कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर फल फूल रही है अवैध वाटर वेंडरिंग
कानपुर 06 मई 2017 (मोहम्मद नदीम).
रेलवे के अधिकारियों की लाख कोशिशों के बावजूद रेलवे स्टेशन पर फल फूल रही अवैध वेंडरिंग से जनता को निजात मिलती नहीं दिख रही है। शिकायत मिलने पर उच्च अधिकारी दिखावटी छापामारी करते हैं। कुछ देर के लिए अवैध कामों पर अंकुश लगता है, पर उनके जाने के कुछ ही पल बाद फिर अवैध वेंडरिंग चालू हो जाती है। अवैध कामों में इस वक़्त सबसे ज्यादा जो बेचा जा रहा है वो है पानी।
सूत्रों के अनुसार ये पानी नियमानुसार रेल नीर का ना होकर अन्य कम गुणवत्ता वाले सस्ते ब्रांडों का है, जो GRP व RPF के रहते अवैध वेंडर बेच रहे हैं। चोरी पर सीनाजोरी ये कि कम गुणवत्ता वाले पानी को बेचने वाले इसके वैध होने का दावा रहे हैं। बताना चाहेंगे कि कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर कम गुणवत्ता वाले पानी से मोटी कमाई कर रहे जल माफिया कल्लू से जब हमारे संवाददाता ने पूछा कि आप किसकी परमिशन से रेलवे परिसर में ये अवैध पानी बेच रहे हैं। तो कल्लू का कहना था कि जिस तरह से रेल नीर पानी रेलवे में अवलेबल है उसी तरह से पवन, एलपाइन, आसना, 2गुड़ जैसे कम गुणवत्ता वाले पानी भी रेलवे परिसर में वैध हैं। ये सुनकर आश्चर्य हुआ ये कौन सी नई गाइड लाइन रेलवे की आई है। खैर इस बारे में पता किया तो मालूम चला कि ऐसा कुछ भी नहीं है। लेकिन यहाँ पर सोचने वाली बात ये है कल्लू जैसे ठेकेदारों को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है, जो धड़ल्ले से अपने अवैध कामों को अंजाम दे रहे हैे। इसके अलावा इरफ़ान रैनी, राहुल, शिवम्, रोहित और भी कई जल माफिया पानी के अवैध काम से भोले भाले यात्रियों की जेबों पर डाका डालकर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। वही अधिकारी सिर्फ छापामारी का दिखावा करते रह जाते हैं, होता कुछ नहीं है।
सोचने वाली बात तो ये है कि रेलवे में किसकी तूती बोलती है रेलवे अधिकारियों की या अवैध कारोबारियों की
कहते हैं अगर पुलिस ना हो तो शहर में सिर्फ अपराधियों का ही राज हो। पुलिस अगर अपने पर आ जाए तो खोई हुई हुई चीटी को भी ढूंढ निकाले, अपराधी क्या चीज हैं। लेकिन रेलवे परिसर में GRP व RPF के रहते अवैध वेंडर कम गुणवत्ता वाले पानी को बेच रहे हैं जो रेलवे के लगभग सभी प्लेटफार्मो पर बिक रहा है। इस अवैध पानी पर GRP या RPF की नज़र क्यों नहीं पड़ी, ये बात तो समझ के परे है।
सूत्र बताते हैं कि GRP व RPF के कई सूत्र रेलवे परिसर में चहल कदमी करते रहते हैं जो पल पल की सूचना दोनों विभागों को देते रहते हैं। इसके बावजूद अवैध पानी बेच रहे वेंडरों की रोक थाम क्यों नहीं हो रही, ये एक रहस्य है। जिसकी जांच होनी आवश्यक है।