पहुंचाने के लिए करता रहा। - मयंक श्रीवास्तव, एसपी बिलासपुर

* आरोपी मनींद्र का भाई धमेंद्र यादव दिल्ली में रहकर काम करता था, लिहाज़ा आईएसआई नेटवर्क में उसके भी शामिल होने की आशंका है। पुलिस ने अकलतरा स्थित उसके निवास में तलाशी ली लेकिन भाई मनींद्र के पकड़े जाने की भनक लगते ही धर्मेंद्र फरार हो गया है। पुलिस उसकी पतासाजी कर रही है, जल्द ही वह पुलिस की हिरासत में होगा। - शलभ सिन्हा, प्रशिक्षु आईपीएस, बिलासपुर 

* आईएसआई नेटवर्क का खुलासा होने व फरार आरोपी संजय देवांगन के पकड़े जाने की सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस को दे दी गई है। एक-दो दिन में जम्मू-कश्मीर पुलिस आरोपी संजय से पूछताछ के लिए बिलासपुर आ सकती है। इसके लिए अधिकारियों ने टीम भेजने की बात कही है।- प्रशांत कतलम, सिटी एडिशनल एसपी, बिलासपुर

* आईएसआई नेटवर्क के लिए काम करने वाले दो युवकों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस गंभीर मामले में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करनी है। लिहाजा कोर्ट से दोनों आरोपियों को 15 दिन के लिए रिमांड पर देने का आग्रह किया गया। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी को स्वीकार करते हुए 19 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर दिया है। वहीं एक सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। - नसर सिद्दीकी, प्रभारी सिविल लाइंस, बिलासपुर