पाँच माह पूर्व अपहृत बालिका का सुराग नहीं, अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम
अल्हागंज 02 अप्रैल 2017. प्रदेश का निजाम भले ही बदल गया हो लेकिन पुलिस की मानसिकता और कार्य प्रणाली अभी भी पहले की तरह सामंती सोच पर ही चल रही है। बात है क्षेत्र के गांव नगला हलू की यहां के एक ग्रामीण की नाबालिग बहन को पडोसी तथा उसके रिश्तेदार बहला फुसला कर ले गऐ थे। पुलिस की ढिलाई के चलते बालिका अभी भी बरामद नहीं हो सकी है। उलटा नामदर्ज अभियुक्त ग्रामीण को धमकियां दे रहे हैं।
पीडित ग्रामीण ने खुलासा टीवी को बताया कि उसकी नाबालिग बहन को पडोसी आतिष पुत्र बालकृष्ण तथा उनके रिश्तेदार राजकुमार पुत्र लाखन निवासी चौखतिया तथा मीनार बाबू पुत्र बालकृष्ण, बालकृष्ण पुत्र रामसिंह निवासी गांव नगलाहलू थाना अल्हागंज 11 नवम्बर 2016 को बहला फुसलाकर भगा ले गऐ थे। जिसके सदमे से पीडित ग्रामीण की माँ की काफी गम्भीर रुप से बीमार चल रही हैं। मामले की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस ने बमुश्किल 26 नवम्बर 2016 को धारा 366, 365, 504, 506 आईपीसी व 7/8 पास्को एक्ट के तहत दर्ज कर ली थी।
घटना के दिन से आज तक पाँच महीने बीत चुके हैं। जाँच के दौरान दो दरोगा व एक एसओ स्थानांतरित होकर यहां से जा चुके है। मामले की शिकायतें महिला आयोग, डीजीपी, डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री तक की जा चुकी हैं। पुलिस ने सभी शिकायत पत्रों को ठंडे बस्ते में डाल रख्खा है। पुलिस की घोर लापरवाही के चलते पीडित की बहन का आज तक पता नहीं लग सका है। अभियुक्त बराबर उसको दर्ज केस को वापस लेने की धमकियाँ दे रहे हैं। बात न मानने पर बुरे अंजाम के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे रहे हैं। अब पीडित ग्रामीण ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुलिस की शिकायत करते हुऐ बहन को बरामद करने की माँग की है।
पीडित ग्रामीण ने खुलासा टीवी को बताया कि उसकी नाबालिग बहन को पडोसी आतिष पुत्र बालकृष्ण तथा उनके रिश्तेदार राजकुमार पुत्र लाखन निवासी चौखतिया तथा मीनार बाबू पुत्र बालकृष्ण, बालकृष्ण पुत्र रामसिंह निवासी गांव नगलाहलू थाना अल्हागंज 11 नवम्बर 2016 को बहला फुसलाकर भगा ले गऐ थे। जिसके सदमे से पीडित ग्रामीण की माँ की काफी गम्भीर रुप से बीमार चल रही हैं। मामले की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस ने बमुश्किल 26 नवम्बर 2016 को धारा 366, 365, 504, 506 आईपीसी व 7/8 पास्को एक्ट के तहत दर्ज कर ली थी।
घटना के दिन से आज तक पाँच महीने बीत चुके हैं। जाँच के दौरान दो दरोगा व एक एसओ स्थानांतरित होकर यहां से जा चुके है। मामले की शिकायतें महिला आयोग, डीजीपी, डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री तक की जा चुकी हैं। पुलिस ने सभी शिकायत पत्रों को ठंडे बस्ते में डाल रख्खा है। पुलिस की घोर लापरवाही के चलते पीडित की बहन का आज तक पता नहीं लग सका है। अभियुक्त बराबर उसको दर्ज केस को वापस लेने की धमकियाँ दे रहे हैं। बात न मानने पर बुरे अंजाम के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे रहे हैं। अब पीडित ग्रामीण ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुलिस की शिकायत करते हुऐ बहन को बरामद करने की माँग की है।