यूपी गैंगरेप में खुला बड़ा राज, दौलत नहीं महिलाओं की इज्जत लूटता है गिरोह
नोएडा, 26 मई 2017 (IMNB). जेवर-बुलंदशहर गैंगरेप की वारदात ने
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठा दिया है। यह वजह है कि
परिवार के मुखिया की हत्या और चार महिलाओं से गैंगरेप की वारदात के बाद
पुलिस ने अब उस गैंग तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। शासन ने
गैंगरेप की जांच उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को सौंपी है। यह गैंग लूटपाट करने के दौरान दुष्कर्म करने के लिए ही वारदात करता है।
इस गैंग की तलाश में लंबे समय से योजना बना रहे पुलिस अधिकारियों की
मानें तो यह गैंग लूटपाट करने के लिए वारदात को अंजाम नहीं देता है, बल्कि
लूटपाट के दौरान दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने के लिए ही वारदात कर
रहा है। पुलिस अधिकारियों ने यह हैरान करने वाला राज खोला है कि ऐसी घटनाओं
में लूट की रकम बेहद कम रहती है। यह भी पता चला है कि अधिकांश मामलों में
रेप या गैंगरेप की पुलिस को पीड़ितों की तरफ से सूचना ही नहीं दी गई, तो
कई मामलों में पुलिस ने समझौता करा दिया।
यह भी जानें -
1. गैंग पिछले 3 साल से लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
2. जेवर में गैंगरेप व हत्या की यह वारदात उसी सड़क पर हुई है जिस पर 11 महीने पहले बीती 29 जुलाई की रात को बुलंदशहर गैंगरेप केस हुआ था।
3. एक आशंका यह भी है कि गैंग हरियाणा से आकर यहां वारदात कर रहा है।
4. कई मामलों में तो आरोपी पैदल ही घटनास्थल तक पहुंचे। इस दौरान दुपहिया वाहन तक का इस्तेमाल नहीं किया।
एक साल के भीतर हुई दोनों वारदातें महज 36 किलोमीटर की दूरी पर एक ही सड़क पर लगभग एक ही तरीके से अंजाम दी गई हैं। दोनों में फर्क सिर्फ गाड़ी रोकने के तरीके में आया। बुलंदशहर वाली वारदात गाड़ी पर एक्सल फेंक पर गाड़ी रुकवाकर अंजाम दी गई। जबकि जेवर में गाड़ी को टायर पंक्चर करके रुकवाया गया। इसके लिए टायर किलर बार जैसी चीज का इस्तेमाल किया गया। टायर किलर बार में भालानुमा नुकीला लोहा निकला हुआ होता है, जिससे टायर फट जाता है। बताया जा रहा है कि इस मामले में रबर की बेल्ट में या तो कीलों को या फिर तेज धार लोहे का इस्तेमाल किया गया है। दोनों वारदातों में एक और अंतर जांच अधिकारियों के सामने आया है। बुलंदशहर गैंगरेप को शराब पीकर अंजाम दिया गया था। घटनास्थल से पुलिस को शराब की बोतल और खास तरह के चने बरामद हुए थे।
यह भी जानें -
1. गैंग पिछले 3 साल से लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
2. जेवर में गैंगरेप व हत्या की यह वारदात उसी सड़क पर हुई है जिस पर 11 महीने पहले बीती 29 जुलाई की रात को बुलंदशहर गैंगरेप केस हुआ था।
3. एक आशंका यह भी है कि गैंग हरियाणा से आकर यहां वारदात कर रहा है।
4. कई मामलों में तो आरोपी पैदल ही घटनास्थल तक पहुंचे। इस दौरान दुपहिया वाहन तक का इस्तेमाल नहीं किया।
एक साल के भीतर हुई दोनों वारदातें महज 36 किलोमीटर की दूरी पर एक ही सड़क पर लगभग एक ही तरीके से अंजाम दी गई हैं। दोनों में फर्क सिर्फ गाड़ी रोकने के तरीके में आया। बुलंदशहर वाली वारदात गाड़ी पर एक्सल फेंक पर गाड़ी रुकवाकर अंजाम दी गई। जबकि जेवर में गाड़ी को टायर पंक्चर करके रुकवाया गया। इसके लिए टायर किलर बार जैसी चीज का इस्तेमाल किया गया। टायर किलर बार में भालानुमा नुकीला लोहा निकला हुआ होता है, जिससे टायर फट जाता है। बताया जा रहा है कि इस मामले में रबर की बेल्ट में या तो कीलों को या फिर तेज धार लोहे का इस्तेमाल किया गया है। दोनों वारदातों में एक और अंतर जांच अधिकारियों के सामने आया है। बुलंदशहर गैंगरेप को शराब पीकर अंजाम दिया गया था। घटनास्थल से पुलिस को शराब की बोतल और खास तरह के चने बरामद हुए थे।