5 जिंदा जल मरने के बाद प्रशासन को आया होश, दस्तावेज़ में सैकड़ों खामियां संचालक गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ 13 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर). निगम अधिकारियों ने 35 साल पुराने दस्तावेजों की जांच के बाद खुलासा किया कि होटल संचालकों ने एफएआर के दुगुना से ज्यादा होटल का निर्माण कर लिया था। रायपुर के बंजारी मंदिर के निकट रहमानिया चौक के होटल तुलसी में हुई भीषण आगजनी के बाद प्रशासन को होश आया तो सबसे पहले दस्तावेजों की जांच पड़ताल शुरू हुई मगर जांच ने इलाके में अवैध रूप से होटल निर्माण की असलियत खोल कर रख दी है।
होटल तुलसी के दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण ढाई सौ के बजाय चार सौ प्रतिशत एफएआर के अनुरूप किया गया है। सीधे तौर पर कहें तो नियमानुसार कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर के साथ दो माले का निर्माण होना था, जबकि यहां चौथे माले में भी कमरे बनाकर व्यवसायिक उपयोग किया जाता रहा।
होटल तुलसी के दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण ढाई सौ के बजाय चार सौ प्रतिशत एफएआर के अनुरूप किया गया है। सीधे तौर पर कहें तो नियमानुसार कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर के साथ दो माले का निर्माण होना था, जबकि यहां चौथे माले में भी कमरे बनाकर व्यवसायिक उपयोग किया जाता रहा।
इसलिए अवैध है होटल -
आगजनी के मामले में पुलिस और निगम ने होटल मालिक को नोटिस जारी कर आठ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। जोन 7 के आयुक्त ने बताया कि कॉम्प्लेक्स 1984 के पहले से अस्तित्व में है। प्रोपराइटर सुभाष सोनी ने होटल का निर्माण 1987 में होना बताया है, जबकि लाइसेंस 19 सितंबर, 1990 में जारी किया गया। इस समय 1977 का मास्टर प्लान लागू था। नियमानुसार जमीन पर 25 प्रतिशत जगह छोड़कर 75 प्रतिशत में निर्माण करना था। ग्राउंड फ्लोर के अलावा दो माला बनाने की अनुमति थी, लेकिन कॉम्प्लेक्स मालिक ने मनमाने तरीके से तीसरा माला बनाया व चौथा माला भी तान दिया गया। चौथे माले के छत पर भी कमरे बनाकर व्यवसायिक उपयोग किया जाने लगा यानी कि निर्माण पूरी तरह अवैध है।
होटल मालिक से मांगी गई निम्न जानकारी -
होटल मालिक सुभाष सोनी से जानकारी मांगी गई है। होटल का निर्माण कब हुआ, भवन का स्वामित्व किसके पास है, होटल में कितने स्टाफ कार्यरत थे, घटना के समय कितना स्टाफ और मुसाफिर मौजूद थे? आपातकाल में निकले का क्या रास्ता था और फंसे लोग कैसे निकले? होटल में क्या सुरक्षा उपाय और उपकरण मौजूद थे। होटल तुलसी संचालक सुभाष सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। सुभाष से पुलिस ने नोटिस जारी कर कई बिंदुओं में जवाब मांगा था लेकिन सुभाष की तरफ से संतोषप्रद जवाब नही मिलने के चलते रात 2 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया। एएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि होटल कम लाज सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के उद्देश्य से बनाया गया था। सभी नियम कायदे ताक पर रखकर होटल संचलित किया जा रहा था, सुरक्षा इंतजाम के नाम पर कुछ नहीें था, नीचे परफ्यूम की दुकाने थी। किसी भी तरह से वैंटिलेशन के लिए जगह नहीं थी। जिसका बड़ा खामियाजा दुर्घटना के दिन सामने आया कि आग लगने के बाद दम घुटने से 3 व्यापारी मर गये और 2 आग की चपेट में आकर मरे थे। होटल में कोई इमरजेंसी द्वार नहीं था जिससे कमरे में ठहरे चार लोग आग लगने की वजह से जल गए और उन्हें वहां से भागने का कोई मौका नहीं मिला।
