अल्हागंज - धड़ल्ले से चल रहे हैं गैर मान्यता प्राप्त स्कूल
अल्हागंज 25 मई 2017. जिला प्रशासन ने बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दे रखे हैं, लेकिन इसके बावजूद नगर में बगैर मान्यता वाले विद्यालय धड़ल्ले से संचालित किये जा रहे हैं। स्थानीय जनता का आरोप है कि निजी स्वार्थ के चलते विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इन स्कूलों में हाई स्कूल और इंटर पास युवक-युवतियां बच्चों को पढ़ाते हैं। इससे स्वत: अनुमान लगाया जा सकता है कि यह अप्रशिक्षित किस स्तर की शिक्षा बच्चों को देते होंगे। इन स्कूलों के संचालक अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाते हैं और यहां पढऩे वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार मानक विहीन गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के प्रबन्धकों, संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। जिससे इनके हौंसले बुलन्द हैं। स्कूल संचालक बच्चों के अभिभावकों से अंग्रेजी माध्यम और गुणवत्तापरक शिक्षा का सब्ज बाग दिखाकर मोटी फीस वसूलते हैं। यही नहीं बगैर मान्यता प्राप्त इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहालों का वास्तविक नामांकन अन्य विद्यालयों में करवाया जाता है। जिससे अभिभावकों को दोहरी फीस का बोझ उठाना पड़ता है।
करीब आधा दर्जन विद्यालय ऐसे भी है। जिनकी मान्यता हिन्दी मीडियम पाँचवी तक है और वे चला रहे हैं इग्लिश मीडियम आँठवी तक, साथ ही कुछ विद्यालयों में तो मान्यता ही नहीं फिर भी चला रहे हाईस्कूल तक। लोगों का कहना है कि बच्चों को स्कूल की वैन में ठूंसकर बैठाया जाता है। यह वैन गैस से चलाई जाती हैं। स्कूलों के कमरे भी छोटे छोटे हैं। इन कमरों में कुदरती हवा और प्रकाश का अभाव रहता है। उमस भरी भीषण गर्मी में नौनिहालों का बुरा हाल हो जाता है।
इन स्कूलों में अभिभावकों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम लेने के साथ ही कोर्स, ड्रेस, जूता, टाई, बेल्ट के नाम पर मोटी रकम वसूल की जाती है। कुछ विद्यालयों में तो बिना मान्यता के ही इंटर की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस सबके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालन पर रोक नहीं लग पा रहे हैं। ये स्कूल संचालक बच्चों व उनके परिजनों को अंग्रेजी माध्यम व बेहतरीन गुणवत्तापरक शिक्षा का सब्ज बाग, रंग बिरंगी होर्डिंग पोस्टरों को दिखा प्रत्येक स्तर पर शोषण करते देखे जा सकते हैं। ऐसे अनगिनत जगहों पर बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की भरमार देखी जा सकती है। इनमें कई ऐसे भी मान्यता प्राप्त विद्यालय शामिल हैं जो बिना अपग्रेडिंग के इण्टर तक की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। हर चौराहे पर बड़े -2 फलेक्स बोर्ड, पोस्टर, बैनर व स्कूल वाहन का ताम झाम दिखाकर अभिभावकों की जेबों पर खुलेआम दिन के उजाले में डाका डाल रहे हैं। सब कुछ अच्छी तरह जानते हुए भी जिले के जिम्मेदार विभागीय अधिकारी अन्जान बने बैठे हैं। हम इसे शिक्षा विभाग की असफलता कहे या नजरअंदाजी ??