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योगी सरकार के इस मुस्लिम मंत्री पर लगा क​ब्रिस्तान बेचने का आरोप, दर्ज होगा केस

लखनऊ, 26 मई 2017 (IMNB). उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक मंत्री अपने कार्यकाल के दो महीने में ही बेहद चर्चा में आ गए हैं। मोहसिन रजा प्रदेश विधानमंडल में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसके बाद भी मंत्री बनने का गौरव प्राप्त करने वाले मोहसिन रजा पर वक्फ की जमीनें बेचने का आरोप है। वक्फ व हज मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का मन बनाया है।  


सूत्रों के अनुसार जमीनों की कीमत करोड़ों में है। उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा पर वक्फ की जमीन बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। इन जमीनों को मोहसिन रजा के तीन बार बेचने के आरोप हैं। माना जा रहा है कि अब राज्यमंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने प्रदेश के वक्फ व हज मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ वक्फ सम्पत्ति घोटाले में मुकदमा दर्ज करवाने का फैसला किया है। रजा पर आरोप है कि उन्होंने व उनके अन्य भाइयों ने सफीपुर उन्नाव की वक्फ संपत्ति जिसमें कब्रिस्तान भी शामिल है, को तीन हिस्से करके गैरकानूनी ढंग से बेच डाला। मोहसिन रजा इस वक्फ सम्पत्ति के बोर्ड से नियुक्त मुतवल्ली हैं। लखनऊ में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बताया कि मसरूर हुसैन नकवी ने इस मामले में शिकायत की थी। बोर्ड से जांच करवाई गई। जांच में शिकायत सही मिली। जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक वक्फ आलिया बेगम सफीपुर उन्नाव को मुतवल्ली मोहसिन रजा और उनके भाइयों ने अपनी माता को पावर आफ एटार्नी देकर तीन हिस्सों में बेच डाला गया।

वसीम रिजवी के अनुसार बेची गयी वक्फ सम्पत्ति के एक खसरे में मोहसिन रजा के के नाना-नानी और उनके माता-पिता की चार कब्रें भी हैं। चूंकि कानून के अनुसार अगर किसी खसरे पर तीन से ज्यादा कब्रें हैं तो उसे कब्रिस्तान माना जाएगा इसलिए यह कब्रिस्तान को बेचे जाने का भी मामला है। उन्होंने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड उन्नाव के जिलाधिकारी से बेची गई वक्फ सम्पत्ति पर कब्जा वापस लेगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का अल्पसंख्यक चेहरा कहे जाने वाले मंत्री मोहसिन रजा पर वक्फ की जमीन को हेरफेर कर बेचने के आरोप लगे हैं। मोहसिन रजा पर आरोप है कि उन्होंने उन्नाव में वक्फ की जमीन को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये अपनी मां के नाम कराया और उसे बेच दिया।

मोहसिन रजा ने 2010 में उन्नाव के सफीपुर के मुख्य बाजार में मौजूद जमीन को पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी मां जाहिदा बेगम के नाम कराया और बाद में जमीनें बेच दीं। सफीपुर के मुख्य बाजार में वक्फ की लगभग 505 गज जमीनें तीन बार में बेची जहां अब बड़ी मार्केट बन गई है। मोहसिन रज़ा ने जिन वक्फ की जमीनों को बेचा है उनकी कीमत लगभग दो करोड़ से ज्यादा हैं। रिपोर्ट के अनुसार 1937 में अलिया बेगम ने यह जमीनें वक्फ को दान कर दी थीं। तब से मोहसिन रजा का परिवार इस वक्फ की जमीनों की देखरेख कर रहा था। सफीपुर के ही रहने वाले मसरूर हसन के वक्फ बोर्ड में की गयी शिकायत करने के बाद ये पूरा मामला सामने आया है। 

आरोप है कि 505 गज जमीनों को  27 दिसंबर 2005, नौ अगस्त 2006 तथा 29 मार्च 2011 को बेचा गया। 1937 में अलिया बेगम ने यह जमीने वक्फ को दान कर दी थीं। मोहसिन रजा का परिवार इस वक्फ की जमीनों की देखरेख कर रहा था। बोर्ड की जांच की गई, जिसमें इन्हें और इनके परिवार को दोषी पाया गया है। मोहसिन रजा को बोर्ड के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए 13 जनवरी 2016 नोटिस दिया गया। छह हफ्ते में जवाब देना था पर ना कोई आया और ना ही इनकी तरफ से कोई जवाब भेजा गया। इनके दो चाचा ने अपने जवाब में बताया कि यह वक्फ की जमीने नहीं हैं, इसलिए इन पर कोई कार्रवाई न की जाए।  बोर्ड इनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ, क्योंकि अभिलेखों में ये संख्या 2424 वक्फ के नाम पर दर्ज हैं। 

इसके बाद वक्फ ने 13/04/17 धारा 52 (1)(2)(3) के अंतर्गत उन्नाव कलेक्टर को अनुरोध पत्र भेजा कि पूरी बेंची गई संपत्ति का कब्जा वक्फ को दिलाएं और 52(क) के अंतर्गत समस्त दोषी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराएं। आरटीआई के जरिए जिले के नगर पालिका से प्राप्त सूचना के अनुसार मकान सड़क वाला नंबर 2424 नगर पंचायत सफीपुर के अंतर्गत स्थित नहीं है और न ही के होने का कोई रिकॉर्ड मौजूद है। बल्कि सरकारी दस्तावेजों में आबादी संख्या 2424 वक्फ है। इसके आधार पर ही वक्फ बोर्ड ने कार्रवाई की है। इस संदर्भ में प्रदेश सरकार की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है लेकिन समझा जाता है कि विपक्ष इस मामले में सरकार और उनके मंत्री को घेरने में देर नहीं लगाएगा।