होटल से संबंधित सभी पर होगी कार्यवाही -
नगर निगम, होटल मालिक समेत अन्य संबंधित लोगों को भी पार्टी बना सकता है। सुभाष सोनी के पिता स्वर्गीय मांगीलाल सोनी ने ग्राउंड फ्लोर की दुकानें बेच दी थीं। वर्तमान में कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर में कुल 19 व्यापारियों के नाम से दुकान और गोदाम का टैक्स पटाया जा रहा है। इसके अलावा संपत्ति के बंटवारा में सुभाष सोनी का नाम गायब है। इस कारण संभव है कि सुभाष के अलावा दस्तावेज में दर्ज स्वर्गीय मांगी लाल सोनी, शिव कुमार सोनी, संतोषी देवी सोनी और तुलसी बाई सोनी को पार्टी बनाया जाए। स्वर्गवास होने की स्थिति में संपत्ति पर काबिज इनके वारिसों को नोटिस भेजा जाएगा। इन चारों के नाम पर कॉम्प्लेक्स का बंटवारा ग्राउंड फ्लोर से छत तक किया गया है।
गुमाए दस्तावेज़ या बचाने का प्रयास -
मंगलवार शाम मुख्यालय में कॉम्प्लेक्स का नक्शा खोज रहे राजस्व अधिकारी खाली हाथ जोन लौट आए। वहीं सुभाष सोनी आगजनी में नक्शा और अन्य दस्तावेज जलने की बात कह रहे हैं। अधिकारी अब नक्शे के लिए कंट्री एंड टाउन प्लानिंग विभाग पर निर्भर हैं। संभावना जताई जा रही है कि निगम के कुछेक अधिकारियों और होटल मालिक की मिलीभगत पहले से ही रही होगी, इसीलिए दस्तावेजों में कई खामियां पाई गई वहीं ननि के अधिकारी भी साफ साफ कुछ नहीं बता पा रहे। इसी का लाभ लेकर ही वर्तमान होटल संचालक भी दस्तावेज़ और नक्शे की बात पर होटल में जल जाने का बहाना कर जानकारी नहीं होने का कह रहा है। ननि अन्य होटलों के दस्तावेज़ भी निकलवा कर जांच पड़ताल के लिए निगम कर्मचारी मुख्यालय स्थित नगर निवेश कार्यालय में दिन भर बैठें रहें। होटल तुलसी के अलावा बंजारी मार्केट, मटरेजा गली, नयापारा और आसपास के सभी पुराने निर्माणों के दस्तावेज खंगाल रहे हैं। अधिकारी ने इन पुराने होटलों में अवैध रुप से निर्माण किए जाने की बात कही है।
* पुलिस ने सुभाष पर धारा 304 का मामला दर्ज कर लिया है। सुभाष की गिरफ्तारी की सूचना जैसे ही व्यापारी वर्ग को मिली उसे थाने से जमानत देने का दबाव बनाने का प्रयास किया गया, जिस पर अधिकारियों ने इंकार कर कर दिया। पुलिस 12 अप्रैल को सुभाष को कोर्ट में पेश करेगी, न्यायालय तय करेगा कि आगे क्या होगा। - विजय अग्रवाल, एएसपी रायपुर
* पुराने निर्माणों का नियमितीकरण कराने 2007 से मौका दिया जा रहा है, लेकिन संपत्ति मालिक जानबूझकर इसका लाभ नहीं ले रहे थे। होटल तुलसी के संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी इसके अलावा सभी नए पुराने निर्माणों की जांच होगी। नियमितीकरण के दायरे से बाहर के भवनों को नियमानुसार बदलाव करना होगा। - रजत बंसल, आयुक्त, नगर निगम रायपुर